कर्मचारी पेंशन योजना 1995: भारतीय मजदूर संघ ने 5000 न्यूनतम पेंशन मांगा, पेंशनभोगी तिलमिलाए

Employees Pension Scheme 1995: Bharatiya Mazdoor Sangh demands minimum pension of Rs 5000, pensioners are upset
बीएमएस ने किसके सुझाव और सिफारिश पर मांग की। इधर-चेन्नई में एक ट्रेड यूनियन के नेता ने न्यूनतम 9000 रुपये पेंशन मांगी है।
  • नाराज पेंशनर ने कहा-अब 100% यकीन है कि जब तक वर्तमान PM और FM कार्यालय में रहेंगे। सभी वर्तमान EPS पेंशनभोगी भिखारी ही रहेंगे। बाकी सब सर्वशक्तिमान पर छोड़ देते हैं। जय हिन्द…।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995): भारतीय मजदूर संघ ने न्यूनतम पेंशन 5000 रुपए की मांग की है। इस मांग को लेकर पेंशनभोगी भड़के हुए हैं। पेंशन आंदोलन करने वाले 7500 रुपए की मांग कर रहे हैं। इससे इतर बीएमएस ने 5000 की मांग करके पेंशन आंदोलन करने वालों को दुविधा में डाल दिया है।

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पेंशनभोगी C Unnikrishnan ने कहा-BMS ने सरकार से ईपीएस पेंशन 5000 रुपये बढ़ाने के लिए कहा है। पता नहीं किसके निर्देश और पर ये सिफारिश की है। जब NAC और EPS पेंशनर्स अन्य संघ 7500 रुपये प्लस DA और चिकित्सा लाभ की मांग कर रहे थे। इसी बीच अचानक चेन्नई में एक ट्रेड यूनियन के नेता ने न्यूनतम 9000 रुपये पेंशन मांगी है।

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पेंशनर ने कहा-वर्तमान में जो हालात हैं, निकट भविष्य में कुछ नहीं होने वाला है। लगभग 30 महीने बीत चुके हैं जब सुप्रीम कोर्ट ने सुधार पर निर्णय लिया है। किसी भी देश में सामान्य परिस्थितियों में लोग/नेता न्यायालय से निकलने वाले किसी भी आदेश का सम्मान और पालन करते हैं।

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ईपीएस पेंशन मामले में सुप्रीम कोर्ट से आदेश आया है। लेकिन हमारी अड़ियल सरकार ने आज की तरह इस आदेश को कोई महत्व नहीं दिया है। लोगों को भ्रमित करने के लिए, कर्मचारी और नियोक्ता सरकार दैनिक आधार पर बिना किसी सिर और पूंछ के कुछ समाचार सामग्री दे रही है।

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मामले को और अधिक भ्रमित करने के लिए अब वे ट्रेड यूनियनों को मामले में हस्तक्षेप करने के लिए लाए हैं। इस विचार के साथ सरकार सोच रही होगी कि वे इस मामले को आगे भी संभालेंगे। अंत में हम पेंशनभोगी अब महसूस कर चुके हैं कि हमारी वर्तमान सरकार एससी के आदेश या एनएसी और अन्य संगठनों के अनुरोध/मांग को कोई महत्व नहीं दे रही है।

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साथ ही संसद में हुई चर्चाओं को सबका साथ सरकार कोई महत्व नहीं दे रही है। अभी तक भाजपा सत्ता में खानदान की बात करती रही है। अब यह पूरी तरह से एक आदमी का शासन बन गया है, जो भारत में सुपर सीनियर सिटीजन द्वारा सामना की जाने वाली परिवारों और समस्याओं को नहीं जानता है।

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अब 100% यकीन है कि जब तक वर्तमान PM और FM कार्यालय में रहेंगे। सभी वर्तमान EPS पेंशनभोगी भिखारी ही रहेंगे। बाकी सब सर्वशक्तिमान पर छोड़ देते हैं। जय हिन्द…।

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