भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र में तेलुगू समाज से करीब 22 से 28 हजार वोटर बताए जा रहे हैं। जबकि इनकी जनसंख्या 40-45 हजार तक है।
अज़मत अली, भिलाई। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव इसी साल होने वाले हैं। सियासी बिसात ऐसी बिछ रही है कि निशाना आंध्र प्रदेश से भी लगाया जा रहा है। एक ही पिच पर दो विरोधी नेता बैटिंग करने उतरे हैं। भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के तेलुगू वोटरों को साधने का कोई मौका कांग्रेस और भाजपा नहीं छोड़ रही है।
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छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व दिग्गज नेता प्रकाश पांडेय कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव से पिछला चुनाव हार चुके हैं। इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दोनों ही नेताओं का ताल्लुक यूपी और बिहार से है। यही वजह है कि देवेंद्र यादव ने दक्षिण भारतीय वेशभूषा धारण कर आंध्र प्रदेश के अक्कूपल्ली पहुंच गए।
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जहां पांडेय जी भी दस्तक दे चुके हैं। भिलाई में रहने वाले तेलुगू समाज का एक अच्छा-खासा हिस्सा आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिला एवं पलाशा के आसपास जिसमें अक्कूपल्ली व आसपास से ताल्लुक रखते हैं। इसलिए भिलाई से आंध्र प्रदेश तक की दौड़ नेताजी लगा रहे हैं।
भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र में तेलुगू समाज से करीब 22 से 28 हजार वोटर बताए जा रहे हैं। जबकि इनकी जनसंख्या 40-45 हजार तक है। भिलाई के खुर्सीपार में समाज के वोटरों की संख्या अधिक है। ऐसे में कोई भी सियासी दल इन वोटरों को नजर अंदाज नहीं कर सकता है। पिछले चुनाव में महज ढाई हजार वोट से ही पांडेय को हार मिली थी और देवेंद्र यादव विधायक बन गए थे। इस बार दोनों ने इस वोट बैंक को अपने कब्जे करने का गणित लगाया है।
आंध्र साहित्य समिति बालाजी मंदिर के अध्यक्ष पीवी राव का कहना है कि तेलुगू समाज के वोटर किसी भी पार्टी के परंपरागत वोट बैंक नहीं हैं। समाज एकजुट होकर किसी एक प्रत्याशी के समर्थन में वोट करता है। यही वजह है कि इस समाज को साधने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। यह समाज जिस तरफ जाता है, वही निर्णायक होता है।
बुधवार शाम को सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई। तस्वीर के फ्रेम में पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश पांडेय और विधायक देवेंद्र यादव अगल-बगल में खड़े हैं। दोनों विरोधी खेमे के नेताजी को एक साथ एक फ्रेम में देखते ही वोटरों की जुबां खुलनी शुरू हुई और कटाक्ष का दौर तेज हो गया।
तस्वीर आंध्र प्रदेश के पलासा की है, जहां पर अक्कुपल्ली में होने वाले महोत्सव के लिए भिलाई से पहले देवेंद्र यादव पहुंचे। इसी बीच प्रेम प्रकाश पांडेय भी पहुंच गए। ऐसा लग रहा है कि चुनावी शंखनाद पलासा से कर दिया गया है। तेलुगू लोगों को रिझाने के लिए चुनावी तैयारी…चल रही है। खास बात यह है कि दोनों नेता लुंगी में नजर आ रहे हैं, जो आंध्र प्रदेश का पारंपरिक पोशाक है।
इस महोत्सव की खासियत होती है कि गांव की देवी की पूजा की जाती है। और आसपास के ग्रामीणों और रिश्तेदारों को गांव में बुलाया जाता है। इस उत्सव में शामिल होने के लिए भिलाई से भी सैकड़ों परिवार अक्कूपल्ली पहुंचे हैं।
हर गांव में लगभग 4 वर्षों में एक बार पूजा की जाती है और बहुत ही भव्य तरीके से आयोजन होता है। जितने भी लोग बाहर से आते हैं, वे बतौर मेहमान घरों में भोजन करते हैं और यह उत्सव की तरह होता है। जहां पर विभिन्न तरह की वेशभूषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। खास बात यह है कि ये दोनों क्षेत्रीय भाषा के समाचार पत्रों में भी छाए हुए हैं।