- इस्पात क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए तीसरी भारत-जापान इस्पात वार्ता आयोजित की गई
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय (एमईटीआई) और भारत के इस्पात मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीसरी भारत-जापान इस्पात वार्ता (स्टील डायलॉग) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सफलतापूर्वक आयोजित की गई।
ये खबर भी पढ़ें: पेंशन, FDI, KYC, कंपनियों के विलय पर वित्त मंत्री की बजट 2025 में बड़ी घोषणाएं
वार्ता की अध्यक्षता भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के संयुक्त सचिव विनोद कुमार त्रिपाठी और जापान के एमईटीआई के उप महानिदेशक हिदेयुकी उराता ने की, जिन्होंने दोनों देशों के संबंधित प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया।
ये खबर भी पढ़ें: वित्त मंत्री की घोषणाओं से भिलाई के व्यापारी गदगद, MSME पर ये बोला चेंबर ऑफ कॉमर्स
चर्चा के दौरान, दोनों पक्षों ने भारत और जापान में मौजूदा आर्थिक विकास, दोनों देशों में इस्पात क्षेत्र के परिदृश्य, इस्पात उद्योग में नवीनतम रुझान, दोनों देशों के बीच इस्पात व्यापार की स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय इस्पात बाजार से जुड़ी अहम जानकारियों का आदान-प्रदान किया।
ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Steel Plant: सेक्टर 9 हॉस्पिटल में ऑनलाइन मेडिसिन सिस्टम फेल, उठे सवाल
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई रणनीतिक पहलों, बुनियादी ढांचे में निवेश से प्रेरित इस्पात की मांग में निरंतर वृद्धि और ग्रीन स्टील रिपोर्ट और ग्रीन स्टील के वर्गीकरण जैसे ठोस कदमों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प, जनसांख्यिकीय लाभों के साथ मिलकर जापानी निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है।
इस संवाद ने यूरोपीय संघ के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (ईयू सीबीएएम) सहित प्रमुख मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए एक मंच भी प्रदान किया, जिसका वैश्विक इस्पात व्यापार पर बड़ा प्रभाव है।
जापानी पक्ष ने जापानी इस्पात उद्योग में वर्तमान आर्थिक विकास और प्रगति के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने वर्तमान में जारी क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर भी जानकारी प्रदान की और आपसी हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक का मुख्य आकर्षण प्रौद्योगिकी सहयोग और कौशल विकास को बढ़ाने के उद्देश्य से चल रही क्षमता निर्माण पहलों की प्रगति और भविष्य की समीक्षा थी। दोनों पक्षों ने आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने और इस्पात क्षेत्र में रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों की पहचान करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
ये खबर भी पढ़ें: तेंदुए ने करा दिया भिलाई स्टील प्लांट में सेफ्टी नॉर्म्स का पालन
जापानी प्रतिनिधिमंडल ने भारत में नई इस्पात प्रौद्योगिकियों में निवेश के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। इसके बदले में, भारत ने वार्ता की रूपरेखा के तहत जापानी कंपनियों के लिए कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Steel plant: परिवहन-डीजल संगठन के कर्मचारियों की विदाई में सब भावुक
भारत-जापान इस्पात वार्ता इस्पात उत्पादन, उत्पाद विविधीकरण और कार्यस्थल सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए एक संस्थागत तंत्र के रूप में कार्य करती है। इस साझेदारी को 22 दिसंबर, 2020 को दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित इस्पात क्षेत्र पर सहयोग ज्ञापन (एमओसी) के तहत दिशा दी गई है। यह वार्ता इस्पात उद्योग में नवाचार, सतत विकास और लचीलेपन को बढ़ावा देने में भारत और जापान के साझा दृष्टिकोण को रेखांकित करती है।