SAIL वेतन समझौते के नाम पर धोखाधड़ी और RINL में 800 दिन से जारी है प्रदर्शन, Citu उतरा सड़क पर

Fraud in the name of SAIL wage settlement and protest continues for 800 days in RINL

Suchnaji.com न्यूज, भिलाई। मई दिवस के अवसर पर हिंदुस्तान स्टील इम्प्लाइज यूनियन सीटू कार्यालय सेक्टर-4 में सुबह 8 बजे ध्वजारोहण किया गया। इसके बाद 8:30 बोरिया गेट में ध्वजारोहण किया गया एवं इस अवसर पर मई दिवस की श्रमिक साथियों को शुभकामनाएं दी गई एवं अपील की गई आगे संघर्षों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

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विशाखापट्टनम संघर्ष के साथ एकजुटता प्रदर्शित किया भिलाई सीटू ने

सीटू नेताओं ने कहा एक तरफ आरआईएनएल विशाखापट्टनम में पिछले 800 दिन से ज्यादा दिनों से वहां के श्रमिक अपनी कंपनी को बचाने की लड़ाई सड़कों पर लड़ रहे हैं। दूसरी तरफ एनजेसीएस में हुए आधे अधूरे एमओयू के साथ हुए वेतन समझौता के तहत निर्धारित की गई एमजीबी एवं पर्क्स को लागू करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिसके खिलाफ आरआईएनएल के श्रमिकों के संघर्षों साथ एकजुटता व्यक्त कर उनकी लड़ाई में अपना समर्थन व्यक्त किया।

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भिलाई सेल में भी करना होगा संघर्ष तेज

सीटू नेता ने कहा कि वेतन समझौता में आधा अधूरा एमओयू हुआ किंतु वह भी पूरी तरह से लागू नहीं है। ठेका मजदूरों का हालत बद से बदतर है। एक तरफ समय पर वेतन नहीं दिया जाता तो दूसरी तरफ पूरा वेतन उसे हमेशा भी वंचित रहते हैं। संयंत्र के अंदर भी 8 घंटे के बाद 16 घंटा और कहीं-कहीं तो 24 घंटे तक ठेका मजदूरों को काम के लिए रोक लिया जाता है।

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संयंत्र के एक एक करके विभागों को षडयंत्र पूर्वक आउटसोर्स किया जा रहा है। सरकार द्वारा सार्वजनिक उद्योगों पर किए जा रहे हमलों के अनुरूप नीतियां बनती नजर आ रही है जिसके खिलाफ भिलाई से लेकर सेल के हर इकाई में संघर्षों को तेज करना होगा। वरना भिलाई सहित सेल के गा को भी धीरे-धीरे करके खत्म कर दिया जाएगा।

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मजदूरों को दासता की तरफ धकेलना चाहती है केंद्र सरकार

श्रमिक नेताओं ने कहा कि दासता की बेड़ियों को तोड़ते हुए 8 घंटे का काम, 8 घंटे का आराम एवं 8 घंटा परिवार एवं समाज के लिए वाले नारे को बुलंद करते हुए पूरे देश दुनिया में 8 घंटे के कार्य दिवस को लागू किया गया। वहीं, केंद्र सरकार 29 श्रम कानूनों को मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं में समाहित कर मजदूरों को बंधुआ बनाने की कोशिश कर रही है। उससे मजदूर फिर से दासता की तरफ चले जाएंगे।

यह सब केंद्र सरकार अपने कारपोरेट मित्रों के इशारों पर उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए कर रहा है। चारों श्रम संहिता के लागू होने से 8 घंटा काम का कानून खत्म हो जाएगा। न्यूनतम मजदूरी कानून सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कानून भविष्य निधि से जुड़े कानून सभी छिन्न-भिन्न हो जाएंगे। इसीलिए इनके खिलाफ संगठन को तेज करना जरूरी है।

भारत में 100 साल का इतिहास है मई दिवस का फिर भी नहीं है राष्ट्रीय अवकाश

भारत में 1 मई 1923 को मद्रास में सिंगारावेलु चेट्टियार के नेतृत्व में 1 मई को झंडा फहराया गया, तब से लेकर आज तक भारत में पिछले 100 सालों से मई दिवस मनाया जा रहा है। पूरी दुनिया के अंदर 110 से ज्यादा देशों में मई दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया हुआ है। वहीं भारत में लगभग 15 राज्यों से ज्यादा राज्य सरकारें 1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर अवकाश घोषित किया है किंतु हमारी देश की केंद्र सरकार अभी तक इसे राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं किया है।

अशोक खातरकर ने भारत का संविधान भेंट किया सीटू पुस्तकालय के लिए

मई दिवस के अवसर पर कार्यालय में झंडा फहराने के बाद सीटू के कार्यालय सचिव अशोक खातरकर ने सीटू कार्यालय के पुस्तकालय को भारत का संविधान की प्रति भेंट किया। आज हम सभी को सविधान में देश के नागरिकों एवं श्रमिकों के लिए दिए गए अधिकारों को पढ़ने और समझने की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि केंद्र सरकार एवं उसके नुमाइंदे लगातार संविधान को छिन्न-भिन्न करने की दिशा में ना केवल बयानबाजी कर रहे हैं, बल्कि उस दिशा में तेजी से काम कर रहे भी प्रतीत होते हैं।

भारत के संविधान में ही देश को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के साथ-साथ सबके लिए सामाजिक आर्थिक एवं राजनैतक न्याय विचार अभिव्यक्ति विश्वास धर्म एवं उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा एवं अवसर की समता राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए सभी प्रावधान किए गए हैं। जिसे छिन्न-भिन्न करने का मतलब फिर से ना केवल भेदभाव ऊंच-नीच बढ़ेगा, बल्कि समाज पूरी तरह से अस्थिरता की दिशा में बढ़ जाएगा। इसके खिलाफ संविधान का रक्षा करना हमारा संकल्प है।

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