मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले की निंदा, कम्युनिस्ट पार्टी संग बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने खोला मोर्चा

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  • न्यायपालिका सहित सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर दबाव बनाने और उन्हें ध्वस्त करने की साज़िश हो रही।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के बोकारो लोकल कमिटी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की निंदनीय घटना की कड़ी भर्त्सना की है। सेल बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारी एवं सचिव राज कुमार गोरांई ने कहा कि यह घटना न केवल न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति बढ़ती असहिष्णुता का गंभीर संकेत भी है।

यह अत्यंत आपत्तिजनक और स्तब्ध कर देने वाली बात है कि सर्वोच्च न्यायालय की खुली अदालत में एक अधिवक्ता द्वारा मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंका गया और “सनातन धर्म” के नाम पर नारेबाजी की गई। यह कृत्य न्यायालय की गरिमा और शुचिता पर सीधा प्रहार है।

पार्टी ने मांग की है कि इस घटना में शामिल अधिवक्ता, जो सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन में पंजीकृत हैं और जिन्हें हिरासत में लिया गया है, के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और पार्टी नेताओं द्वारा खुलेआम किए जा रहे जातिवादी, मनुवादी और सांप्रदायिक बयानों ने ऐसे असामाजिक तत्वों को प्रोत्साहित किया है। समाज में नफरत और विभाजन फैलाने वाले ये विचार न्यायपालिका सहित सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर दबाव बनाने और उन्हें ध्वस्त करने की साज़िश का हिस्सा हैं।

सीपीएम का मानना है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता, गरिमा और संविधान के मूल मूल्यों की रक्षा करना हर नागरिक और राजनीतिक दल का दायित्व है। पार्टी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए देशभर के लोकतांत्रिक जनों से अपील करती है कि वे ऐसे हमलों और नफरत फैलाने वाले विचारों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं।