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वरिष्ठ नागरिक: 60-79 साल वालों को 200 और 80 वर्ष या उससे अधिक वालों को 500 रुपए हर महीने

वरिष्ठ नागरिक: 60-79 साल वालों को 200 और 80 वर्ष या उससे अधिक वालों को 500 रुपए हर महीने
  • 60-79 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को 200 रुपये प्रति माह और 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को 500/- रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता का प्रावधान है।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग (डीएसजेई) (Department of Social Justice and Empowerment (DSJE)) ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण (एमडब्ल्यूपीएससी) अधिनियम, 2007 को अधिनियमित किया। राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) के माध्यम से डीएसजेई ने कुछ राज्य सरकारों और प्रमुख हितधारकों से फीडबैक लेकर 2019-20 में एमडब्ल्यूपीएससी अधिनियम 2007 के कामकाज और प्रभावशीलता पर एक अध्ययन किया था।

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एमडब्ल्यूपीएससी अधिनियम, 2007 की धारा 22 (Section 22 of the MWPSC Act, 2007) के अनुसार राज्य सरकार इस अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट को शक्तियां और कर्तव्य प्रदान करती है। राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्य योजना भी निर्धारित करती है।

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वृद्धावस्था देखभाल सुविधाएं और विशेष चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए, डीएसजेई अटल वयो अभ्युदय योजना (एवीवाईएवाई) के तहत ‘जराचिकित्सा देखभालकर्ताओं का प्रशिक्षण’ लागू करता है।

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इसका उद्देश्य वृद्धावस्था देखभालकर्ताओं के क्षेत्र में आपूर्ति और बढ़ती मांग के बीच के अंतर को पाटना है ताकि वरिष्ठ नागरिकों को अधिक पेशेवर सेवाएं प्रदान की जा सकें और साथ ही वृद्धावस्था के क्षेत्र में पेशेवर देखभालकर्ताओं का एक कैडर बनाया जा सके।

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डीएसजेई वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य कार्य योजना (SAPSrC) का भी समर्थन करता है, जिसके तहत ‘जराचिकित्सा देखभालकर्ताओं के प्रशिक्षण’ के लिए विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को धनराशि जारी की जाती है।

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वृद्धावस्था पेंशन केवल गरीबी रेखा से नीचे वालों को

ग्रामीण विकास मंत्रालय राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) (Ministry of Rural Development National Social Assistance Programme (NSAP)) को क्रियान्वित कर रहा है, जिसके अंतर्गत अन्य बातों के साथ-साथ वृद्धावस्था पेंशन केवल 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के उन व्यक्तियों को प्रदान की जाती है जो गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी में आते हैं।

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किसी अन्य श्रेणी के वरिष्ठ नागरिक एनएसएपी पेंशन (NSAP Pension) लाभ के अंतर्गत नहीं आते हैं। एनएसएपी के एक घटक के अंतर्गत 60-79 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को 200/- रुपये प्रति माह और 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को 500/- रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता का प्रावधान है।

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रोगियों को दवाएं निःशुल्क प्रदान कर रहे

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएचसीई) योजना को लागू करता है, जिसके तहत प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल स्तरों पर 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को आसानी से सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

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आयुष्मान आरोग्य मंदिरों-उप स्वास्थ्य केंद्र (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी)/ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) में स्वास्थ्य सेवाओं के पैकेज में बुजुर्गों की देखभाल को भी शामिल किया गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं के सभी स्तरों पर, वृद्ध आबादी सहित रोगियों को दवाएं निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत, जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) भारत के लगभग सभी जिलों में संचालित है। जिला स्तर पर डीएमएचपी टीमों में मनोचिकित्सक, नैदानिक मनोवैज्ञानिक, मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता, मनोरोग नर्स और सामुदायिक नर्स शामिल हैं।

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डीएमएचपी टीम जिला अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और अंतः रोगी विभाग (आईपीडी) सेवाएं प्रदान करती है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और उप-केंद्रों पर आउटरीच ओपीडी सेवाएं प्रदान करती है। इसके अलावा, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में, मानसिक स्वास्थ्य को सामुदायिक और स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के पैकेज में शामिल किया गया है, जो रोगियों के घरों के करीब है।

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केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री बीएल. वर्मा (Union Minister of State for Social Justice and Empowerment BL Verma) ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दिया कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम (एमडब्ल्यूपीसी) 2007 के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए कानूनी सेवाओं तक आसान पहुंच के प्रावधान हैं।

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इसके अतिरिक्त, न्याय विभाग के तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए कानूनी सेवाएं योजना, 2016 की स्थापना की है। यह योजना कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत हकदार वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करती है।

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इसमें न्यायाधिकरणों और वृद्धाश्रमों में कानूनी सेवा क्लीनिक स्थापित करना शामिल है, जिसमें प्रशिक्षित पैरालीगल स्वयंसेवक होते हैं जो कानूनी प्रक्रियाओं में वरिष्ठ नागरिकों की सहायता करते हैं। ये क्लीनिक वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकारी योजनाओं, पेंशन लाभों और अन्य अधिकारों तक पहुँच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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