- SP के सपोटर्स कह रहे है कि लोग बदलाव चाहते है। PM मोदी, BJP की कार्य प्रणाली, स्कीम्स से लोग परेशान थे।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ सहित देश में लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब नए प्रधानमंत्री (PM) के शपथ ग्रहण समारोह से लेकर केन्द्रीय कैबिनेट के गठन की प्रतीक्षा की जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) से लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के अन्य घटक दलों के नेताओं द्वारा मंत्रीमंडल में स्थान पाने जोर-आजमाइश की जा रही है। तो दूसरी ओर जीते हुए नेताओं, उनके कद, मार्जिन परसेंट, लोकप्रियता, वरिष्ठता, राष्ट्रीय स्तरीय से लेकर क्षेत्रीय और आंचलिक स्तर पर ग्राफ, जातिगत गोलबंदी, क्षेत्रीय समीकरण के नफे-नुकसान के हिसाब से लोग भावी कैबिनेट को लेकर कयास लगा रहे है। कई तरह की चर्चाएं हो रही है।
अटकलों का बाजार गर्म है। तरह-तरह के जोड़-तोड़ पर तर्क, वितर्क और कुछ लोग कुतर्क भी कर रहे है। राजनीति में थोड़ी सी भी समझ रखने वाले कई तरह की बातों को बल दे रहे हैं।
BJP सहित NDA द्वारा बताए गए सीटों के नंबर से कम सीट पर जीत, पूरे दस साल बाद कांग्रेस के उल्लेखनीय और शानदार प्रदर्शन से लेकर उत्तरप्रदेश (UP) की सत्ता में अहम स्थान रखने वाले समाजवादी पार्टी (SP) के जबरदस्त प्रदर्शन की सब तरफ बातें हो रही है।
कांग्रेस समर्थकों का अलग तर्क
जबकि कांग्रेस समर्थक इस तर्क पर बल दे रहे है कि INDIA गठबंधन की सरकार बन सकती है। साथ ही राहुल गांधी के PM बनने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। INDIA और खासकर कांग्रेस समर्थक कह रह है कि संविधान में छेड़छाड़ करने वाले BJP को भारत के लोगों ने आइना दिखा दिया है। जबकि SP के सपोटर्स कह रहे है कि लोग बदलाव चाहते है।
PM मोदी, BJP की कार्य प्रणाली, स्कीम्स से लोग परेशान थे। महंगाई, बेरोजगारी और बिगड़े अमन-चैन, आपसी भाईचारे ने सामाजिक समीकरण को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया। इन तमाम बातों के पक्षधरों का यही तर्क है कि इसलिए अधिकांश लोगों ने बदलाव को वोट दिया है।
BJP सपोटर्स का दावा
वहीं, BJP समर्थक कह रहे है कि अयोध्या में भव्य, नव्य और दिव्य श्री रामजन्मभूमि में मंदिर का निर्माण, जम्मू-कश्मीर से धारा-370 और 35A को निष्क्रिय करने, गरीब संवर्णों को 10% आरक्षण जैसे तमाम मुद्दों को बुनियादी तौर पर समाज हित में बताकर तीसरी बार नरेन्द्र मोदी को PM बनने का तर्क दिया जा रहा है।