सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (chhattisgarh assembly elections) के दूसरे चरण में 17 नवंबर को वोटिंग है। भिलाई के मतदाता भी इसी दिन वोट डालेंगे। भिलाई स्टील प्लांट में काम करने वाले करीब 50 हजार अधिकारी, कर्मचारी और ठेका मजदूर सीधेतौर पर जिले की 4 सीटों पर असर डाल सकते हैं।
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भिलाईनगर, दुर्ग ग्रामीण, पाटन, वैशालीनगर सीट पर बीएसपी कर्मचारियों की दखल है। इस बात को भिलाईनगर (Bhilai Nagar) से कांग्रेसी विधायक और प्रत्याशी देवेंद्र यादव बखूबी जानते हैं। इसलिए भाजपा को घेरने के लिए बार-बार मान्यता प्राप्त यूनियन बीएमएस पर हमला बोला जा रहा है।
यूनियन चुनाव में कर्मचारियों से वादा किया गया था कि केंद्र में भाजपा सरकार है। इसलिए यहां चुनाव जीत गए तो कर्मचारियों का ट्रांसफर करा लेंगे। बोनस अच्छा दिलवाएंगे। बकाया एरियर का मामला हल कराएंगे। लेकिन, वास्तव में एक भी ऐसा काम नहीं हुआ, जिससे कर्मचारियों का विश्वास जीता जा सके।
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उल्टे वसूली के कई आरोप लग गए। यह आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि बीएमएस के अरविंद पांडेय ने लिखित रूप से लगाया है। मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है। 50 ग्राम सोना का वादा भी झूठा साबित हुआ। इस बात को देवेंद्र यादव ने मजबूती से पकड़ लिया है। अब बार-बार भाजपा को घेरने के लिए बीएमएस पर हमला बोल रहे हैं।
बीएमएस को जीत दिलाने में जुटी थी बीजेपी
बीएमएस को जीताने के लिए पूर्व मंत्री व भाजपा प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय (BJP candidate Prem Prakash Pandey) जुटे थे। बीएमएस के जरिए उन्हें कांग्रेसी घेर रहे हैं। भिलाईनगर विधानसभा क्षेत्र में लगभग पूरा टाउनशिप आ रहा है और यहां के कर्मचारियों की अनेक समस्याएं हैं।
सबसे प्रमुख बीएसपी कर्मियों (BSP Employees) की मांग लंबित वेतन समझौता है। हजारों कर्मचारियों के साथ-साथ ठेका मजदूर आसपास के विधानसभा क्षेत्रों से भी आते हैं, जिन्हें पूरी मजदूरी तक नहीं मिलती।
कर्मचारियों के इन मुद्दों का आखिर क्या होगा
वर्तमान में भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में जो यूनियन मान्यता में है, वह भारतीय जनता पार्टी की जन संगठन भारतीय मजदूर संघ BMS है। और उन्होंने चुनाव में बड़े-बड़े वादे किए थे और चुनाव जीत भी गए। लेकिन उसके बाद एक भी वादा पूरा नहीं कर पाए। डबल इंजन की सरकार का दावा हवा-हवाई साबित हुआ।
अब चूंकि चुनाव का वक्त है। और कर्मचारियों-अधिकारियों और 2017 से सेवानिवृत कर्मचारी की एक लंबित मांग 39 माह का एरियर, पर्क्स का एरियर और कुल मिलाकर वेतन समझौते को पूरा कराना है।
सांसद विजय भी आ रहे लपेट में
खास बात यह है कि दुर्ग जिले के सांसद विजय बघेल भी भाजपा से हैं। सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन सीट से भाजपा प्रत्याशी भी हैं। इस्पात मंत्रालय में सलाहकार हैं। लेकिन इन सबके बाद भी उन्हें कोई सफलता नहीं मिल सकी।
कर्मियों के मुद्दे लंबित है। और इन लंबित मुद्दों के लिए प्रबंधन के साथ-साथ सरकार की नीतियां और इस्पात मंत्रालय पर निष्क्रियता का भी आरोप लग रहा है।
इन मुद्दों को लेकर देवेंद्र यादव ट्रेड यूनियनो के कार्यालय पहुंचकर अपना समर्थन मांग रहे हैं। और नाकामी का ठीकरा केंद्र की भाजपा सरकार और BMS पर फोड़ रहे हैं।