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- झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के महामंत्री ने NJCS और सेल प्रबंधन पर ही सवाल उठा दिया।
- दोनों पक्षों ने किस तरह औद्योगिक रोजगार स्थायी आदेश अधिनियम का उल्लंघन कर कैसे समझौता किया।
सूचनाजी न्यूज, किरीबुरू। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के प्लांट और खदान में बायोमेट्रिक को लेकर ताज़ा अपडेट आया है। झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस में बायोमेट्रिक सिस्टम के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी है।
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बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को लेकर चल रही सुनवाई शुक्रवार को पुनः सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय चाइबासा के समक्ष हुई। बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन और यूनियन ने दोबारा अपना-अपना पक्ष रखा। प्रबंधन ने बायोमेट्रिक को NJCS फोरम में हुए समझौता का हवाला देते हुए NJCS पर अपना ठीकरा फोड़ने का प्रयास किया।
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के महामंत्री ने NJCS और सेल प्रबंधन पर ही सवाल उठा दिया। कहा-दोनों पक्षों ने किस तरह औद्योगिक रोजगार स्थायी आदेश अधिनियम का उल्लंघन कर कैसे समझौता किया। प्रबंधन से सवाल किया कि NJCS फोरम में खदान का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। खदान को पूछे बगैर खदान की किस्मत का फैसला NJCS कैसे कर सकता है। जबकि NJCS संविधान में सिर्फ व सिर्फ संयंत्र का ही जिक्र किया गया है।
इसलिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली, खदान की स्थाई आदेश के तहत ही होना चाहिए। अगर नियोक्ता खदान के कर्मचारियों के सेवा शर्त में परिवर्तन करना चाहता है तो औद्योगिक रोजगार स्थायी आदेश अधिनियम 1946 धारा 3 के तहत मसौदा तैयार कर धारा 6 के अनुसार certifying officer के समक्ष प्रस्तुत करना होता है। और धारा 10 के तहत संशोधन कर अपने उद्योग के लिए स्वीकृति प्राप्त करना होता है।
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सेल प्रबंधन को इस पर कार्य करने की आवश्यकता है। इस प्रकृति को सेल प्रबंधन पूर्ण नहीं कर रहा है। कर्मचारीयों के सेवा शर्त में परिवर्तन नियोक्ता चाहता है, कर्मचारी नहीं। इसलिए नियोक्ता को संसोधन के लिए certifying officer के पास apeal करना चाहिए। बिना संशोधन के इसे लागू करना औद्योगिक रोजगार स्थायी आदेश अधिनियम का उल्लंघन माना जाएगा।
कोई भी सरकारी संस्था भारत सरकार द्वारा जारी नियम अथवा अधिनियम को उल्लंघन कर अपना उद्योग चला नहीं सकता। क्योंकि सरकारी संस्था सरकार द्वारा जारी नियम व अधिनियम का संरक्षक होता है और कोई भी नियोक्ता स्वेच्छा से कोई भी सेवा शर्त में परिवर्तन कर नहीं सकता। यह अधिकार certifying officer को प्राप्त है। किसी उद्योग के नियोक्ता को नहीं।
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यूनियन द्वारा उठाए गए कई सवाल को सेल प्रबंधन ने अपने पैरा वार विवरण में सलग्न नहीं किया है। अत: यूनियन के द्वारा उठाए गए सवालों का लिखित जवाब प्रबंधन को दाखिल करने का आदेश जारी करने के लिए झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रमा पांडेय ने सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय के समक्ष माँग की है। जिसमे NJCS का मुद्दा और खदान की प्रतिनिधित्व भी सामिल है।
मान्यता प्राप्त यूनियन की चुनाव भी सामिल है। यूनियन ने चुनाव के लिए उप केंद्रीय श्रमायुक्त धनबाद के समक्ष परिवाद भी दाखिल किया है। सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय ने अगली सुनवाई में यूनियन द्वारा उठाया गया दोनों परिवाद पर लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 04 अप्रैल 2025 को होगी। NJCS फोरम की कार्य प्रणाली पर प्रबंधन का जवाब का इंतज़ार सभी सेल कर्मी को है।