- भिलाई इस्पात संयंत्र से किसी भी तरह का संबंध न रखने वाले कोई भी भारी वाहन को भिलाई परिसीमन क्षेत्र में वर्जित किया जाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 4 फरवरी को सुबह लगभग 8:30 बजे नंदिनी रोड ओवर ब्रिज में गलत दिशा से रेत से भरे डंपर के अनियंत्रित ढंग से घुस जाने के कारण ड्यूटी जा रहे कोक ओवन विभाग में कार्यरत 55 वर्षीय रामफल पूरना दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिनका इलाज के दौरान पैर काटना पड़ गया।
इस मुद्दे को लेकर बुधवार को सीटू की टीम मुख्य महाप्रबंधक सेफ्टी के कार्यालय पहुंचकर उन्हें पत्र दिया। पत्र की प्रतिलिपि कार्यपालक निदेशक वर्क्स एवं डायरेक्टर इंचार्ज भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) को प्रेषित किया गया।



इस संदर्भ में सीटू का दो टूक मानना है कि सुरक्षा प्रथम का नारा देने वाली प्रबंधन को सुरक्षा के मुद्दे पर बात करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। सीटू बैठकों के विषय में हमेशा कहता है कि कर्मियों एवं आमजन से जुड़े हुए मुद्दों पर बातचीत करने के लिए कार्यालय समय समाप्त होने के बाद भी सीटू बैठक करने के लिए तैयार रहता है। प्रबंधन से भी कई बार इस बात को कह चुका है। सीटू को समय देते समय प्रबंधन को इस बात का ख्याल रखना चाहिए।
गंभीर नहीं है रोड सेफ्टी को लेकर प्रबंधन
सीटू नेताओं ने कहा-सुरक्षा के मुद्दे पर अनेकों बार पत्र देने के बाद भी सड़क सुरक्षा को लेकर प्रबंधन गंभीर नजर नहीं आता है, जिसके परिणाम स्वरूप अब जान पर बन आने वाली घटनाएं संयंत्र के परिसीमन क्षेत्र के अंदर घटने लगी है।
इससे प्रबंधन अपना पीछा नहीं छुड़ा सकता। सीटू नेता ने कहा कि 18 नवंबर 2023 को निजी काम के लिए भिलाई के अंदर के मार्गों का इस्तेमाल करते हुए राजहरा जा रहे ट्रक की चपेट में आने से रात्रि पाली जा रहे संयंत्र के स्टोर विभाग में कार्यरत आर कोटेश्वर राव की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, जबकि उस ट्रक को भिलाई के अंदर से नहीं गुजरा चाहिए था।
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यूनियन ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। किंतु प्रबंधन ने खाना पूर्ति करके मामले को रफा दफा कर दिया। यदि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में और गंभीर घटनाएं सामने आ सकती है
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दुर्घटना हो जाने के बाद हरकत में आती है प्रबंधन
सुरक्षा प्रबंधन को लेकर सीटू ने कहा कि दुर्घटना होने के बाद तो सभी हरकत में आ जाते हैं। किंतु दुर्घटनाएं होने की आशंकाओं को भापते हुए उनके कारणों को दुरुस्त करने की दिशा में प्रयास करना ही सुरक्षा प्रबंधन का कार्य है। किंतु अक्सर देखते हैं कि सुरक्षा प्रबंधन हो या संयंत्र का कार्मिक अथवा वर्क्स प्रबंधन हो सभी घटना दुर्घटना हो जाने के बाद ही हरकत में आते हैं। मामला ठंडा होते ही खुद भी उस मामले को लेकर ठंडे पड़ जाते हैं।
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बाहरी भारी वाहनों के प्रवेश निषेध का शक्ति से पालन करवाए प्रबंधन
सीटू ने उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन से कहा है कि रोड सेफ्टी के मामले में भिलाई इस्पात संयंत्र से किसी भी तरह का संबंध न रखने वाली कोई भी भारी वाहन को भिलाई परिसीमन क्षेत्र में प्रवेश निषेध का शक्ति से पालन करवाने हेतु शासन प्रशासन से चर्चा कर समुचित उपाय किया जाए।