- 2024-25 में आवास आवंटन प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं।
- अलॉटमेंट सेक्शन के बजाय फील्ड सर्विस देखने वाले एजीएम जितेंद्र कुमार को फंसा दिया गया है।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के बोकारो स्टील प्लांट के एक एजीएम को बलि का बकरा बना दिया गया है। जीएम और सीजीएम के साइन से जारी आवास आवंटन के एप्रुवल लेटर पर हड़कंप मचते ही एजीएम को फंसाने का दांव खेल दिया गया है।
कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। जिस अधिकारी का सीधेतौर पर कोई वास्ता ही नहीं, उसे लेटर जारी करने का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। इससे बीएसएल के उच्चाधिकारियों की साख पर बट्टा लगना तय है।
बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन की ओर से सिक्योरिटी में लगे होमगार्ड को 400 आवास आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। आवास के लिए लिस्ट तैयार की गई और उसी के अनुसार अलॉटमेंट होना था। इसी बीच में कुछ आवास लिस्ट के बाहर के जोड़कर आवंटित किए गए।
अलॉटमेंट सेक्शन ने अनुमति लेकर अलॉट कर दिया। पहले, दूसरे चरण में मकान दे दिए गए और तीसरे चरण में पकड़ में आया कि ये कैसे हुआ। जबकि एप्रुवल लेटर फाइल में लगा हुआ है। इसी लेटर पर जीएम और सीजीएम की साइन बताई जा रही है।
2024-25 में आवास आवंटन प्रक्रिया
2024-25 में आवास आवंटन प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं। अलॉटमेंट सेक्शन के बजाय फील्ड सर्विस देखने वाले एजीएम जितेंद्र कुमार को फंसा दिया गया है। बीएसएल के अधिकारियों का कहना है कि जितेंद्र कुमार का कोई लेना-देना ही नहीं है। जो अधिकारी सेक्शन देखते ही नहीं, उन्हें कैसे नोटिस दिया जा सकता है।
जीएम और सीजीएम की साइन है
जबकि अलॉटमेंट सेक्शन के आफिसर, जीएम और सीजीएम की साइन है। जीएम के अंडर में 3 सेक्शन है। अलॉटमेंट के अधिकारी जीएम को रिपोर्ट करते हैं। सीजीएम की साइन के बाद अलॉटमेंट सेक्शन ने ऑर्डर जारी किया। अलॉटमेंट सेक्शन दिवाकरण शरण देखते हैं। फिलहाल, उनका कोलकाता में इलाज चल रहा है।