
- मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने पर श्रम मंत्रालय ने सामाजिक सुरक्षा और कल्याण में परिवर्तन पर रिपोर्ट जारी की है।
- श्रम कल्याण महानिदेशालय (DGLW) शैक्षिक छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य सेवा सहायता और सामाजिक सुरक्षा पर काम कर रहा।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995): ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा दावा कर दिया है। सरकार ने स्पष्ट रूप से बोला है कि 98 प्रतिशत ईपीएस 95 हायर पेंशन के मामले का क्रियान्वयन कर दिया गया है। जबकि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, एफसीआइसी आदि कंपनियों में पेंशन का विवाद अब भी जारी है।
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भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में 11 वर्ष पूरे कर रही है। इस अवसर पर श्रम और रोजगार मंत्रालय ने श्रम कल्याण, सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में अपनी प्रमुख उपलब्धियों का बखान किया। ने स्पष्ट रूप से कहा-27 लाख से अधिक खातों का प्रबंधन किया गया तथा उच्च वेतन पर हायर पेंशन के 98% दावों का क्रियान्वयन किया गया।
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ईपीएफओ क्षेत्रीय कार्यालय, बरकतपुरा ने डिजिटल नवाचारों, त्वरित दावा निपटान और प्रभावी शिकायत निवारण के माध्यम से सेवा वितरण में नए मानक स्थापित किए हैं। 27 लाख से अधिक खातों का प्रबंधन और उच्च वेतन पर पेंशन के 98% दावों के कार्यान्वयन के साथ, यह दक्षता के राष्ट्रीय मॉडल के रूप में खड़ा है।
सनथ नगर में, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा में अग्रणी के रूप में उभरा है। 1,000 से अधिक बिस्तरों और उन्नत निदान सुविधाओं से सुसज्जित यह परिसर 72 लाख से अधिक लाभार्थियों को आईटी-सक्षम, रोगी-केंद्रित सेवाएँ प्रदान करता है।
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इस बीच, श्रम कल्याण महानिदेशालय (DGLW) शैक्षिक छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य सेवा सहायता और सामाजिक सुरक्षा के माध्यम से 50 लाख से अधिक असंगठित श्रमिकों का उत्थान करना जारी रखता है।
इन सफलता की कहानियों की गहन, जमीनी स्तर की समझ प्रदान करने के लिए, मंत्रालय 11 से 14 जून 2025 तक हैदराबाद में एक प्रेस टूर आयोजित कर रहा है। पत्रकारों को अधिकारियों, लाभार्थियों और फ्रंटलाइन सेवा प्रदाताओं से सीधे बातचीत करने का अवसर मिलेगा। निर्देशित वॉकथ्रू, लाइव प्रदर्शनों और प्रस्तुतियों के माध्यम से, मीडिया प्रतिनिधि देखेंगे कि कैसे 11 वर्षों के केंद्रित शासन के परिणामस्वरूप श्रम क्षेत्र में ठोस, जन-केंद्रित परिणाम सामने आए हैं।