SAIL Big News: बायोमेट्रिक का असर, देरी से आने वालों के लिए प्रबंधन ने तय किया घर जाने का समय, Flexi Time Policy लागू

  • फ्लेक्सी-टाइमिंग इस तरह से लागू होगा कि गैर-कोर ड्यूटी घंटों के दौरान किसी कर्मचारी की अनुपलब्धता के कारण संबंधित विभाग-इकाई का सामान्य कामकाज प्रभावित न हो।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) से बड़ी खबर है। चेहरे से पहचान के जरिए बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी (Biometric Attendance System) के बाद अब एक और नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। 1 सितंबर से Flexi Time Policy लागू हो जाएगी।

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इसका यह मतलब है कि अगर, आप समय पर ड्यूटी नहीं पहुंच रहे हैं। जितने समय लेट से पहुंचेंगे, उतना समय आपको अतिरिक्त ड्यूटी करना होगा। इसके लिए 10 ऑप्शन दिया गया है। अलग-अलग समय पर पहुंचने और कार्यस्थल से घर जाने का समय तय कर दिया गया है।

SAIL Big News: Effect of biometrics, management fixed time to go home for latecomers, Flexi Time Policy implemented

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उदाहरण के रूप में अगर आप सुबह 9 बजे के बजाय सुबह 10 बजे ड्यूटी पहुंचकर बायोमेट्रिक से अटेंडेंस लगा रहे हैं तो आपको शाम 6.30 बजे तक ड्यूटी करनी होगी। आउट पंचिंग टाइम शाम का 6.30 बजे आपका होगा।

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यह व्यवस्था समय पर न पहुंचने वालों के लिए है, बाकी के लिए सामान्य स्थिति रहेगी। सेल कॉर्पोरेट कार्यालय (SAIL Corporate Office) से सर्कुलर जारी हो गया है। प्लांट स्तर पर सर्कुलर जारी होने का इंतजार किया जा रहा है। इसमें और स्थिति स्पष्ट की जाएगी। सवाल यह भी है कि इसे अभी प्लांट में लागू किया भी जाएगा या नहीं?

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Flexi Time Policy का उद्देश्य क्या है

सेल कर्मचारियों (SAIL Employees) के बीच कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहा है। कार्य-संस्कृति में सुधार और कर्मचारी संतुष्टि और समग्र संगठनात्मक प्रदर्शन को बढ़ाने के उद्देश्य से कई पहल की जा रही हैं।

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प्लांट/यूनिट स्थानों के विपरीत, शहर स्थित प्रतिष्ठानों में तैनात सेल कर्मचारियों को कंपनी के स्वामित्व वाली/प्रबंधित नागरिक सुविधाओं जैसे आवासीय आवास, अस्पताल, स्कूल आदि तक पहुंच नहीं है।

इसके अलावा, कंपनी आवास, जहां भी उपलब्ध कराया जाता है, कार्यालय प्रतिष्ठान से अपेक्षाकृत लंबी दूरी पर स्थित होता है, जिसके लिए दैनिक आधार पर लंबे समय तक यात्रा करनी पड़ती है।

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महानगरों में, व्यस्त समय में भारी यातायात के कारण लंबा यात्रा समय अतिरिक्त चुनौतियां पेश करता है, जो तनाव को बढ़ाता है और संभावित रूप से काम पर कर्मचारियों के प्रदर्शन को प्रभावित करता है।

शहर स्थित कार्यालयों/प्रतिष्ठानों में तैनात कर्मचारियों के बीच प्रभावी कार्य-जीवन संतुलन की सुविधा के लिए तत्काल नीति तैयार की गई है, जिससे उन्हें आधिकारिक कर्तव्यों में भाग लेने के लिए फ्लेक्सी-टाइम का विकल्प मिल सके।

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Flexi Time Policy के नियम एवं शर्तें

(i) जहाँ भी संभव हो, कार्य-आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, सामान्य शिफ्ट-घंटों में काम करने वाले कर्मचारियों को काम के अलावा सामाजिक या पारिवारिक या व्यक्तिगत मोर्चे पर किसी भी आवश्यकता को पूरा करने के लिए फ्लेक्सी-टाइमिंग का लाभ उठाकर ड्यूटी पर रिपोर्ट करने की अनुमति दी जाएगी।

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(ii) शहर-आधारित कार्यालय में फ्लेक्सी-टाइम के कार्यान्वयन के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का कार्यान्वयन एक पूर्व-आवश्यकता होगी।

(iii) हालाँकि, फ्लेक्सी-टाइम के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप प्रति दिन कुल कार्य-घंटों में किसी भी तरह की कमी नहीं की जाएगी।

(iv) इस नीति के तहत, किसी कर्मचारी को निर्धारित कोर ड्यूटी-घंटों के दौरान ड्यूटी पर उपस्थित रहना होगा और रिपोर्टिंग प्राधिकारी की सहमति से गैर-कोर ड्यूटी-घंटों को जोड़ने या समाप्त करने की लचीलापन होगी।

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(v) ऊपर निर्धारित रिपोर्टिंग/छोड़ने के समय में लचीलेपन के अलावा कोई अनुग्रह समय अनुमेय नहीं होगा। एक समान कार्यान्वयन की सुविधा के लिए नमूना मामले अनुलग्नक-ए1 के रूप में संलग्न हैं।

(vi) इसके अलावा, निर्धारित समय से परे रिपोर्टिंग या निर्धारित प्रतिदिन ड्यूटी घंटे पूरे होने से पहले कार्यालय/कार्यस्थल छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि वैध आधिकारिक कारणों/आवश्यकताओं के लिए नामित प्राधिकारी द्वारा विधिवत अधिकृत न किया जाए।

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किसी कर्मचारी की अनुपलब्धता से सामान्य कामकाज प्रभावित न हो…

-यह अनिवार्य होगा कि फ्लेक्सी-टाइमिंग को इस तरह से लागू किया जाए कि गैर-कोर ड्यूटी घंटों के दौरान किसी कर्मचारी की अनुपलब्धता के कारण संबंधित विभाग/इकाई का सामान्य कामकाज प्रभावित न हो।

-विशिष्ट उद्देश्यों के लिए “सामान्य शिफ्ट-घंटों के अलावा” कार्यालय में उपस्थित होने वाले कर्मचारी मौजूदा/निर्धारित ड्यूटी-घंटों का पालन करना जारी रखेंगे।

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-फ्लेक्सी-टाइमिंग का कार्यान्वयन विशुद्ध रूप से एक प्रगतिशील कल्याणकारी उपाय है और इसे अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता है।

-रिपोर्टिंग/समीक्षा करने वाले प्राधिकारियों पर यह सुनिश्चित करने का दायित्व होगा कि फ्लेक्सी-टाइमिंग के कार्यान्वयन के कारण संबंधित अनुभाग/विभाग/इकाई का सामान्य कामकाज प्रभावित न हो।

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