- 39 माह के वेज रिवीजन का एरियर पेमेंट। माइंस में काम करने वाले ठेका मजदूरों के लिए भी 100 रुपए। प्रति दिन के हिसाब से भिलाई माइंस की तरह भुगतान।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। SAIL के झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस (Jharkhand Group of Mines) के प्रतिनिधियों की ईडी कार्मिक एवं प्रशासन राजन प्रसाद और ईडी माइंस दासगुप्ता के साथ इस्पात भवन (Ispat Building) में बैठक हुई। यह बैठक माइंस में मान्यता प्राप्त यूनियन एआईटीयूसी के साथ संपन्न हुई।
इसमें दोनों ईडी के साथ-साथ किरीबुरु, मेघाताबुरू, चिड़िया, गुआ और बोलानी माइंस के मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक के अतिरिक्त कार्मिक महाप्रबंधक एसएन पांडा, बीजीएच के चिकित्सा प्रशासन के प्रभारी डॉ. वर्षा घाणेकर, आईआर के कार्मिक महाप्रबंधक, महाप्रबंधक प्रभारी वर्क्स नीना सिंह, नोडल अधिकारी सोनी सिंह सहित कई महाप्रबंधक मौजूद थे।
सीजीएम कार्मिक प्रभारी हरी मोहन झा इस मीटिंग का संचालन कर रहे थे। यूनियन की ओर से बीएन सिंह वर्किंग प्रेजिडेंट माइंस फेडरेशन, रामाश्रय प्रसाद सिंह, महामंत्री बोकरो इस्पात कामगार यूनियन, गणेश सिंह, भवनाथपुर खदान, राम आगर सिंह उपाध्यक्ष, किरीबुरु माइंस के अध्यक्ष जगमोहन समद, मंत्री सूरज सिंह, मेघाताबुरु के अध्यक्ष सुरेश चंद्रपाल और सेक्रेटरी गुंजन कुमार, चिड़िया माइंस के सेक्रेटरी सहित सभी माइंस के लीडर ग्रुप मौजूद रहे।
सदस्यों के परिचय के बाद माइंस की निम्न समस्याओं पर वार्ता
-39 माह के वेज रिवीजन का एरियर पेमेंट (Arrear Payment)
–माइंस (Mines) में काम करने वाले ठेका मजदूरों के लिए भी 100 रुपए।
-प्रति दिन के हिसाब से भिलाई माइंस (Bhilai Mines) की तरह भुगतान।
-दोनों माइंस में 2 नए आधुनिक मशीनों से लैस एम्बुलेंस (Ambulance) की खरीद।
-अच्छे डॉक्टर्स और पारा मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करना।
-मेडिकल इमरजेंसी में रेफरल को बिना देरी के जरूरत मंद लोगों को सुविधा प्रदान करना।
-किरीबुरू के कम्युनिटी हॉल को काफी अच्छा बनाना।
ये खबर भी पढ़ें : Bhilai Steel Plant के 14 कार्मिकों की शहादत के गम में डूबा BSP OA, सबने ली ये शपथ…
-शुद्ध पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
-प्रमोशन में माइंस के लोगों को 2 साल का अतिरिक्त वेटेज देना।
-माइंस को निजीकरण में जाने से रोकने की प्रतिबद्धता यूनियन की प्राथमिकता।
-ट्रेनिंग पीरियड को भी सर्विस पीरियड में जोड़ना।
-मिनिमम वेज की गारंटी करना और ठेकेदार बदले, पर मजदूर नहीं।
-सभी मांगों पर प्रबंधन का रुख सकारात्मक रहा। एक समय सीमा में इसके समाधान करने का आश्वाशन प्रबंधन की ओर से मिला है।
-अंत में दोनो पक्षों ने उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी के लिए सघन अभियान चलाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
-धन्यवाद ज्ञापन प्रबंधन की ओर से हरी मोहन झा और यूनियन की ओर से रामाश्रय प्रसाद सिंह ने किया।