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SAIL-RINL हड़ताल: भिलाई स्टील प्लांट में संयुक्त अभियान शुरू, कर्मी बोले-नहीं आएंगे प्रबंधन की झांसेबाजी में

SAIL-RINL हड़ताल: भिलाई स्टील प्लांट में संयुक्त अभियान शुरू, कर्मी बोले-नहीं आएंगे प्रबंधन की झांसेबाजी में
  • SAIL-RINL strike: Joint campaign started at Bhilai Steel Plant

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्थाई कर्मियों के वेतन समझौता के लंबित मुद्दों को पूरा करने, ठेका श्रमिकों के वेतन समझौता करने, ग्रेच्युटी सीलिंग को वापस लेने, स्थाई कर्मियों को एक अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने, द्विपक्षीय वार्ता करके पिछले वर्ष से अधिक बोनस देने आदि मांगों को लेकर 29 एवं 30 जनवरी 2024 को हड़ताल है। सेल के सभी इकाइयों एवं विशाखापट्टनम स्टील प्लांट में दो दिवसीय औद्योगिक हड़ताल की तैयारी शुरू की गई है।

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इसके तहत भिलाई में संयुक्त एवं स्वतंत्र गतिविधियों को केंद्रीय एवं विभागीय स्तर पर संचालित किया जा रहा है, जिसके तहत आज मिल जोन की संयुक्त मोर्चे की टीम ने कर्मियों के बीच छोटी-छोटी बैठके कर प्रचार अभियान को शुरू किया, जिसमें हड़ताल को लेकर कर्मियों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

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स्थाई श्रमिक-ठेका श्रमिक दोनों भाग लेंगे हड़ताल में

यूनियन नेताओं ने कहा-मौजूदा समय में लोहे के एक टुकड़े को बनाने के लिए स्थाई एवं ठेका दोनों श्रमिकों का योगदान है। किंतु प्रबंधन ना तो संयंत्र चलाने वाले स्थाई कर्मियों के मांगों को पूरा कर रहा है। ना ही संयंत्र चलाने में पूरी भूमिका अदा करने वाले ठेका कर्मियों के वेतन समझौते पर बात करना चाहता है।

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उल्टे प्रबंधन लगातार एक तरफा कर्मी विरोधी निर्णय को कर्मियों के ऊपर थोप रहा है, एक तरफ जहां स्थाई कर्मी अपने वेतन समझौता को पूर्ण करने, उचित बोनस लेने, ग्रेच्युटी सीलिंग को हटाने के लिए संघर्षरत है। वहीं, ठेका श्रमिक नियमानुसार बोनस लेने,  ए ब्ल्यू ए  का बड़ा हुआ पैसा लेने एवं केंद्रीय स्तर पर नया वेतन समझौता करवाने के लिए आंदोलनरत हैं।

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सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने स्थाई एवं ठेका श्रमिकों के वेतन समझौता को लेकर मांग पत्र दिया है जिस पर प्रबंधन वार्ता कर समझौता करने से आनाकानी कर रही है इसीलिए 29 एवं 30 जनवरी 2024 को होने जा रहे दो दिवसीय हड़ताल में स्थाई एवं ठेका श्रमिक पूरी ताकत के साथ भाग लेंगे।

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ठेका श्रमिकों का एब्ल्यूए का पैसा भी नहीं दिला पाता है प्रबंधन

यूनियन नेताओं ने कहा कि पिछले वेतन समझौता के समय केंद्रीय स्तर पर वेतन वार्ता के बैठक में ठेका श्रमिक को वेतन में वृद्धि करने के लिए प्रति माह 1000 एब्ल्यूए के रूप में देने का निर्णय हुआ था, जिसे सभी संयंत्रों में लागू किया गया। एवं प्रबंधन ने इस हेतु पैसा भी जारी किया, किंतु संयंत्र के अंदर विभागीय स्तर पर कई विभागों में ठेकेदार द्वारा प्रति माह ठेका मजदूरों को मिलने वाले वेतन में एब्ल्यूए को जोड़कर नहीं दिया जाता है, जिसे दिलवाने की जिम्मेदारी उस विभाग के ऑपरेटिंग अथॉरिटी की होती है। इसीलिए ठेका श्रमिक अपने वेतन को लेकर स्थाई मजदूर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर 29 एवं 30 जनवरी 2024 के हड़ताल में भाग लेंगे।

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कर्मी बोले-प्रबंधन के झांसे में नहीं आएंगे

चर्चा के दौरान एक श्रमिक ने कहा कि जब भी कर्मियों को उनके हक का पैसा देने की बारी आती है तो प्रबंधन घाटे की कहानी बताना शुरू कर देता है। वहीं, जब अधिकारियों को पीआरपी अथवा दूसरे आर्थिक लाभ देने का समय आता है तो प्रबंधन घाटा बताने के बजाय अधिकारियों को पैसा जारी कर देता है। इसीलिए इस बार के हड़ताल में हम प्रबंधन के झांसे में नहीं आने वाले हैं।

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