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SAIL बोनस: बाकी PSU के बोनस फॉर्मूले को आधार बनाकर सेल में 3 फॉर्मूला तैयार, साढ़े 40 हजार वाले फॉर्मूले को निरस्त करने की मांग

SAIL बोनस: बाकी PSU के बोनस फॉर्मूले को आधार बनाकर सेल में 3 फॉर्मूला तैयार, साढ़े 40 हजार वाले फॉर्मूले को निरस्त करने की मांग
  • SAIL Performance Incentive Scheme (SPIS) फॉर्मूले को कैंसिल करने की मांग सेल के डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह से की गई है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों का बोनस फॉर्मूला इस बार क्या हो, इसको लेकर बहस शुरू हो गई है। पिछले बोनस फॉर्मूले का विरोध करते हुए 3 नया फॉर्मूला तैयार किया गया है, जिसकी कापी प्रबंधन को सौंप दी गई है। SAIL Performance Incentive Scheme (SPIS) फॉर्मूले को कैंसिल करने की मांग सेल के डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह से की गई है। इस बाबत सोमवार को बीएसपी आइआर विभाग के महाप्रबंधक जेएन ठाकुर को फॉर्मूले का पत्र सौंप दिया गया है।

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बीएकेएस ने तीन बोनस फॉर्मूले का प्रस्ताव दिया है। बीएकेएस ने अपने पत्र में लिखा है कि 8 फरवरी 2023 को NJCS सब कमेटी में तीन यूनियनों के बहुमत से SPIS को मंजूरी दी गई है। एनजेसीएस संविधान के अनुसार उक्त फॉर्मूले को लागू नहीं माना जा सकता है, क्योंकि एक तो उसमे पांचों प्रमुख यूनियन प्रतिनधियों के साथ आम राय (Consensus) नहीं बनी थी। केवल तीन यूनियन प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किया था। वहीं, दुसरी ओर SPIS सब कमेटी में गुप्त मतदान के माध्यम से निर्वाचित चार यूनिट के प्रतिनिधियों में से एक की भी भागीदारी नहीं थी।

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SPIS सब कमेटी में शामिल सभी नेता या तो नॉमिनेटेड थे या उस यूनिट से रिकॉगनाईजेशन यूनियन के प्रतिनिधि थे। जहां, न्यायालीन प्रक्रिया के कारण वर्षों से यूनियन चुनाव नहीं हो रहा है। वहीं, उक्त फॉर्मुले को काफी जटील बनाया गया है, जिसमे महंगाई भत्ता से लेकर कई तरह के फैक्टर को शामिल किया गया है। उक्त फॉर्मूले में लाभ का बैरियर भी लगाया गया है।

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पढ़िए बोनस फॉर्मूला का क्या है प्रस्ताव

पहला फॉर्मूला:  
एक वर्ष के बेसिक तथा डीए का 8.33% SPIS हो+प्रोडक्शन/टर्नओवर/मुनाफा में रिकॉर्ड बनने पर स्पेशल इंसेंटिव दिया जाए।

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दूसरा फॉर्मूला: EBITDA की 5% राशि SPIS राशि+प्रोडक्शन/टर्नओवर/मुनाफा में रिकॉर्ड बनने पर स्पेशल इंसेंटिव दिया जाए। चूंकि सेल में गैर कार्यपालक कर्मचारी सिर्फ उत्पादन में ही प्रत्यक्ष भागीदार है। वहीं, प्रबंधकीय निर्णयों में उनकी कोई भागीदारी नहीं होती। किसी भी कंपनी के उत्पादन के बाद आमदनी की वास्तविक तस्वीर EBITDA से प्रदर्शित होती है। अतः सेल का वार्षिक EBITDA की 5% की राशि को कुल SPIS राशि बनाया जाए।

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तीसरा फॉर्मूला: कुल SPIS राशि=प्रोडक्शन की 70% हिस्सेदारी+EBITDA की 30% हिस्सेदारी
उदाहरण:पहला भाग वित्त वर्ष 2022-23
क्रुड स्टील प्रोडक्शन 18.29 मिलियन टन
18.29 मिलियन टन का 70%=12.803 मिलियन टन।

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बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने मांग किया है कि प्रति टन 500 रुपया  राशि देय हो।

इसीलिए 12.803 मिलियन टन×500 रुपया=640.15 करोड़ रुपया।

इसको प्रोडक्शन लक्ष्य के हिसाब से भी बांटा जा सकता है।

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उदाहरण के तौर पर :दूसरा भाग लक्ष्य का
70% प्रोडक्शन होने पर 300 रुपए प्रति टन
80% पर-400 रुपए प्रति टन
90% पर 500 रुपए प्रति टन
100% या अधिक होने पर 600 रुपए प्रति टन।

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दूसरा भाग
EBITDA (2022-23) 9379 करोड़ का 30%=2813.7 करोड़ रुपया
EBITDA का हिस्से का 5% राशि= 40.685 करोड़ रुपया

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कुल SPIS फंड=पहला भाग+दुसरा भाग
=640.15+140.685
=780.835 करोड़ रुपया

इसके अतिरिक्त पांचों इंटीग्रेटेड यूनिट में से किसी भी इंटीग्रेटेड यूनिट में शून्य दुर्घटना लक्ष्य हासिल हो तो उस युनिट को 10 करोड़ रुपया स्पेशल इंसेंटिव राशि दिया जाए।

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एक आसान फिक्सड SPIS फॉर्मूला इसलिए जरूरी है, क्योंकि

1. आसान फॉर्मूले से प्रत्येक कर्मचारी दिए गए उत्पादन लक्ष्य को दिमाग में रखकर काम करेगा कि अगर टारगेट पूरा करते है तो हमें SPIS बेहतर मिलेगा।

2. कर्मचारी एक-दूसरे को उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

3. वहीं, अगस्त में अगर SPIS राशि पर यूनियनों से समझौता हो जाता है तो मानसुन से प्रभावित दूसरे तीमाही में प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कर्मचारी खुद प्रेरित होंगे।

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एक नजर सेल की उत्पादन क्षमता , लेबर प्रोडक्टिविटी में वृद्धि पर

वित्त वर्ष क्रुड स्टील  लेबर प्रोडक्टिविटि     (मिलियन टन)(प्रति टन प्रति कर्म.)
2012-13:  13.417   258
2022-23:  17.37     521

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इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि एक दशक  घटते मैनपावर के बावजूद सेल के गैर कार्यपालक कर्मियों ने क्रुड स्टील के उत्पादन मे 3.96 मिलियन टन की बढ़ोतरी किया है। वहीं, उत्पादन बढ़ाने से सेल कर्मियो की लेबर प्रोडक्टिविटि भी एक दशक मे 263 टन  क्रुड स्टील प्रति कार्मिक प्रति वर्ष बढ़ गया है। प्रोडक्शन को ध्यान में रखकर बनाए गए एसपीआईएस फॉर्मूला को लागू करने से कर्मचारी खुद उत्साहित होंगे।

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बाकि पीएसयू में प्रचलित फॉर्मूला ही अपनाया है

हम बाकि यूनियनों जैसे कुछ भी राशि एसपीआईएस के तौर पर मांग नहीं किए हैं। बाकि पीएसयू में प्रचलित फॉर्मूलों को ध्यान मे रखकर सेल के उत्पादन के अनुसार फॉर्मूला बनाए हैं।
-अमर सिंह, अध्यक्ष

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उत्पादन और लाभ से कर्मचारियों को जोड़ने पर अंतः फायदा कंपनी को होगा। दिल में जोश तथा उमंग रहने पर कर्मचारी 20% तक अधिक उत्पादन करते हैं। यह सेल में 2011 से  2013 तक देखा जा चुका है। उक्त अवधि में सेल की कुल उत्पादन क्षमता से भी अधिक उत्पादन हुआ था।
-अभिषेक सिंह, महासचिव

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