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EPS 95 Higher Pension: कोर्ट की अवमानना कर रहा है EPFO, Supreme Court जा रहे पेंशनर्स

EPS 95 Higher Pension: कोर्ट की अवमानना कर रहा है EPFO, Supreme Court जा रहे पेंशनर्स

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा फिर से खटखटाने की बात सामने आ रही है। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत ईपीएस 95 हायर पेंशन का इंतजार करने वाले पेंशनभोगियों के सब्र का बांध अब टूट रहा है।

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पेंशनर्स खुलकर बोलना शुरू कर चुके हैं कि ईपीएफओ लगातार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहा है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में इस केस को लेकर जाना चाहिए। जल्द ही तैयारी करके पेंशनभोगियों के हक में न्याय की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

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ईपीएस 95 पेंशनर्स के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पीके कपूर ने खुलकर लिखा-अब समय आ गया है कि ईपीएफओ द्वारा पेंशनभोगियों को उच्च पेंशन के लिए पात्र बनाने के लिए पारित आदेशों का पालन न करने और अवमानना के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाया जाए।

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लेकिन यह बहुत ही दुखद है कि ईपीएफओ ने गैर और छूट प्राप्त संगठनों के मुद्दों को उठाकर अपना रुख बदल दिया है, इसलिए मामला कोर्ट में है। सभी पेंशनभोगियों को सर्वश्रेष्ठ के लिए इंतजार करना चाहिए।

वृद्ध पेंशनभोगी लाभ लेने के लिए जीवित नहीं रहेगा…

इस पर कमेंट करते हुए बसकरन सुब्रमण्यम अय्यर ने लिखा-अभी 10 साल और लगेंगे, कोई भी वृद्ध पेंशनभोगी लाभ लेने के लिए जीवित नहीं रहेगा…। परक्कल रामानुजन ने भी कमेंट किया। लिखा-इस तरह के मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट जल्द से जल्द फैसला क्यों नहीं सुना रहा है। बस वृद्ध पेंशनभोगी मूर्खों की तरह सुन रहे हैं। बसकरन सुब्रमण्यम अय्यर ने जवाब दिया कि वृद्ध गरीब पेंशनभोगियों की कोई सुध नहीं लेता…।

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ईपीएफ पेंशनर्स वर्तमान में सबसे गरीब वर्ग के लोगों की पंक्ति में सबसे पीछे

वहीं, ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन 1000 से बढ़ाकर 7500 रुपए अब तक नहीं होने पर कौशल उप्पल ने लिखा-ठीक है…। मोदी सरकार को स्थिति पर विचार करना चाहिए और एक राजनेता की तरह व्यवहार करना चाहिए।

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उन्हें यह समझना चाहिए कि ईपीएस पेंशनर्स जैसे बुज़ुर्गों ने अपनी युवावस्था में राष्ट्र के विकास में बहुत योगदान दिया है। उन्हें सामाजिक न्याय, समानता और वित्तीय सशक्तिकरण से वंचित करना उन्हें और भी ज़्यादा मुश्किलों में डालने के बराबर है। ईपीएफ पेंशनर्स वर्तमान में सबसे गरीब वर्ग के लोगों की पंक्ति में सबसे पीछे हैं। उन्हें और परेशान करने से सरकार पर बुरा असर पड़ेगा।

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