पिछले वर्ष 19 जुलाई की एनजेसीएस मीटिंग में रात्रि पाली भत्ता के मुद्दे को 3 महीने में सुलझाने की बात हुई थी, लेकिन आज 10 महीनों बाद भी बीएसपी कर्मचारी दशक पुराना रात्रि पाली भत्ता पा रहा है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी वर्कर्स यूनियन की साप्ताहिक बैठक में बीएसपी कर्मचारियों के वेज रिवीजन, एरियर, टाउनशिप संबंधी समस्याओं पर चर्चा हुई। बैठक में बीएसपी कर्मचारियों और यूनियन पदाधिकारियों ने वेज रिवीजन में हो रही देरी से होने वाले नुकसान और एरियर के मुद्दे पर हो रही लेट लतीफी पर चिंता जाहिर की।
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बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने बीएसपी कर्मचारियों के वेज रिवीजन में 77 महीनों की ऐतिहासिक देरी के लिए सेल प्रबंधन और एनजेसीएस यूनियनों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एनजेसीएस कमेटी ने पूरा वेज रिवीजन ना करते हुए सिर्फ एक अपूर्ण MoU का लालीपॉप बीएसपी कर्मचारियों को दिया था, जिसमें एमजीबी, वैरियेबल पर्क्स और एरियर में अधिकारियों की तुलना में कर्मचारियों को लाखों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा। रात्रि भत्ता और एचआरए भी 2010 के बाद नहीं बढ़ा है।
उज्जवल दत्ता ने कहा कि वेज रिवीजन संबंधी एनजेसीएस मीटिंग पिछले 10 महीनों से नहीं हुई है। एनजेसीएस नेताओं का सेल प्रबंधन के साथ ऐसा कर्मचारी विरोधी गठजोड़ बीएसपी कर्मचारियों को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। अभी एनजेसीएस नेता सेल कर्मचारी संबंधी मुद्दों को छोड़कर बाहरी राजनीतिक मुद्दों में कूद पड़े है, भिलाई की सड़कों पर प्रदर्शन करते फिर रहें हैं। पिछले वर्ष 19 जुलाई की एनजेसीएस मीटिंग में रात्रि पाली भत्ता के मुद्दे को 3 महीने में सुलझाने की बात हुई थी, लेकिन आज 10 महीनों बाद भी बीएसपी कर्मचारी दशक पुराना रात्रि पाली भत्ता पा रहा है।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष ने आगे कहा कि सेल प्रबंधन ने संसद में पुछे गए वेज रिवीजन एरियर संबंधी प्रश्न के जवाब में वित्तीय वर्ष 2022-23 के परिणाम के आधार पर कर्मचारियों का एरियर देने की बात कहा था। वित्तीय परिणाम में देरी होने से एरियर मिलने में भी देरी हो रही है। 25 मई को पिछले साल का सेल का वित्तीय परिणाम घोषित होगा।
सेल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.03 लाख करोड़ का करोबार कर 16039 करोड़ का लाभ कमाया था, वित्तीय वर्ष 2022-23 में सेल ने ऐतिहासिक 1.14 लाख करोड़ का करोबार किया है, ऐसे में इस बार भी सेल अच्छे लाभ में रहेगा। इसके बाद बीएसपी कर्मचारियों के एरियर को लेकर देरी करने के लिए एनजेसीएस कमिटी के पास अब शायद कोई बहाना शेष ना होगा।