- कर पूर्व लाभ तथा कर पश्चात लाभ एबीटा का मात्र 25% ही रह जाता है, जो कहीं न कहीं सेल के ऑडिट रिपोर्ट पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल (SAIL) के उत्पादन लागत तथा बिक्री मुल्य का आँकड़ा इंटरनेट मीडिया पर जारी होने के बाद सेल कर्मी कम मुनाफा पर सवाल उठा रहे है। सेल के सभी पाँच एकीकृत स्टील प्लांटो के उत्पादन लागत का आँकड़ा सार्वजनिक हुआ है। जिसके तहत सबसे अधिक उत्पादन लागत भिलाई स्टील प्लांट का तथा सबसे कम उत्पादन लागत बोकारो स्टील प्लांट का आया है।
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सेल के स्टील प्लांटो का लागत ₹/प्रति टन के हिसाब से
इकाई: लागत
भिलाई: 44493
दुर्गापुर: 43846
राउरकेला: 43268
बोकारो: 41496
बर्नपुर: 41868
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सेल का प्रोडक्ट का औसत बिक्री मूल्य
फ्लैट प्रोडक्ट (बोकारो, राउरकेला ) — ₹47300 प्रति टन
लॉंग प्रोडक्ट (भिलाई, दुर्गापुर , बर्नपुर ) — ₹52500/टन
आयातित कोल की लागत — ₹18500 प्रति टन
मुनाफा मात्र 3000 करोड़ रुपया
एक टन उत्पाद लागत तथा बिक्री के बीच औसतन ₹7000 का लाभ आने तथा 17 मिलियन टन बिक्री होने के बावजुद मुनाफा मात्र 3000 करोड़ रुपया होने पर सेल कर्मी सवाल उठा रहे हैं। कर्मियों का कहना है कि दिन-प्रतिदिन उत्पादन में नया किर्तिमान बनाया जा रहा है, जिसकी घोषणा सेल तथा उसकी यूनिट प्रबंधन खुद करते रहती है। एबीटा तक आँकड़ा भी काफी अच्छा रहता है, लेकिन उसके बाद कर पूर्व लाभ तथा कर पश्चात लाभ एबीटा का मात्र 25% ही रह जाता है, जो कहीं न कहीं सेल के ऑडिट रिपोर्ट पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है।
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हरिओम ने खोले पोल, पढ़ें
बीएकेएस अध्यक्ष हरिओम ने कहा-पिछले 6-7 सालों में सेल का कुल एबीटा 60000 करोड़ रुपया से अधिक है। इस वर्ष भी 11000 करोड़ रुपया से अधिक है। फिर भी कर पूर्व लाभ मात्र 3000 करोड़ रुपया ही प्रदर्शित किया गया है। प्रत्येक वर्ष 6000-7500 करोड़ रुपया कैपेक्स में खर्च किया जा रहा है।
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सेल का ऋण भी कम हो रहा है, जो साबित करता है कि कर्मियों के मेहनत से कमाए पैसे के कॉपर्स लगाया जा रहा है, जबकि कर्मियों के कई माँगों को एक दशक से अधिक समय से अटकाया गया है।
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