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SAIL SC-ST फेडरेशन पर गरमाई सियासत, जेल भेजवाने की धमकी पर पलटवार

SAIL SC-ST फेडरेशन पर गरमाई सियासत, जेल भेजवाने की धमकी पर पलटवार

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। एससी-एसटी फेडरेशन बोकारो यूनिट में चल रहा विवाद गहराता जा रहा है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। फेडरेशन का नाम इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई और जेल भेजवानी की चेतावनी अब पलटवार किया गया है। बोकारो यूनिट के अध्यक्ष एमके अभिमन्यू मीडिया से मुखातिब हुए और नाम लिए बगैर आरोपों की झड़ी लगा दी।

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उन्होंने कहा-5 अगस्त 2005 को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार के तत्कालीन सदस्य देवेंद्र वाद्दति के दिशा निर्देश पर सेल कारपोरेट ऑफिस नई दिल्ली में SAIL के सभी यूनिट के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। देवेंद्र वाधती ने कहा था कि सेल में एससी एसटी का एक मजबूत संगठन होना चाहिए, जो प्लांट के साथ-साथ एससी-एसटी के हित में काम कर सके, जो एनजेसीएस से अलग हो, उसी आधार पर सेल SC-ST इम्प्लाइज फेडरेशन केंद्रीय कमेटी नई दिल्ली का गठन हुआ।

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केंद्रीय कमेटी के द्वारा सेल के सभी यूनिट में वैसे लोगों को मान्यता दिए जो संगठन निरंतर अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति कर्मचारियों, अधिकारियों एवं उनके परिवार की कल्याण का कार्य करते आ रही है। तब से लेकर अब तक सेल प्रबंधन के द्वारा इसी फेडरेशन को विधिवत बैठक में बुलाई जाती रही है। जिसके अध्यक्ष एमके अभिमन्यु, महासचिव रविंदर महली, कोषाध्यक्ष शंभू प्रसाद हैं।

बोकारो (Bokaro) में एससी एसटी के 14 संगठनों को मिला कर एक फेडरेशन बनाया गया, जिसके के प्रथम अध्यक्ष फणींद्र कुमार पूर्व उप महाप्रबंधक डिजाइन ब्यूरो, दूसरा अध्यक्ष परिनिर्वाण प्राप्त शिव वचन राम पूर्व उप महाप्रबंधक प्रभारी ब्लास्ट फर्नेस एवं तीसरा अध्यक्ष बैजनाथ प्रसाद सीनियर ऑपरेटिव हुए।

कर्मचारियों एवं अधिकारियों के द्वारा फेडरेशन कार्यालय सेक्टर 3/ए 79 में पूर्व में बैठक हुई थी। सर्वसम्मति से एमके अभिमन्यु अध्यक्ष, रविंद्र महली महासचिव, शंभू प्रसाद कोषाध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों को चुना गया था। कार्यों को देख कर सेल कॉरपोरेट ऑफिस एवं बीएसएल प्रबंधन के द्वारा आधिकारिक रूप से हमेशा बैठक में बुलाई जाती रही है।

पिछले वर्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार के सदस्य अनंत नायक के बोकारो दौरे में आने पर प्रबंधन एवं प्रशासन के द्वारा जब कुछ लोगों को बोकारो निवास में बैठक में शामिल नहीं किया गया। इससे बौखलाए कर पिछले कुछ समय से अपने निजी स्वार्थ के लिए प्रबंधन से लाभ प्राप्त करने के लिए और समाचार पत्रों में बने रहने के लिए अनाप-शनाप बयानबाजी कर प्लांट स्तर पर अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति कर्मचारियों एवं अधिकारियों के हित के खिलाफ संगठन को कमजोर करने में लगे हैं।

11 जून को जो राष्ट्रीय सम्मेलन इस भीषण गर्मी में भी सफल रहा। सैकड़ों कर्मचारी एवं अधिकारी शामिल और सेल के कई यूनिट के प्रतिनिधि राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिए। इससे भी इनका बौखलाहट बढ़ गया है।

प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से रविंद्र महली, शंभू प्रसाद, सहदेव भुईया, अनिल कुमार, राजेश चौधरी, इंदल पासवान, विरेंद्र कुमार, सुमन कुमार पासवान, प्रभात कुमार, सुशील कुमार, रवि रंजन, ऋषि देव पासवान, एलके दास, मनोज हेंब्रम, कपिल पासवान, जेपी नारायण, सुनील कुमार रैना, दिलीप कुमार, जगदीश छुरा आदि लोग शामिल रहे।