भारतीय रिजर्व बैंक: अतिरिक्त कृषि ऋण की सीमा 1.6 लाख से बढ़ाकर 2 लाख की आरबीआई ने

Reserve Bank of India: RBI increased the limit of additional agricultural loan from Rs 1.6 lakh to Rs 2 lakh
1 जनवरी, 2025 से प्रभावी, देश भर के बैंकों को निर्देश दिया जाता है कि वे: 2 लाख रुपये तक का लाभ्ज्ञ ले सकते हैं।
  • यह कदम विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों (क्षेत्र के 86% से अधिक) के लिए ऋण पहुंच को बढ़ाता है। ये कम उधार लागत और अतिरिक्त आवश्यकताओं को हटाने से लाभान्वित होते हैं।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने कृषि क्षेत्र की सहायता के लिए कृषि संबंधी सहायक कार्यों के लिए ऋण और बढ़ती लागतों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अतिरिक्त कृषि ऋणों की सीमा में वृद्धि की घोषणा की है। प्रति उधारकर्ता 1.6 लाख रुपये की वर्तमान ऋण सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है।

ये खबर भी पढ़ें: Digital Arrest Fraud: डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी रोकने 6.69 लाख सिम कार्ड, 1,32,000 IMEI ब्लॉक

यह निर्णय किसानों पर मुद्रास्फीति और कृषि की बढ़ती लागत के प्रभाव के कारण से किया गया है। इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर वित्तीय पहुँच प्रदान करना है और यह सुनिश्चित करना कि उनके पास बिना प्रतिभूति की समास्या के अपनी परिचालन और विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हों।

ये खबर भी पढ़ें: हर घर तिरंगा पर निबंध लिखने वाले बीएसपी अधिकारियों – कर्मचारियों को मिला अवॉर्ड, पढ़िए नाम

1 जनवरी, 2025 से प्रभावी, देश भर के बैंकों को निर्देश दिया जाता है कि वे: 2 लाख रुपये तक प्रति उधारकर्ता को कृषि संबंधी सहायक कार्यों सहित कृषि ऋणों के लिए अतिरिक्त प्रतिभूति और मार्जिन आवश्यकताओं को माफ करें।

कृषक समुदाय को समय पर वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों को शीघ्रता से लागू करें।
बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने परिचालन क्षेत्र के किसानों और हितधारकों के बीच अधिकतम पहुंच और जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए इन परिवर्तनों का व्यापक प्रचार करें।

ये खबर भी पढ़ें: EX BSP OA पहुंचा रिवाइवल अस्पताल, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी पर बात, टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए SAIL Mediclaim Scheme से कैशलेस सुविधा

यह कदम विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों (क्षेत्र के 86% से अधिक) के लिए ऋण पहुंच को बढ़ाता है। ये कम उधार लागत और अतिरिक्त आवश्यकताओं को हटाने से लाभान्वित होते हैं।

ऋण वितरण को सुव्यवस्थित करके। इस पहल से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋणों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है जिससे किसानों को कृषि कार्यों में निवेश करने और अपनी आजीविका में सुधार करने में सहायता मिलेगी।

ये खबर भी पढ़ें: *बीएसपी वर्कर्स यूनियन: लीव कांबिनेशन की बाध्यता हटाएं, HRIS का मिला ये आदेश, मुर्गा चौक ओवर ब्रिज होगा चालू *

संशोधित ब्याज अनुदान योजना के साथ लागू 4% ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक के ऋण की पेशकश करते हुए, यह नीति वित्तीय समावेशन को मजबूत करती है, कृषि क्षेत्र की सहायता करती है, और ऋण-संचालित आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है। यह सतत कृषि के लिए सरकार के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप है।

ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Steel Plant: कोक ओवन बैटरी 8 से बड़ी खबर, रिफ्रैक्टरी लाइनिंग का डीआइसी ने किया उद्घाटन