- मुख्यमंत्री साय से भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnudev Sail) से उनके निवास कार्यालय में “भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश” के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की।
मुख्यमंत्री साय को प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर विचार कर उचित कार्यवाही करने आश्वस्त किया।
प्रतिनिधिमंडल में वीरेंद्र नामदेव, जेपी. मिश्रा, अनिल गोल्हानी, बीएस. दसमेर, आरएन ताटी, आरजी बोहरे, किशोर कुमार जाधव, एसपी ठाकुर, दिनेश कुमार सतमन, मिता मुखर्जी, जयमनी ठाकुर, सरोज साहू, पीएस. ठाकुर, धरमसिंह ठाकुर एवं आरके दीक्षित शामिल थे।
बता दें कि पेंशनर्स लगातार अपनी मांगों को लेकर अलग-अलग फोरम से आवाज उठाते रहे हैं। पूर्ण पेंशन की पात्रता आदि की आवाज भी पिछले दिनों उठ चुकी है। पेंशनर्स के सेवानिवृत्त होने के पश्चात मिलने वाली पेंशन राशि में अधिक भुगतान की वसूली पर हाईकोर्ट के निर्णय के परिपालन में स्थाई रोक के आदेश की मांग पूर्व में की जा चुकी है। इसके अलावा 31/12/1988 के पूर्व नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पश्चात अवकाश नकदीकरण, अहर्तादायी सेवा मान्य करते हुए नियमित सेवानिवृत्ति कर्मचारी की भांति समस्त लाभ की मांग उठती रही है।
साथ ही यह भी आवाज उठती रही है कि केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित महंगाई भत्ता राज्य में पेंशनरों को केंद्र द्वारा घोषित तिथि एवं दर से देने हेतु राज्य सरकार को बाध्यकारी बनाया जाए और संसद में कानून पारित किया जाए। केंद्र एवं राज्य पेंशनरों को बस एवं रेल किराए में 50 प्रतिशत की छूट दी जाए ।
पेंशनरों को भारत भ्रमण के लिए तीन वर्ष में एक बार आर्थिक सहायता दी जाए । छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के बीच राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत आर्थिक भुगतान में बाधक धारा 49 को विलोपित किया जाए।
पेंशनर के मृत्यु होने के पश्चात उनके परिजनों को दाह संस्कार के लिए 10000 की आर्थिक मदद की जाए। सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। पेंशनरों को निकायों एवं निगम मंडल के योजनाओं में निर्मित भवन आवंटन में पांच प्रतिशत का आरक्षण दिया जाए।