- वेतन समझौता, ग्रेच्युटी सीलिंग, ठेका श्रमिकों पर लोग पूछते रहे सवाल, नहीं आया इन मुद्दों पर कोई जवाब।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha ELection 2024) के तीसरे चरण के मतदान में अब चंद दिन ही बचे हैं। दुर्ग जिले के वोटर्स मताधिकार का प्रयोग करेंगे। दुर्ग सीट पर बड़े वोटर के रूप में भिलाई स्टील प्लांट का नाम भी आता है। यहां के कर्मचारी, अधिकारी और ठेका मजदूर भिलाईनगर, दुर्ग ग्रामीण, पाटन, अहिवारा, वैशालीनगर एरिया में रहते हैं। मौजूदा सांसद विजय बघेल को लेकर कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। कर्मचारी खुलकर बोल रहे हैं कि आखिर विजय बघेल ने वेतन समझौता, ग्रेच्युटी सीलिंग, ठेका श्रमिकों की मजदूरी को लेकर क्या किया?
यही मुद्दा नेशनल टीवी पर भी छाया हुआ है। भिलाई के सिविक सेंटर में एक नेशनल न्यूज चैनल का प्रोग्राम हुआ। चुनाव पर चर्चा रखी गई थी, उस कार्यक्रम में सीटू, एटक, एक्टू, लोइमू, आम आदमी, पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बीजेपी के लोग उपस्थित थे।
बीएसपी कर्मचारी एसपी डे ने 88 महीने बीत जाने के बाद भी वेतन समझौते न होने और लंबित मुद्दों का निराकरण न होने के संदर्भ में भाजपा प्रवक्ता से सवाल पूछा। वहीं, एमएस शांत कुमार ने EPS 95 हायर पेंशन (Higher Pension) के मुद्दे, सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णय दिए जाने के बावजूद अमल न करने के संदर्भ में जानकारी मांगी तथा डीवीएस रेड्डी ने भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी रहे सांसद महोदय के प्रतिनिधि से ग्रेच्युटी सीलिंग के संदर्भ में सवाल पूछे।
लोईमु के जयप्रकाश नारायण ने भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में ठेका मजदूरों (Contract Workers) का शोषण और उनके सामाजिक सुरक्षा एवं ईएसआई अस्पताल के बारे में सवाल किया। वहीं, विनोद कुमार सोनी ने मोदी जी के कहे अनुसार 15 लख रुपए खाते में आने एवं हर साल 2 करोड़ को नौकरी देने के संदर्भ में सवाल किया।
सवालों की बारिश होती रही, लेकिन विजय बघेल के प्रतिनिधि सीधा जवाब देने से बचते नजर आए। इस कार्यक्रम में उपस्थित जूनियर जलोटा नाम से प्रसिद्ध गायक प्रभंजय चतुर्वेदी ने सवाल पूछा कि भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा बनाए गए रेल पात जो पृथ्वी को 14 बार से ज्यादा लपेट सकते हैं, इतनी रेल पटरी का उत्पादन हमने किया लेकिन एक भी ट्रेन का नाम भिलाई के नाम से क्यों नहीं रखा गया और दूसरा सवाल हर सरकार कहती रही है भिलाई को स्टील सिटी का दर्जा देंगे, लेकिन अभी तक वह मांग ही रह गई है। पूरे कार्यक्रम में बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी हर काम में अपनी उपलब्धि और विरोधियों पर आरोप लगाते रहे।
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने संसद में पहुंचने वाले 40% पर अपराधीक मुकदमे दर्ज है उनका मुद्दा उठाया तो एक सामाजिक कार्यकर्ता ने भाजपा कांग्रेस दोनों पर चुनाव पूर्व शराबबंदी की बात की। लेकिन चुनाव के बाद राज्य की भाजपा सरकार द्वारा शराब पर नया ब्रांड लाने की बात कही। लेकिन सवालों की तो बौछार होती रही लेकिन कहीं से भी तर्कसंगत उत्तर नहीं आए।
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गोलमोल जवाब देते रहे। कुल मिलाकर भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों के मुद्दे वेतन समझौते, निजीकरण, टाउनशिप, अस्पताल, एजुकेशन पर सवाल होते रहे, किसी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। बस हर सवाल के जवाब में मोदी का विकास, मोदी का काम, बस मोदी मोदी होता रहा। जबकि सांसद विजय बघेल के द्वारा किए गए कार्यों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया जाना चाहिए था जो कि नहीं हुआ।
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वहां, मौजूद कई कर्मी वेतन समझौता, ग्रेच्युटी सीलिंग, पेंशन आदि पर बोलने के लिए भाजपा प्रवक्ता पर जोर लगाते रहे। किंतु उन्होंने मुद्दों पर मुंह तक नहीं खोला। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उन्हें इन सवालों का उत्तर ही नहीं मालूम है।