EPS 95 Pension: मोदी सरकार टस से मस नहीं, पेंशनभोगी कलेक्टर को थमा रहे मांग पत्र, जाएगा PMO

EPS 95 Pension: Comment on Modi government, pensioners are handing over the demand letter to the collector, will go to PMO
प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपने के बाद कलेक्टर रायपुर छत्तीसगढ़ से मुलाकात की गई। पेंशनभोगियों ने अपना दुखड़ा सुनाया।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने ईपीएस 95 पेंशनर्स राष्ट्रीय आंदोलन समिति द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी आंदोलन।

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) के तहत ईपीएस 95 पेंशन का आंदोलन चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक आवाज पहुंचाने के लिए कलेक्टर का सहारा लिया जा रहा है। देशभर के कई राज्यों में कलेक्टर के माध्यम से मांग पत्र पीएमओ भेजा रहा है। रायपुर के कलेक्टर से भी पेंशनभोगी मिले। अपना दुखड़ा सुनाया। पीएम मोदी को संबोधित मांग पत्र सौंपा।

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सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने ईपीएस 95 पेंशनर्स राष्ट्रीय आंदोलन समिति (EPS 95 Pensioners National Movement Committee) द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपने के बाद कलेक्टर रायपुर छत्तीसगढ़ से मुलाकात की गई।

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कलेक्टर से मुलाकात की बात सामने आने पर पेंशनभोगी कुमार ब्रजेश ने प्रतिक्रिया दी कि जिस ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सरकार बनाने में साथ दिया है वो सब भुक्तभोगी है।

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पेंशनर सुदर्शन बैस ने भी भड़ास निकाली। कहा-सर अब तो लड़ने में समय बर्बाद करने से अच्छा अपने जीवन का बहुमूल्य समय अपनी सेहत और अपने लोगों को दीजिए। #StopFightingForEPS95।

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सनत रावल ने पेंशन आंदोलन का समर्थन किया। कहा-रायपुर, छत्तीसगढ़ के ईपीएस-95 पेंशनभोगियों/वरिष्ठ नागरिकों को शुभकामनाएं। रुकें नहीं, रुकें नहीं, अपने लक्ष्य तक पहुंचें। एनएसी जिंदाबाद।

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सुरेश सहस्रभोजनी की प्रतिक्रिया आई कि हम GREWA (GEB सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संघ) गुजरात, वडोदरा ने भी 25-03-2025 को अपने कलेक्टर के माध्यम से प्रधान मंत्री को ज्ञापन दिया।

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वहीं, पेंशनभोगी अनिल रामदेव ने कहा-हम तो इसे पेंशनरों के साथ सबसे बड़ा धोखा ही समझें नहीं तो क्या समझें। सुना है लोक लेखा नामक कमेटी ने 31 मार्च 2024 ने अपनी रिपोर्ट में एक सच्चाई उजागर की है कि EPFO के खाते में दावा विहीन मामलों के मद में 8.8 लाख करोड़ की रकम देनदारी मद में पड़ी हुई है, जिसका खर्च अन्य मद में नहीं किया जा सकता है,तो फिर सरकार इस पर कोई नीतिगत निर्णय ले कर लाखों पेंशनरों की पीड़ा दूर तो कर ही सकती है। बस मंशा नेक होने की जरूरत है,जो अब तक कहीं दिखाई ही नहीं दे रही है।

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