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EPS 95 पेंशन: पेंशनभोगी पानी पी-पी कर कोस रहे सरकार-EPFO को, कोई शायर बना, कोई व्यंग्यकार

EPS 95 पेंशन: पेंशनभोगी पानी पी-पी कर कोस रहे सरकार-EPFO को, कोई शायर बना, कोई व्यंग्यकार

पेंशनर्स ने लिखा-मैं उन लोगों से अनुरोध करता हूं, जिन्हें राजनीति करनी है, वे मैदान में जाएं। इस समूह में नहीं…।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन की वृद्धि को लेकर फिलहाल सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। पेंशनर्स, सरकार और EPFO से खासा नाराज हैं। सोशल मीडिया पर इसकी झलक देखने को मिल रही है।

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नाराजगी इतनी है कि कोई शायर बन गया तो कोई व्यंग्यकार…। मंत्री और ईपीएफओ पर जमकर कटाक्ष किया जा रहा है। कोई चुनाव बहिष्कार तो कोई खिलाफ में वोट करने का दम भर रहा है। अबकी बार पूरा साफ करने का नारा तक दिया जा रहा है।

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पेंशनर्स Nitin Bhagwat ने पेंशनभोगियों के फेसबुक पेज पर लिखा-बाय बाय धरना प्रदर्शन, आंदोलन और भूख हड़ताल…। 3 महीने के लिए आचार संहिता लागू हो चुकी है। फिर मिलते हैं जुलाई में…। नई ऊर्जा के साथ…। हम मरते दम तक कमांडर राउत & Company के साथ थे है और रहेंगे…। इसके अलावा कोई चारा नहीं…।

पेंशनर्स Asharfi Mandal ने यह सलाह दी

यह जानते हुए कि हमारा संगठन एक गैर-राजनीतिक संगठन है। कई लोग इस समूह में लगातार राजनीतिक विचारधारा के बारे में लिख रहे हैं। यह अनजाने में है। मैं उन लोगों से अनुरोध करता हूं, जिन्हें राजनीति करनी है, वे मैदान में जाएं। इस समूह में नहीं…। कई बड़े राजनीतिक संगठन हैं।

कौन सा संगठन हम जैसे पेंशनभोगियों के लिए सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन कर रहा है? हमें अपनी मांगें मनवाने के लिए और आंदोलन करना होगा। मैं अपने केंद्रीय नेताओं को उनके अमानवीय परिश्रम के लिए धन्यवाद देकर उनका अपमान नहीं करना चाहता। बस इतना कहना चाहता हूं कि आगे बढ़ते रहो हम तुम्हारे साथ हैं।

अबकी बार पूरे साफ…

पेंशनर्स Sasi Nair ने लिखा-अबकी बार पूरे साफ…। Eps 95 pensioners zindabad…। वहीं, Prasant Mukherjee का पोस्ट भी काफी नाराजगी से भरा था।

आचार संहिता लगने से पहले किए गए पोस्ट में लिखा था-If Pension hike not decided by Modi Govt before 2024 General Election then bycot giving votes to BJP BY SR. CITIZENS EPS95 PENSIONERS.

Swadesh Dasgupta तो बन गए शायर

“Koi humdum naa raha, koi Sahara naa Raha. Hum kisi kay naa rahean, koi hamara naa raha.” ( koi galaat fahami may naa rahey, aab iss sarkar per koi Bharosha nahi).