डिप्लोमा इंजीनियर्स से बीएसपी के ईडी वर्क्स ने बोकारो का दिया उदाहरण, कहा…

BSP's ED Works gave the example of Bokaro to diploma engineers, said…
गेट पास के नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल व त्वरित बनाना-यह सुरक्षा और सुविधा दोनों की दृष्टि से आवश्यक है।
  • डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन की ईडी वर्क्स राकेश कुमार से सकारात्मक संवाद।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल भिलाई स्टील प्लांट (SAIL – Bhilai Steel Plant) के डिप्लोमा इंजीनियर्स की मांग एक बार फिर प्रबंधन के पास पहुंची। भिलाई इस्पात संयंत्र में डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन, भिलाई की एक महत्वपूर्ण बैठक ईडी वर्क्स राकेश कुमार के साथ संपन्न हुई। बैठक में संयंत्र के समग्र हित को ध्यान में रखते हुए डिप्लोमा इंजीनियर्स की कैरियर ग्रोथ एवं ठेका श्रमिकों के कल्याण से जुड़े विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा हुई।

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इन मुद्दों पर ईडी वर्क्स से चर्चा

एस-6 ग्रेड से ही अधिकारी वर्ग में पदोन्नति के अवसर सुनिश्चित करना-जिससे तकनीकी कौशल से समृद्ध कर्मियों को प्रोत्साहन मिलेगा और संगठन को अनुभवी मानव संसाधन की निरंतरता मिलेगी।

एम टेक, एमबीए, पोस्ट ग्रेजुएशन इन सेफ्टी जैसे उच्च योग्यता प्राप्त डिप्लोमा इंजीनियर्स को विशेष वरीयता- इससे ज्ञान आधारित नेतृत्व को बढ़ावा मिलेगा।

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लेटरल एंट्री एवं मैनेजमेंट ट्रेनी कार्यक्रमों में विभागीय उम्मीदवारों को प्रोत्साहन-जिससे प्रतिभाशाली आंतरिक संसाधनों का पूर्ण उपयोग हो सकेगा।

म्यूचुअल ट्रांसफर के मामलों में शीघ्र एवं संवेदनशील कार्यवाही-जिससे कर्मचारी अपने कार्य और पारिवारिक जीवन में बेहतर संतुलन बना सकें।

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गेट पास के नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल व त्वरित बनाना-यह सुरक्षा और सुविधा दोनों की दृष्टि से आवश्यक है।
साथ ही ठेका श्रमिकों के कल्याण से जुड़े मुद्दों पर भी गंभीर मंथन हुआ। विशेष रूप से उनके पुराने व बड़े गेट पास को बदलकर छोटे व नए स्वरूप में जारी करने एवं अच्छे रेस्ट रूम सकारात्मक चर्चा हुई, जिससे कार्यस्थल पर सम्मान एवं सन्तुष्टि का अनुभव हो सके।

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बैठक के दौरान ईडी वर्क्स राकेश कुमार ने “प्लांट ऑनरशिप” की भावना को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। उन्होंने बताया कि 4 एम (मेन,मशीन, मैथड, मटेरियल) में से “मेन” की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि वही संयंत्र की आत्मा है। उन्होंने कहा कि जब हर व्यक्ति अपने कार्यस्थल को अपनी ज़िम्मेदारी समझेगा, तभी उत्पादन, गुणवत्ता और सुरक्षा में वास्तविक बदलाव आएगा।

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राकेश कुमार ने यह भी साझा किया कि बोकारो इस्पात संयंत्र में मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने वहां सभी के सहयोग से कुछ हटकर व्यवस्थागत परिवर्तन की दिशा में पहल की जिससे उत्पादन क्षमता, कार्य संस्कृति और कर्मचारी संतोष में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला।

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उन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों को कहा कि आप सब समय समय पर इसी प्रकार मिलकर संयंत्र हित में अपने सुझाव दीजिए जिससे हम सब मिलकर अच्छा कर सकें, इनसे न केवल कार्य कुशलता में वृद्धि होगी, बल्कि कर्मचारी हैप्पीनेस और सहभागिता भी नई ऊंचाइयों को छूएगी।

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एसोसिएशन ने विश्वास जताया कि ऐसी बैठके संयंत्र के उज्जवल भविष्य और कर्मचारी कल्याण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम सिद्ध होगी।

बैठक में प्रमुख रूप से अध्यक्ष राजेश शर्मा, मोहम्मद रफी, रमेश कुमार, अभिषेक सिंह, सौरभ सुमन, उषाकर चौधरी, घनश्याम साहू, अजय तमुरिया, सुदर्शन, विश्वमूर्ति तिवारी, अभिषेक, सोनू मेहता, मनीष यादव, धर्म सिंह, नील पटेल, किरण, रोहित पांडे, किशोर साव, प्रमोद पूरी आदि उपस्थित थे।

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