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SAIL बोनस: Bokaro Steel Plant में फिर हंगामा, अधिकारियों के तर्ज पर चाहिए 50% छूट

SAIL बोनस: Bokaro Steel Plant में फिर हंगामा, अधिकारियों के तर्ज पर चाहिए 50% छूट
  • ग्रेच्युटी पर से सीलिंग समाप्त करने, वेतन समझौता आंदोलन में भागीदारी के कारण बोकारो स्टील प्लांट से बाहर ट्रांसफर किए गए मजदूरों को अभिलंब वापस करने की मांग की गई।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल कर्मचारियों के बोनस को लेकर चल रहा आंदोलन अपनी रफ्तार पकड़ रहा है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के चारों घटक ने प्लांट प्लाजा गोलंबर पर हल्ला बोल प्रदर्शन किया।

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दूसरे चरण का यह आंदोलन प्लांट मे शुरू किया गया है, जो अब बढ़कर हड़ताल तक जाएगा। 40500 से ज्यादा बोनस का भुगतान करने की मांग की गई। 39 माह का एरियर का भुगतान जल्द करो,पर्क्स एरिअर का भुगतान अप्रैल 2020 से करना होगा, नाइट शिफ्ट एलाउंस मकान भाड़ा भत्ता यदि में बढ़ोतरी अभिलंब करना होगा, आदि नारा लगाया गया।

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ठेका मजदूरों का वेज रिवीजन के साथ-साथ जॉब सिक्योरिटी, अन्य सुविधा मुहैया कराने, आरआईएनएल के मजदूरों को भी वेज रिवीजन का भुगतान, पे स्केल को लागू करने, ग्रेच्युटी पर से सीलिंग समाप्त करने, वेतन समझौता आंदोलन में भागीदारी के कारण बोकारो स्टील प्लांट से बाहर ट्रांसफर किए गए मजदूरों को अभिलंब वापस करने की मांग की गई।

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अधिकारियों के तर्ज पर हाउस टैक्स पर  50% इनकम टैक्स रिबेट मजदूरों को भी देने की आवाज उठाई गई। सभा की अध्यक्षता इंटक के नेता बिरेंद्र नाथ चौबे ने किया। वक्ताओं ने कहा जब भी मजदूरों को बोनस देने की बात आती है तो सेल प्रबंधन नए-नए हथकंडे अपनाती है, ताकि कम से कम पैसा मजदूरों को मिल सके।

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सेल प्रबंधन बिल्कुल ही संवेदनहीन हो चुका है। सेल के इतिहास में यह पहली बार ऐसा हुआ है कि इस्पात मजदूरों के वेज रिवीजन पर मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग बने हुए 2 साल गुजर गए। परंतु अभी तक एग्रीमेंट नहीं हो सका, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही साथ नाइट शिफ्ट एलाउंस के साथ दूसरे अलाउंस पर फैसला अभी तक नहीं हो सका है।

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प्रबंधन एक तरफा फैसला कर ग्रेच्युटी पर सीलिंग लगाती है। पूरी तरह तानाशाही हुकूमत चलाना चाहती है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि उत्पादन तथा उत्पादकता में बराबर के हकदार ठेका मजदूर, जिनका वेज रिवीजन, गेट पास की सुरक्षा अन्य सुविधाओं पर फैसला नहीं करना चाहती। ठेकेदार को लूट की छूट दे रखी है। दूसरी तरफ अपने अधिकारियों को देने के लिए पीआर के नाम पर खुली छूट दे रखी है। लाखों रुपया खर्च करने में किसी तरह का बोझ नहीं आता है। जबकि मजदूरों को देने के समय घाटा का रोना रोया जाता है।

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नेताओं ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि सम रहते बोनस और वेज रिवीजन का बकाया एरियर पर फैसला किया जाए। प्रदर्शन में मुख्य रूप से इंटक के बिरेंद्र नाथ चौबे, बीएन उपाध्याय, एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह, सत्येंद्र कुमार, सीटू के बीडी प्रसाद, आरके गोराई, क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ HMS के राजेंद्र सिंह, अरुण कुमार आदि मौजूद रहे।

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