Russia-Ukraine War : राष्ट्रपति पुतिन ने कहा ‘शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है भारत’, रसिया जाएंगे NSA अजीत डोभाल, जानें बड़ी बात

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। बिक्स-NSA मीटिंग की खूब चर्चा हो रही है। इसके बारे में आज @Suchnaji.com News आपको विस्तार से जानकारी देगा। हम यह भी बताएंगे कि यह चर्चा में क्यों है ? BRICS-NSA बैठक के बारे में डिटेल में बताएंगे। BRICS के नए मेंबर्स का भू-राजनीतिक महत्व पर भी प्रकाश डाला जाएगा। साथ ही BRICS के गठन और इसकी शुरुआती पृष्ठिभूमि पर भी चर्चा करेंगे।

ये खबर भी पढ़ें: बोकारो न्यूज : मोहन कुमार मंगलम स्टेडियम को इंटरनेशनल लेवल पर करें तैयार, पीटर थंगराज की प्रतिमा लगाने BAKS की मांग

-चर्चा में क्यों हैं

खबरों की मानें तो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ब्रिक्स-NSA मीटिंग में भाग लेने के लिए रुस का दौरा करेंगें। वह रुस-यूक्रेन युद्ध के बीच शांति प्रयासों पर भी चर्चा करेंगें।

ये खबर भी पढ़ें: स्टील सेक्टर के सार्वजनिक उपक्रमों को रणनीतिक क्षेत्र में रखने एवं विलय के लिए NCOA का प्रपोजल

></a>
<a href=></a>
<a href=></a>


</div>

<h4><strong>-BRICS-NSA मीटिंग के बारे में</strong></h4>
<p>यह मीटिंग रूस में सेंट पीटर्सबर्ग स्थित बोरिस येल्तसिन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी में आयोजित की जाएगी। <strong>BRICS यानी (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका)</strong> सदस्यों के अलावा, मिस्त्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के NSA भी इस मीटिंग में भाग ले सकते हैं।</p>
<p><a href=ये खबर भी पढ़ें: आधुनिक तीर्थ की रक्षा के लिए सड़क पर उतरी जनता, संयंत्र की बिक्री रोकने आर पार की लड़ाई लड़ रहे यूनियन नेता ‌

मिस्त्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात एक जनवरी 2024 से नए पूर्ण सदस्य के रूप में ब्रिक्स में शामिल हुए, जो संगठन के बढ़ते अधिकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों में इसकी भूमिका का एक मजबूत संकेत हैं। आपको बता दें कि यह विस्तार साल 2023 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान हुआ। ब्रिक्स NSA की मीटिंग मॉस्को और कीव के बीच संघर्ष को समाप्त करने और शांति बनाए रखने के प्रयास के लिए हो रही है।

ये खबर भी पढ़ें: आज राधा अष्टमी, भिलाई के अक्षय पात्र में भव्य, दिव्य और नव्य महोत्सव की तैयारी पूरी

जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि चीन, भारत और ब्राजील संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं।

ये खबर भी पढ़ें: Big News : शिवनाथ नदी में बाढ़ की प्रमुख वजह, बारिश से कहीं ज्यादा इस कारण बढ़ रहा जलस्तर

-BRICS का गठन

इस समूह का पहली बार अनौपचारिक गठन साल 2006 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में G-8 (अब G-7) शिखर सम्मेलन के दौरान ब्राजील, रूस, भारत, और चीन (BRIC) के नेताओं की बैठक के दौरान हुआ था। बाद में साल 2006 में न्यूयॉर्क में पहली BRIC विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान इसे औपचारिक रूप दिया गया।

ये खबर भी पढ़ें: BIG BREAKING : शिवनाथ में बाढ़, Durg City तक पहुंचा नदी पानी

साल 2009 में BRIC का पहला शिखर सम्मेलन रूस के येकातेरिनबर्ग में हुआ। अगले साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका के इसमें शामिल होने के बाद यह ब्रिक्स (BRICS) के रूप में जाना जाने लगा। फोर्टालेजा (2014) में छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की स्थापना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

ये खबर भी पढ़ें: डेंगू, मलेरिया, डायरिया, स्वाइन फ्लू का प्रकोप, रोकथाम के लिए दुर्ग के 215 गांव के हैंडपंप का किया क्लोरीनेशन

-BRICS के नए सदस्यों का भू-राजनीतिक महत्व

सऊदी अरब और ईरान के शामिल होने से ब्रिक्स की ऊर्जा भंडार तक पहुंच बढ़ेगी। सऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल का निर्यात तेजी से चीन और भारत की ओर बढ़ाया जा रहा है और ईरान द्वारा प्रतिबंधों के बावजूद चीन को तेल निर्यात बढ़ाया जा रहा है, जिससे ब्रिक्स के भीतर ऊर्जा सहयोग का महत्व उजागर हो रहा है।

ये खबर भी पढ़ें: दुर्ग के युवाओं के लिए ऐसी खास ट्रेनिंग, रहना-खाना फ्री, प्लस ट्रेंड होकर स्टार्ट करिए जॉब और बिजनेस

रूस द्वारा अपने ऊर्जा निर्यात के लिए ब्रिक्स के भीतर नए बाजारों की खोज से समूह की ऊर्जा आपूर्ति में विविधता आएगी, जिससे पारंपरिक बाजारों पर रूस की निर्भरता कम होगी और गठबंधन की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।

ये खबर भी पढ़ें: दुर्ग जिला विकास सहकारी समिति की जरूरी मीटिंग, लिए गए महत्वपूर्ण बैठक

मिस्त्र और इथियोपिया का रणनीतिक समावेश, अफ्रीका के हॉर्न और लाल सागर क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों पर अधिक प्रभाव और पहुंच प्रदान करके ब्रिक्स के भू-राजनीतिक महत्व को बढ़ाता हैं।

ये खबर भी पढ़ें: Good News : दुर्ग में 15 सितंबर को व्यापमं का एग्जाम, डिस्ट्रिक्ट लेवल पर हेल्फ डेस्क का गठन