-बीएसपी प्रबंधन से बोनस मीटिंग और पॉलिसी आदि पर ज्ञापन सौंपने का समय तय हुआ। लेकिन, वरिष्ठ अधिकारियों की गैर मौजूदगी से तारीख पड़ी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के बोनस को लेकर भिलाई में 5 यूनियनों ने एकजुटता बनाई है। प्रबंधन से बोनस मीटिंग और पॉलिसी आदि पर ज्ञापन सौंपने का समय तय हुआ। सोमवार सुबह 11 बजे मुलाकात के लिए समय निर्धारित हुआ।
संयुक्त यूनियन के नेताजी नहा-धोकर और नाश्ता करके तैयार हो ही रहे थे, अचानक साढ़े 10 बजे फोन आना शुरू हो गया। प्रबंधन की तरफ से मैसेज दिया गया कि आज बड़े साहब नहीं हैं…। आफिस में जूनियर आफिसर हैं, वे ज्ञापन लेंगे। दो अन्य सीनियर अफसर भी छुट्टी या अन्य कार्य से बाहर हैं।
इतना सुनते ही नेताजी का पारा हाई हो गया। नेताओं की आपस में बातचीत हुई। गुस्से की दास्तां मौखिक रूप से Suchnaji.com तक पहुंचाई गई, जो खबर के रूप में आप पढ़ रहे हैं।
इंटक, सीटू, एचएमएस, एटक, स्टील वर्कर्स यूनियन, इस्पात श्रमिक मंच, लोइमू के पदाधिकारी आइआर विभाग के महाप्रबंधक जेएन ठाकुर को ज्ञापन सौंपने वाले थे। संयुक्त यूनियन के संयोजक इंटक के महासचिव वंश बहादुर सिंह हैं। इनको प्रबंधन की तरफ से सबसे पहले फोन आया। इसके बाद महासचिव जी बारी-बारी से सबको सूचित करके हालात से अवगत कराते रहे।
ऐन वक्त पर बीएसपी प्रबंधन की गुगली पर चारों खाने चित हुए नेताजी का गुस्सा सातवें आसमान पर था। सूचनाजी.कॉम से अपना दुखड़ा शेयर करते हुए श्रमिक नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रबंधन से कोई महत्व नहीं मिल रहा है। चाहे मान्यता प्राप्त यूनियन हो या आखिरी पायदान पर खड़ी यूनियन। प्रबंधन खुद चाह रही है कि आप दूर रहो…। प्रबंधन को जो करना है, वह करेगी…।
मैनेजमेंट हनीमून पीरियड मना रही है। इसके बेहतर शांति काल कभी नहीं था। इंटक गठबंधन के एक सदस्य ने यहां तक बोल दिया कि पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन इंटक 30-40 लोगों के साथ सड़क पर दिख जाती थी। सीटू हमेशा प्रबंधन के लिए उलझन ही बना रहा। सीटू का दो कार्यकाल का दौर आज का प्रबंधन देख नहीं पाया है।
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सीटू के जमाने में सड़क की लड़ाई होती थी। सेफ्टी के मुद्दे पर प्लांट में घेर लेते थे। इंटक भी सड़क पर उतरती है। लेकिन, आज का दौर मायूस करने वाला है। यूनियन नेताओं का कहना है कि प्रबंधन से रिस्पांश नहीं मिलता है। मैसेज डालते हैं तो जवाब नहीं आता है। मंगलवार को गणेश चतुर्थी की वजह से अवकाश है। अब बुधवार को ज्ञापन दिया जाएगा।
संयोजक वंश बहादुर सिंह का कहना है कि प्रबंधन को फोन किया गया था, तब जानकारी मिली कि आइआर के महाप्रबंधक नहीं हैं। साथ ही दो अन्य अधिकारी भी छुट्टी पर हैं। इसलिए हम लोग वहां ज्ञापन देने नहीं गए। बुधवार को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया है। मैंने खुद डीजीएम विकास चंद्रा को फोन किया था, जिससे पता चला कि आफिस में कोई नहीं है।