- श्रम कानून पर हो रहे हमले के खिलाफ 20 मई को आजाद भारत का सबसे बड़ी हड़ताल करने तैयारी की जा रही है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। देशभर में कर्मचारी संगठनों ने 20 मई को हड़ताल की तैयारी कर रखी है। हर तरफ बैठकों का दौर जारी है। प्रबंधन को नोटिस थमाया जा रहा है। श्रम संहिता समेत कई विषयों को लेकर हड़ताल को सफल करने का दावा किया जा रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि यह आजाद भारत की सबसे बड़ी हड़ताल होगी। यह तो 20 मई को ही पता चलेगा।
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मई दिवस याद दिलाता है 8 घंटे का अधिकार
एचएमएस के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र बताते हैं कि 1 मई को मजदूर दिवस 8 घंटे के काम के अधिकार की याद दिलाता है, जिसके लिए देश और दुनिया भर में लंबे संघर्ष किए गए। किंतु मौजूदा केंद्र सरकार 8 घंटे के काम के अधिकार को छीनकर काम के घंटे 12 करना चाहती है, जबकि पूरे विश्व में काम के घंटे 8 से घटाकर 6 घंटे करने एवं सप्ताह में कार्य दिवस 5 दिन करवाने के लिए संघर्ष जारी है।
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आजाद भारत की सबसे बड़ी हड़ताल की तैयारी
एटक के महासचिव विनोद कुमार सोनी ने कहा-श्रम कानून पर हो रहे हमले के खिलाफ 20 मई को आजाद भारत का सबसे बड़ी हड़ताल करने तैयारी की जा रही है। हड़ताल में सार्वजनिक उद्योग निजी उद्योग सहित अस्थाई श्रमिक एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिक भागीदारी करेंगे, क्योंकि वह अच्छे से जान चुके हैं कि एक बार यदि यह श्रम संहिताए लागू हो गई तो मजदूर को गुलामी के जंजीरों में जकड़ना शुरू कर देगी। इसके खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ी जानी जरूरी है।
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महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति देता है नई श्रम संहिताएं
सीटू उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी ने कहा-आम जन के चहल पहल वाले स्थान अर्थात रेलवे स्टेशन, अस्पताल आदि को छोड़कर रात्रि पाली में महिलाओं से काम लेना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह केवल और केवल महिलाओं के सुरक्षा को लेकर बनाए गए कानून है। किंतु इस नए श्रम संहिताओं के आने से वह सारी बंदिशे खत्म हो जाएगी, क्योंकि निजी उद्योग के मालिक चाहते हैं कि उन्हें महिलाएं रात्रि पाली में भी उपलब्ध रहे।
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एक दिन के अनाधिकृत अनुपस्थिति पर आठ दिन का वेतन काट सकता है प्रबंधन
इन श्रम संहिताओं में यह प्रावधान किया गया है किसी भी कामगार के एक दिन के अनाधिकृत अनुपस्थिति पर 8 दिन का वेतन काटा जा सकता है। अब किसी कामगार के द्वारा पहले से घोषित छुट्टी लेने के बावजूद यदि अधिकारी द्वारा कोई कारण बताकर उसे पास ना किए जाने पर उस अनुपस्थिति को अनाधिकृत माना जा सकता है एवं उसे एक दिन की अनुपस्थिति के बदले में 8 दिन का वेतन काटा जा सकता है।