- प्रबंधन के नकारात्मक रवैया से आक्रोशित हैं कर्मचारी।
- इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह ने प्रबंधन को कोसा।
- सेल प्रबंधन ने एरियर के मामले में कर्मचारियों के साथ पूरी तरह से धोखा किया।
- सेल प्रबंधन का रूख पूरी तरह से तानाशाही भरा है।
- जल्द शुरू करें 650 स्क्वायर फीट तक लाइसेंस स्कीम।
- स्पीड लिमिट क्रॉस करने पर सस्पेंड करना तानाशाही है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील इंप्लाइज यूनियन इंटक के कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें भिलाई प्रबंधन एवं सेल प्रबंधन के कर्मचारी विरोधी रवैये पर आक्रोश व्यक्त किया गया। बैठक में रिटेंशन स्कीम एवं सब्जेक्ट टू वेकेशन स्कीम जल्द शुरू करने व 650 स्क्वायर फीट तक क्वार्टर को लाइसेंस पर देने की मांग की गई। बैठक में बीएसपी के सभी गेटों पर पहरेदार लगाए जाने पर भी आक्रोश व्यक्त करते हुए इसे कर्मचारियों को मानसिक तौर से प्रताड़ित करने वाला कदम बताया।
इंटक की कार्यकारिणी बैठक में पदाधिकारियों ने सेल प्रबंधन द्वारा लगातार कर्मचारी विरोधी निर्णय लिए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया। कार्यकारिणी सदस्यों ने कहा कि सेल प्रबंधन एरियर के मुद्दे पर अपने वादे से मुकर गया है। टाउनशिप में सब्जेक्ट टू वेकेशन स्कीम, रिटेंशन स्कीम बंद कर दिया गया है।
लाइसेंस स्कीम में सिर्फ छोटे क्वार्टर दिए जा रहे हैं। अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण उचित इलाज नहीं हो रहा है। संयंत्र के गेटों पर पहरेदार बिठा दिये गए हैं। संयंत्र में लगातार बड़ी दुर्घटनाएं हो रही है। संयंत्र के अंदर गाड़ियों की स्पीड लिमिट क्रॉस करने पर सस्पेंड करने का नोटिस दिया जा रहा है। नो एंट्री टाइम पर बड़ी गाड़ियों की आवाजाही धड़ल्ले से जारी है।
गेट पर पहरेदारी के कारण कर्मचारी अपने परिजनों का इलाज कराने भी जाने से डरने लगे हैं। प्रबंधन ने ऐसी माहौल बनाया है कि कर्मचारी पूरी तरह से मानसिक तनाव में है। प्रबंधन का यही रुख रहा तो कभी भी कर्मचारियों का गुस्सा फूट सकता है।
सेल प्रबंधन ने किया कर्मचारियों के साथ धोखा
इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा कि सेल प्रबंधन ने एरियर के मामले में कर्मचारियों के साथ पूरी तरह से धोखा किया है। सेल प्रबंधन का रूख पूरी तरह से तानाशाही भरा है।
पहली बार प्रबंधन के किसी निर्णय से पूरा भिलाई आक्रोशित है
बैठक में महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा कि टाउनशिप के मामले में भिलाई प्रबंधन के निर्णय से पहली बार नियमित कर्मचारी, रिटायर कर्मचारी एवं व्यापारी सभी आक्रोशित है। भिलाई के शीर्ष प्रबंधन को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए, वरना शांत शहर का माहौल खराब होगा, जो कि सेल प्रबंधन के लिए ठीक नहीं होगा।
स्पीड लिमिट क्रॉस करने पर सस्पेंड करना तानाशाही है
उन्होंने कहा कि संयंत्र के कई विभाग प्रमुखों ने यह आदेश जारी किया है कि तीसरी बार यदि स्पीड लिमिट क्रॉस किया गया तो कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया जाएगा। प्रबंधन का यह निर्णय पूरी तरह से तानाशाही भरा है। थोड़ा सा स्पीड लिमिट क्रॉस करने से किसी कर्मचारी को सस्पेंड कैसे कर सकते हैं? इंटक यूनियन इसका कड़ा विरोध करता है और प्रबंधन से यह मांग करता है कि इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाए।
गैर बीएसपी कर्मचारी एवं वाहनों पर स्पीड लिमिट के लिए अभी तक कोई जुर्माना या पनिशमेंट करने का मामला नहीं आया है, जबकि संयंत्र में बहुत स्पीड में इनकी गाड़ियां चलती हैं। प्रबंधन पहले यह बताएं कि इनके ऊपर क्या कार्रवाई करेगा?
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मानसिक तनाव में है कर्मचारी
वरिष्ठ सचिव के. रमन मूर्ति ने कहा कि प्रबंधन के रवैया से कर्मचारी मानसिक तनाव में है। गेट पर पहरेदार बैठा दिए जाने से कर्मचारी अपने परिजनों का इलाज कराने के लिए भी जाने से डरने लगे है। उन्होंने कहा कि पहले मेन मेडिकल पोस्ट में डॉक्टर कर्मचारी के परिजनों का भी दवाई रिपीट कर देते थे। इसके लिए कर्मचारियों को बाहर नहीं जाना पड़ता था। यह सुविधा फिर शुरू की जाए।
जल्द शुरू करें 650 स्क्वायर फीट तक लाइसेंस स्कीम
बैठक में उप महासचिव शिव शंकर सिंह ने कहा कि 650 स्क्वायर फीट तक के लाइसेंस स्कीम को जल्द लागू किया जाए। इससे कर्मचारी को राहत मिले एवं संयंत्र के क्वार्टर भी सुरक्षित रहें।
दुर्घटना का कारण जर्जर स्ट्रक्चर है
बैठक में शैलेंद्र सक्सेना ने कहा कि प्रबंधन गेट पर पहरेदारी के लिए सड़कों पर आवाजाही को कम करना बता रहा है, जबकि हकीकत यह है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में अधिकतर दुर्घटनाएं शॉप फ्लोर के अंदर होती हैं, जो कि यहां की जर्जर हो चुके स्ट्रक्चर एवं एसओपी का पालन नहीं किए जाने से होती हैं।
इंटक की बैठक में ये पदाधिकारी रहे मौजूद
बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष पूरन वर्मा, महासचिव वंश बहादुर सिंह, अतिरिक्त महासचिव शेखर कुमार शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संतोष कीचलू, उपाध्यक्ष अजय कुमार मार्टिन, गिरिराज देशमुख, उप महासचिव रमाशंकर सिंह, धनेश प्रसाद, शिव शंकर सिंह, सीपी वर्मा, पीके विश्वास, कोषाध्यक्ष दीनानाथ सिंह सर्वा, सहायक कोषाध्यक्ष जीआर सुमन, वरिष्ठ सचिव रेशम राठौर, राजकुमार, के रमन मूर्ति, गुरुदेव साहू आदि उपस्थित थे।
















