- सेल के इन कर्मचारियों का क्या गुनाह, एनजेसीएस समझौते में नाइट शिफ्ट एलाउंस का जिक्र नहीं।
- प्रशिक्षणार्थियों के रात्रि पाली भत्ता बढ़ाने के संदर्भ में नहीं लिया गया कोई निर्णय।
- सीटू दे दिया अधिशासी निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) को पत्र।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कर्मचारियों के नाइट शिफ्ट एलाउंस (Night Shift Allowance) पर एनजेसीएस बैठक (NJCS Meeting) में समझौता हो गया है। वहीं, सेल के ऐसे कर्मचारी भी हैं, जिनको इसके लाभ के दायरे में लाया ही नहीं गया है। समझौता करने वाले Trainees को भूल गए।
भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में विभिन्न वर्गों में भर्ती हुए प्रशिक्षणार्थी मानव संसाधन विकास केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। चूंकि मानव श्रम शक्ति की अत्यंत कमी से उत्पन्न संकट के कारण संयंत्र के विभिन्न विभागों में प्रशिक्षणार्थी स्थायी कर्मियों के साथ तीनों शिफ्ट में जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं।
भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के उत्पादन एवं निष्पादन लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रशिक्षणार्थियों द्वारा पूरी निष्ठा एवं समर्पण से योगदान दिया जा रहा है। चूंकि 30 मई को NJCS की उप समिति की बैठक में स्थायी कर्मियों के लिए रात्रि पाली भत्ता (Night Shift Allowance) 180 रुपए बहुमत के साथ निर्णय लिया जा चुका है। किंतु प्रशिक्षणार्थियों के रात्रि पाली भत्ता के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया गया।
ज्ञात हो कि वर्तमान में प्रशिक्षणार्थियों को 60 रात्रि कालीन भत्ता मिलता है। इस पर सीटू ने प्रशिक्षणार्थियों के लिए भी रात्रि पाली (10 बजे से सुबह 6 बजे) भत्ता 180 प्रदान करने हेतु अधिशासी निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) को पत्र दिया।
प्रशिक्षण काल में बची छुट्टियों को आगे आगे बढ़ाया जाए
सीटू महासचिव जेपी त्रिवेदी का कहना है कि यूनियन प्रशिक्षुओं के लिए स्टाइपेंड भत्तों, छुट्टी, प्रमोशन ट्रेनिंग पीरियड को सेवा काल में जोड़ने आदि को लेकर प्रयास करता रहा है। प्रशिक्षण काल में बचे हुए छुट्टियों को उनके प्रशिक्षण काल में ही लेना होता था और ट्रेनिंग खत्म हो जाने के बाद ट्रेनिंग के दौरान दिए गए बचे हुए छुट्टियों को प्रशिक्षण काल के बाद आगे के वर्ष में नहीं ले सकते थे, जिस पर काम करते हुए सीटू ने प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण काल में बची छुट्टियों को आगे बढ़ाने का काम किया था। भिलाई में 2003 से ज्वाइन करने वाले प्रशिक्षुओं को उनका प्रशिक्षण काल प्रमोशन में जोड़ने का काम सीटू द्वारा ही करवाया गया।
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प्रशिक्षणार्थियों को लाया ईएफबीएस के दायरे में
नौकरी के दौरान किसी कर्मी के अनफिट होने अथवा मृत्यु होने पर परिवार की मदद के लिए NJCS समझौता के तहत ईएफबीएस का प्रावधान है। किंतु प्रशिक्षणार्थियों ईएफबीएस के दायरे में नहीं आते थे। जिस पर सीटू द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद प्रशिक्षणार्थियों को भी ईएफबीएस के दायरे में लाया गया।
प्रशिक्षण काल से ही आवास आवंटन चालू करवाया गया
22 अक्टूबर 2021 को वेतन समझौता पर MOU हुआ था, जिसमें प्रशिक्षुओं के स्टाइपेंड बढ़ाने सम्बंधित कोई जिक्र नहीं था। जिसे सीटू ने सितंबर 2021 से ही स्टाइपेंड बढ़ाने सम्बंधित पत्र दे दिया था। इसके बाद दिसंबर से स्टाइपेंड बढ़ा कर मिलने लगा था। इसी कड़ी में 18 जून को प्रशिक्षुओं को रात्रि पाली भत्ता बढ़ाने सम्बंधित एक पत्र अधिशासी निदेशक ( कार्मिक एवं प्रशासन) को दे दिया गया है।
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हड़बड़ी के कारण हो रही है सभी गड़बड़ी
30 मई को NJCS की उप समिति की बैठक में कर्मचारियों के लिए रात्रि पाली भत्ता के लिए समझौता करने और आधे अधूरे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की यूनियनों में इतनी जल्दबाजी थी, जो इस बात से पता चलता है कि प्रशिक्षुओं को रात्रि पाली भत्ता कितना मिलेगा। इस पर कोई चर्चा तक नहीं हुआ। ऐसे ही हड़बड़ी में किए गए एमओयू के कारण अभी तक 39 महीने का एरियर नहीं मिल सका।
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प्रबंधन बताने की स्थिति में नहीं है प्रशिक्षणार्थियों के बारे में
अभी की स्थिति में एक जून से स्थाई कर्मचारियों को रात्रि पाली भत्ता 180 रुपए प्रति नाइट ड्यूटी के अनुसार मिलेगा, जबकि प्रबंधन यह बताने की स्थिति में नहीं है कि प्रशिक्षुओं को रात्रि पाली में ड्यूटी तो बुलाया जाता है तो उन्हें रात्रि पाली भत्ता बढ़ा हुआ मिलेगा या 60 रुपए ही मिलता रहेगा।
सीटू के नेता जब मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक भिलाई से इस सम्बन्ध में पूछा तो उन्हें भी स्पष्टता नहीं है कि प्रशिक्षुओं को रात्रि पाली भत्ता बढ़ा हुआ मिलेगा या नहीं।
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