- सेल प्रबंधन ने कहा-15 हजार करोड़ का कर्ज अब बढ़कर 25 हजार करोड़ तक पहुंच गया है।
अज़मत अली, भिलाई। सेल की प्रोडक्शन-प्रोडक्टिविटी की मीटिंग (Production-Productivity Meeting) में एक बात साफ हो गई है कि कंपनी उत्पादन लागत को कम करने के लिए कठोर कदम उठाएगी। किसी हद तक जाना हुआ तो जाएगी।
गुरुवार को दिल्ली में प्रोडक्शन-प्रोडक्टिविटी की मीटिंग में सेल प्रबंधन ने बताया कि पहले 15 हजार करोड़ का कर्ज था, जो अब बढ़कर 25 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। हर कोई मेहनत कर रहा है, लेकिन मुनाफा नहीं बढ़ पा रहा है। इसके लिए उत्पादन लागत को कम करने की संभावनाओं को तलाशे पर जोर है।
कई तरीके भी बताए गए हैं। अधिक मुनाफे वाले प्रोडक्ट रेल पटरी के उत्पादन पर भी बात की गई। भिलाई से प्रतिनिधित्व करने वाले एनजेसीएस नेता डीवीएस रेड्डी व वंश बहादुर सिंह ने हेड हार्डेन रेल के उत्पादन का मुद्दा उठाया। चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने बीएसपी के डीआइसी अनिर्बान दासगुप्ता से वर्चुली इस बारे में जवाब मांगा। डीआइसी की तरफ से बताया गया कि इसी महीने से इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा।
भारतीय रेलवे के ऑर्डर को पूरा करने के लिए नया यूनिवर्सल रेल मिल लाने की दिशा में काम चल रहा है। प्लानिंग की जा रही है। दुनिया की सबसे लंबी 130 मीटर की सिंगल रेल पटरी उत्पादन के लिए नए यूनिवर्सल रेल मिल की जरूरत है।
प्रोडक्शन, प्रोडक्टविटी की मीटिंग में इन बिंदुओं पर भी चर्चा…
-5 ब्लास्ट फर्नेस जितना उत्पादन करते हैं, उतना ही अगर हम 4 ब्लास्ट फर्नेस से करते हैं तो कास्ट कम हो जाएगी। हर माह करोड़ों का मुनाफा होगा।
-कोल की खपत कम करते हैं तो मुनाफा बढ़ेगा। प्रति टन 50 किलो खपत कम करने से 800 करोड़ से ज्यादा बचा लेंगे।
-आयरन ओर का बेहतर तरीके से इस्तेमाल। रावघाट से आयरन ओर लाने से फायदा होगा। नियमित उत्पादन को जल्द से जल्द शुरू करना है।
ये खबर भी पढ़ें : बोकारो स्टील प्लांट ने मनाया ब्लास्ट फर्नेस 1 का 50वां बर्थ डे, कटा केक
-मिल और फर्नेस की छोटी-छोटी कमियों को दूर करने से उत्पादन बढ़ेगा और लागत कम होगी। मुनाफा बढ़ेगा।
-मार्केट में उतार-चढ़ाव का दौर बना है। कंपनी का उत्पादन तो बढ़ गया, लेकिन पैसा कम आ रहा है।
-वंश बहादुर सिंह ने कर्मचारियों के बहन की मेडिकल सुविधा काटने पर सवाल उठाया। प्रबंधन की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया।
ये खबर भी पढ़ें: Railway News: लोकल और एक्सप्रेस समेत 35 ट्रेनें 14 अक्टूबर तक कैंसिल
-अंतरराष्ट्रीय कोयले का दाम बढ़ रहा है। 1 डालर कीमत बढ़ने से यहां करोड़ का असर पड़ रहा है। छह माह से 5 साल के बीच पहले दाम बढ़ते थे। अब हफ्तों में बढ़ रहा है। इससे संकट पैदा हो रही है। प्लानिंग पर असर पड़ रहा है।
-सेल प्रबंधन की तरफ से कहा गया कि लेबर वेज कास्ट बढ़ रहा है।
-सीटू से तपन सेन ने कहा-कर्मचारी घट रहे हैं, प्रति व्यक्ति उत्पादन बढ़ रहा है। कितने स्थायी मजदूर रहेंगे, यह बेंच मार्क तय किया जाए। ठेका मजदूरों से रिप्लेस किया जा रहा है।