Suchnaji.com न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारी आधे-अधूरे वेतन समझौते को लेकर परेशान हो चुके हैं। इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को पत्र लिखकर उनकी बातों को याद दिलाने के बाद अब सांसद विजय बघेल को घेर लिया गया है।
दुर्ग सांसद विजय बघेल ने सेल के वेज एग्रीमेंट पर आंतरिक प्रश्न संख्या 2833 को सरकार से सवाल पूछा था जिसकी याद दिलाने बीएसपी नॉन एक्स कर्मचारी संघ के पदधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य उनसे उनके आवास पर मिले।
बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य विजय बघेल से मिले। यह सांसद के साथ यूनियन की पहली बैठक थी, जिसमें यूनियन के सभी सदस्य ने अपना परिचय दिया एवं चर्चा में उस मुद्दे को उठाया, जो 3/08/22 को लोकसभा में दुर्ग सांसद विजय बघेल ने सदन में प्रश्न पूछा था, जिसके जवाब में सरकार ने एनजेसीएस वार्ता जारी रहने की सूचना दी थी। आश्वासन दिया था कि 2 मई 2023 तक उस पर निर्णय ले लिया जाएगा। लेकिन अभी तक वेज सेटेलमेंट पुरा नहीं हो पाया। इसके बारे में बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन को उनको अवगत कराया।
गौरतलब है कि सेल कर्मियो का वेतन समझौता 76 माह से अटका है। आधा अधुरा एमओयु हुए भी 18 माह हो गया है। इस दौरान अधिकारियों को वेतन समझौता का सभी बकाया तथा पीआरपी तक दे दिया गया। जिससे जुनियर मैनेजर से लेकर चेयरमैन तक को फायदा मिला है। जबकि वेतन समझौता तथा एरियर की आशा में जनवरी 2017 से अभी तक 21000 सेल कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए है।
सांसद से वार्ता में अध्यक्ष अमर पटेल, महासचिव अभिषेक सिंह, कोषाध्यक्ष नवीन मिश्रा, उपाध्यक्ष नवीन कुमार ध्रूव, सचिव अजय वासनिक, कार्यकारिणी के रविशंकर तिवारी, निरंजन, विवेक कुमार एवं सदस्यों ने भाग लिया है।
जानिए यूनियन पदाधिकारी क्या बोले
हम सभी यूनियन पदाधिकारियों ने सांसद को सरकार द्वारा लोकसभा में दिए गए आश्वासन को याद दिलाया है, ताकि वह पुनः सरकार तथा सेल प्रबंधन पर वादा पूरा करने के लिए दवाब डाल सकें।
अमर पटेल, अध्यक्ष
हमें कारखाना अधिनियम से लाभ मिलने के बदले घाटा हो रहा है। कारखाना अधिनियम के तहत बारगेनिंग प्रक्रिया से कर्मचारियो को अधिक लाभ मिलना चाहिए था, परंतु एनजेसीएस के सेंट्रल लीडर की नाकामी के कारण सेल कर्मियों को घाटा हो रहा है।
अभिषेक सिंह, महासचिव
हम श्रम मंत्री तथा श्रमायुक्त से मिलकर औद्योगिक विवाद अधिनियम का खंड 3 को समुचित ढंग से परिभाषित करने हेतु वार्ता करेंगे, ताकि NJCS में सिर्फ कार्यरत प्रतिनिधि ही जा सकें।
नवीन मिश्रा, कोषाध्यक्ष