- विधानसभा चुनाव में इतना ज्यादा प्रभाव रहा कि कांग्रेस प्रत्याशी ने बायोमेट्रिक के विरोध में पूर्व हुए आंदोलन में अपनी भूमिका की तस्वीर को चुनाव प्रचार मुख्य मुद्दा बनाया। और लाभ उठाया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल कर्मचारियों (SAIL Employee) के बायोमेट्रिक (Bio-metric) के विषय पर भाजपा समर्थित बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) खुलकर सामने आ गई है। यूनियन अध्यक्ष व भाजपा नेता उज्ज्वल दत्ता का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व भिलाई इस्पात संयंत्र में बायोमेट्रिक लगाने की प्रक्रिया के लिए बार-बार केंद्र सरकार के नाम का उपयोग प्रबंधन के कुछ अधिकारियों की गलत मंशा को दर्शाता है।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन (BSP Workers Union) की एक बैठक में आरोप लगाया गया है कि जब प्रबंधन और यूनियन की बैठक में स्पष्ट हो गया था कि कर्मचारियों की कुछ मूलभूत समस्या जैसे 39 महीने के एरियर, आवास मेंटनेंस, हॉस्पिटल, कैंटीन, रेस्ट रूम, नाइट शिफ्ट एलाउंस, संयंत्र के अंदर टॉयलेट के समाधान, ठेका श्रमिकों को उचित वेतन, बोनस वितरण के बाद ही कर्मियों पर बायोमेट्रिक थोपने की प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे।
पर, प्रबंधन के कुछ अधिकारी अपनी झूठी वाहवाही लूटने के लिए बायोमेट्रिक को केंद्र सरकार की योजना के नाम पर कर्मियों के मध्य दबाव बना कर इसे कर्मियों को थोप कर केंद्र सरकार के विरुद्ध गलत संदेश देना चाहते हैं।
जबकि इस पर एनजेसीसी की बैठक में 2014 में सहमति बनाने का प्रयास किया गया था, तब देश में कांग्रेस की सरकार थी।
कर्मियों में केंद्र सरकार के प्रति दमन कारी विचार लाने का प्रयास
उज्ज्वल दत्ता ने कहा-अब ठीक विधान सभा एवं लोकसभा चुनाव के पूर्व इसे केंद्र सरकार की नीति बता कर थोपना कर्मियों में केंद्र सरकार के प्रति दमन कारी विचार लाने का प्रयास है।
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ठीक विधानसभा चुनाव के पहले प्रबंधन के कुछ अधिकारियों ने इसी प्रकार 39 महीने की एरियर न मिलने के आक्रोश में झुलस रहे कर्मियों को बायोमेट्रिक के नाम पर भड़काया। जिसके परिणाम से भिलाई विधान सभा चुनाव परिणाम भाजपा के प्रतिकूल आया। और इसका प्रभाव पाटन विधान सभा में भी पड़ा।
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देवेंद्र यादव ने चुनावी मुद्दा बनाया
भिलाई विधानसभा चुनाव में इस बात का इतना ज्यादा प्रभाव रहा कि कांग्रेस प्रत्याशी ने बायोमेट्रिक के विरोध में पूर्व हुए आंदोलन में अपनी भूमिका की तस्वीर को चुनाव प्रचार मुख्य मुद्दा बनाया। और चुनाव में इसका लाभ लिया। संयंत्र के कुछ अधिकारियों के गलत प्रचार के कारण भाजपा प्रत्याशी को चंद वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
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कभी प्रधानमंत्री कार्यालय तो कभी गृह मंत्रालय का आदेश
यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष शिव बहादुर सिंह का कहना है कि वर्तमान में ठीक लोकसभा चुनाव के कुछ माह पूर्व ही प्रबंधन के कुछ अधिकारी पुनः बायोमेट्रिक को संयंत्र कर्मियों के सामने केंद्र सरकार द्वारा थोपी योजना के रूप में प्रस्तुत कर कर्मियों पर दवाब बना रहे है। संयंत्र के कुछ अधिकारी तो इसे कभी प्रधानमंत्री कार्यालय तो कभी गृह मंत्रालय का आदेश बताते फिरते हैं।
यूनियन और कर्मचारियों ने इस योजना का विरोध नहीं किया…
बीएसपी वर्कर्स यूनियन ने कहा कि किसी भी यूनियन और कर्मचारियों ने इस योजना का विरोध नहीं किया। बस, इतना कहा कि पहले उनकी कुछ मूलभूत समस्या का समाधान करो फिर इस पर चर्चा करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संयंत्र की सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट किया है। न कि बायोमेट्रिक लगाने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय की चिट्ठी को प्रबंधन गलत ढंग से प्रचार कर रही है।
संयंत्र में लगातार हो रहे चोरियों को रोकने में प्रबंधन पूरी तरह से नाकाम रही है। जिस दिशा में कठोर कदम उठाने की जरूरत है, पर इस पर कोई बैठक आज तक नहीं किया जाता।
सेफ्टी का हाल बेहाल, बैठक तक नहीं होती
संयंत्र में कर्मियों के सुरक्षा का ये हाल है कि सेफ्टी की हाई पावर कमेटी की महीनों से बैठक तक नहीं हुई। न सेफ्टी पर कोई चर्चा हो रही है।
सुरक्षा एवं प्रोडक्शन पर कोई सार्थक योजना न बनाकर मात्र सबका ध्यान बटाने और कुछ अधिकारी अपनी पीठ थपथपाने बायोमेट्रिक जैसी बातों में ध्यान बटा रहे है।
लोकसभा में उठेगा यह मुद्दा
बीएसपी वर्कर्स यूनियन इसपर सांसद विजय बघेल से चर्चा कर सांसद के माध्यम से संयंत्र के कुछ अधिकारियों द्वारा केंद्र सरकार की छवि को कर्मियों के बीच विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव पूर्व गलत ढंग से प्रस्तुत करने की शिकायत इस्पात मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री कार्यलय में करेगी।
बैठक में ये पदाधिकारी रहे मौजूद
बैठक में मुख्य रूप से यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता, महासचिव खूबचंद वर्मा, शिव बहादुर सिंह, दिल्लेशर राव, अमित बर्मन, सुरेश सिंह, विमल कांत पांडे, प्रदीप सिंह, संदीप सिंह, राजकुमार सिंह, नितिन कश्यप, आशीष श्रीवास्तव, रवि शंकर सिंह, कृष्णा मूर्ति, मनोज डडसेना, रणधीर सिंह, सुभाष महाराणा, डीपी सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।