सेल कर्मचारियों-अधिकारियों को जबरन बनाया ईपीएफओ का मेंबर, कटा पेंशन कंट्रीब्यूशन, पैसा अभी तक नहीं आया वापस

SAIL employees and officers were forcibly made EPFO members, pension contribution deducted
  • -भविष्य निधि खाते से ईपीएस 95 पेंशन मद में अंशदान होता रहा।
  • -बोकारो स्टील के आफिसर्स ने कटौती रोकने की आवाज उठाई थी।
  • -दो साल पहले तत्कालीन डायरेक्टर फाइनेंस एके तुल्सयानी की दखल से कटौती पर रोक लगी थी।

अज़मत अली, भिलाई। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) के तहत ईपीएस 95 हायर पेंशन का मामला उलझा हुआ है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation (EPFO)) पर आरोप है कि उसने गलत तरीके से मेंबर बनने पर ऑडिट मेमो नहीं दिया और अंशदान कटता रहा। इस तरह बोकारो में सेल के कर्मचारियों और अधिकारियों को भारी चपत लगती गई।

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साल 2014 के बाद जो लोग सेल से जुड़े, जिनका बेसिक डीए 15 हजार अधिक था,उनको ईपीएस 95 के सदस्य होने का प्रावधान ईपीएफ़ओ में नहीं था। बावजूद, इसके कई अधिकारियों और कर्मचारियों का ईपीएस 95 का सदस्य बना दिया गया।

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इनके भविष्य निधि खाते से ईपीएस 95 पेंशन मद में अंशदान होता रहा। दो साल पहले यह मुद्दा  तत्कालीन डायरेक्टर फाइनेंस एके तुल्सयानी जी के संज्ञान में लाया गया और इनकी दखल के बाद कटौती पर रोक लगी। लेकिन, दो साल बीत जाने के बाद भी आज तक ईपीएस 95  मद में काटी गई राशि की वापसी ईपीएफ़ओ से नहीं हो सकी है।

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बीएसएल के अधिकारियों ने यह मुद्दा एके तुल्सयानी के सामने उठाया था

सेल के अधिकारियों और कर्मचारियों की मोटी रकम अब भी ईपीएफओ के पास फंसी है, जो वापस आनी चाहिए थी। लेकिन, अब तक यह राशि वापस नहीं आ सकी है। सेल की इकाइयों में सबसे ज्यादा केस बोकारो स्टील प्लांट से सामने आया है।

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बोकारो स्टील आफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव ने कहा…

बोकारो स्टील आफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव अजय पांडेय बताते हैं कि इस मुद्दे को लेकर सेफी चेयरमैन नरेंद्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में ईपीएफओ मुख्यालय में उच्चाधिकारियों के साथ बातचीत पिछले दिनों हुई है। जो पैसा काटा गया है, उसको वापस लाने की पूरी कोशिश की जा रही है।

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प्रमोशन के बाद ट्रांसफर ने बढ़ाई और चिंता

दूसरी ओर सेल के बोकारो स्टील प्लांट (SAIL – Bokaro STeel Plant) के अधिकारियों के प्रमोशन के बाद ट्रांसफर से एक बार फिर पेंशन का टेंशन बढ़ गया है। बोकारो से भिलाई और दुर्गापुर स्टील प्लांट ट्रांसफर किए गए अधिकारियों की पेंशन रुकनी तय प्रतीत हो रही है। भिलाई, बर्नपुर, सीएमओ, कॉर्पोरेट ऑफिस, दुर्गापुर इत्यादि में ईपीएफओ ने इनके ट्रस्ट को ईपीएस 95 हायर पेंशन को मंजूरी नहीं दे रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब 2014 के बाद वालों का पैसा वापस नहीं किया गया है, तो ट्रांसफर हो चुके अधिकारियों का पैसा क्या वापस मिल सकेगा या नहीं?