- एनजेसीएस को कमजोर करने का तीर कहीं खतरनाक साबित न हो जाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बेचारा स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL)। इस वक्त ऐसा घंटा बन गया है, जिसको कर्मचारी, ठेका मजदूर, यूनियनें जब चाहें बजा रहे हैं। वजह भी साफ है…। 39 महीने का बकाया एरियर, परफॉर्मेंस के हिसाब से बोनस न मिलना, एचआरए, भत्तों का कुछ भला नहीं…।
नई-नवेली यूनियन बीएकेएस (BAKS) भी ताल ठोक रही है कि ईंट से ईंट बजा देंगे। चीर देंगे-फाड़ देंगे…। ललकारने और चमकाने में एनजेसीएस यूनियन के महारथी भी पीछे नहीं…। सीटू, इंटक, एचएमएस, एटक और बीएमएस के धुरंधर पिछली बार भी सबक सिखा रहे थे, लेकिन समय ऐसा बीता कि इस बार के बोनस की घड़ी आ गई। वार्ता हुई, जो विफल साबित हुई।
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मौके पर चौका मारते हुए सेल प्रबंधन ने पिछली बार वाला तीर निकाला और रात 10 बजे के बाद चला दिया…। बगैर समझौते का ही कर्मचारियों के खाते में 26 हजार 500 रुपए बोनस डाल दिया।
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प्रबंधन ने एक तीर से कई निशाना लगा दिया है। फिलहाल, सफल होता भी दिख रहा है। भविष्य में क्या रिजल्ट होगा, भविष्यवाणी करना ठीक नहीं…। कभी दांव सटिक तो कभी उल्टा भी पड़ सकता है। प्रबंधन का तीर एक साथ एनजेसीएस की 5 यूनियनों को भेदते हुए कर्मचारियों के सीने में जा लगा है।
हालत यह हो गई कि प्रदर्शन की रस्म-अदायगी पूरी हो चुकी है। अब 14-15 अक्टूबर को सेल के सभी प्लांट में धरना-प्रदर्शन होगा। फिर, 19 को बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ के आह्वान पर बोकारो स्टील प्लांट में हड़ताल। दम भरा जा रहा है कि उत्पादन पूरी तरह से ठप होगा।
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दूसरी तरफ भिलाई अनाधिशासी कर्मचारी संघ हड़ताल से पीछे हट चुकी है। बताया जा रहा है कि यहां के कर्मचारी अब हड़ताल के पक्ष में नहीं है, जिसकी वजह से यूनियन ने हड़ताल का नोटिस तक नहीं दिया। खैर, एनजेसीएस यूनियनों की ओर से 28 अक्टूबर को हड़ताल है।
सेल प्रबंधन (SAIL Management) का सबसे सटिक तीर यूनियनों द्वारा बहुमत के आधार पर की गई गलती थी। एग्रीमेंट को आधार मानकर बोनस की गणना 26081 रुपए की और कर्मचारियों के खाते में रकम डाल दिया। लगातार दो साल से खाते में जबरन बोनस की राशि डालने से कर्मचारियों में एनजेसीएस यूनियनों के प्रति नाराजगी बढ़ी। जो प्रबंधन की सेहत के लिए सबसे मुफीद साबित हो रही है।
एनजेसीएस (NJCS) जितना कमजोर हुआ, प्रबंधन उतना ही तनावमुक्त होता गया…। इसी का फायदा उठाकर बीएकेएस ने पांव फैलाया। एनजेसीएस यूनियनों को अपने रडार पर लिया। सेल प्रबंधन के रवैये ने एनजेसीएस को छलनी किया। दूसरी तरफ कर्मचारियों की नाराजगी का फायदा उठाकर बीएकेएस ने दनादन गोल दागना शुरू कर दिया।
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मतलब, प्रबंधन के एक तीर से एनजेसीएस (NJCS), कर्मचारियों (Employees) और बीएकेएस (BAKS) में उथल-पुथल मचा हुआ है। BAKS के नेताजी ने तो 187000 बोनस की डिमांड की है। लेकिन डीजीएम स्तर के अधिकारियों को भी शायद इतना पीआरपी नहीं मिला है। देखते हैं यह तीर कितनों को जख्मी करता जाएगा…।
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