- विदेश मंत्रालय की रजिस्टर्ड एजेंसी को ऐसे परखे
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। हर मध्यम वर्गीय परिवार (Middle Class Family) में बच्चों की पढ़ाई पर काफी जोर दिया जाता है। ताकि बच्चें अच्छी-खासी नौकरी कर अपना जीवन यापन बेहतर ढंग से कर पाए और अगली पीढ़ी को अच्छी परवरिश, शिक्षा आदि दे पाएं। ऐसे में किसी युवा को विदेश में नौकरी मिलना भारत में बड़े प्रतिष्ठा की बात मानी जाती है।
विदेश जाने वाले तमाम पतासाजी करके ही देश से जाते है। लेकिन कई बार जॉब के उत्साह में हम पतासाजी में चूक जाते है, जिसमें कई बार जालसाजों की दखल अंदाजी रहती है। ऐसे में हमें पूरी सावधानी बरतने के साथ ही अलर्ट रहने की जरूरत है। कुछ कथित एजेंट के झांसे में आकर युवक फंस जाते है।
कम्बोडिया और दक्षिण पूर्व एशियाई कंट्रीज जाने से पहले सोच लें
कम्बोडिया और दक्षिण पूर्व एशियाई कंट्रीज से नौकरी का ऑफर आता है, उसे पूरी तरह से परख लें। ऐसा नहीं है कि हर बार आप धोखाधड़ी के शिकार हो जाएं। फर्जी एजेंट आजकल काफी एक्टिव है, जो साइबर क्राइम में इन्वॉल्व रहते है। अपने भारतीय जालसाजों के साथ मिलकर शिकार की तलाश में रहते है।
विदेश मंत्रालय युवाओं को कर चुका आगाह
बीते दिनों बिहार की राजधानी पटना स्थित विदेश मंत्रालय के प्रवासी संरक्षक कार्यालय ने इन इलाकों में जॉब की इच्छा रखने वाले युवाओं को आगाह किया हैं। अधिकारियों ने कहा कि युवक केवल अधिकृत एजेंटों के माध्यम से ही संपर्क करें क्योंकि फर्जी एजेंट्स की तादाद बढ़ चुकी है।
विदेशों में जॉब के लिए बढ़ती भारतीय युवाओं की संख्या को देखते हुए अपंजीकृत और अवैध एजेंट कथित तौर पर लोगों को अपना शिकार बना रहे है। नौकरी लगवाने के नाम पर युवाओं से तीन से पांच लाख रुपए तक वसूल लिए जा रहे है।
अवैध एजेंट फेसबुक, वाट्सएप, इंस्ट्राग्राम, टेक्स्ट मैसेज व अन्य माध्यमों से भी फर्जी नौकरी का ऑफर (Fake Job Offer) देते है। ऐसे एजेंट अधिकांशत: वाट्सएप से संवाद करते है, जिनके ऑफिस का एड्रेस और अन्य वास्तविकता का पता लगा पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
विदेश मंत्रालय से अधिकृत एजेंट को ऐसे परखे
हम आपको बता दें कि भारत के फॉरेन मिनिस्ट्री में रजिस्टर्ड सभी भर्ती एजेंट्स को एक लाइसेंस नंबर दिया जाता हैं। इसे उनके दफ्तर में या फिर सरकारी वेबसाइट www.emigrate.gov.in पर जाकर उनकी हकीकत की पड़ताल की जा सकती हैं।
भर्ती एजेंटों द्वारा प्रवासी को उपलब्ध कराई गई अगली सुविधाओं के लिए प्रवासी से 30 हजार रुपए और लेख GST चार्ज किया जाता हैं। इसके बाद उनको एक सेवा शुल्क का रिसिप्ट भी दी जाती हैं। भर्ती के किसी अन्य माध्यम से फॉरेन जाने पर पैसों की जालसाजी, नौकरी का दावा करने के बाद भी जॉब से वंचित रहने की स्थिति और फॉरेन में रहने की कठिन व विषम परिस्थिति की गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ सकता हैं। गौरतलब है कि बिहार में रजिस्टर्ड भर्ती एजेट्स की संख्या 23 हैं। कई एजेंट्स एजेंसियों को बहुत कम डिटेल देते है।
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