Suchnaji

केन्द्रीय कैबिनेट ने दी ‘मिशन मौसम’ को मंजूरी, जानें क्या है

केन्द्रीय कैबिनेट ने दी ‘मिशन मौसम’ को मंजूरी, जानें क्या है

सूचनाजी न्यूज।केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा ‘मिशन मौसम’ को मंजूरी दे दी गई है। आखिर से मिशन मौसम क्या है। क्यों इसकी चर्चा हो रही है। मिशन मौसम के बारे में विस्तार से बात करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य घटक पर भी चर्चा की जाएगी। भारत में मौसम पूर्वानुमान की चुनौतियों के साथ ही मिशन मौसम से लाभान्वित होने वाले प्रमुख इलाकों के बारे में भी आज @Suchnaji.com News पर डिटेल में बात की जाएगी।

AD DESCRIPTION R.O. No.12945/84

ये खबर भी पढ़ें: दुर्ग जिला विकास सहकारी समिति की जरूरी मीटिंग, लिए गए महत्वपूर्ण बैठक

-‘मिशन मौसम’ चर्चा में क्यों

हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘मिशन मौसम’ के शुभारंभ को मंजूरी दी है। हम आपको बता दें कि इसका उद्देश्य चरम मौसम और जलवायु चुनौदियों से निपटने के लिए भारत की क्षमता को बढ़ाना है।

ये खबर भी पढ़ें: दुर्ग जिला विकास सहकारी समिति की जरूरी मीटिंग, लिए गए महत्वपूर्ण बैठक

-जानें ‘मिशन मौसम’ क्या है

यह दो वर्षों के लिए एक पहल हैं, जिसका उद्देश्य उन्नत शोध और बेहतर जलवायु विज्ञान क्षमताओं के माध्यम से भारत की मौसम संबंधी तैयारियों को मजूत करना है। इस मिशन को दो हजार करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के तहत तीन प्रमुख संस्थाओं के द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। इसमें

ये खबर भी पढ़ें: चश्मा उतारने में मदद करेगी ये Eye Drop, पढ़ें काम की खबर

1)India Meteorological Department

2)Indian Institute of Tropical Meterology

3) National Centre for Medium-Range Weather Forecasting

ये खबर भी पढ़ें: IMD ने क्यों बढ़ाया मानसून सीजन, जानें बड़ी वजह

ये संस्थान जलवायु और मौसम विज्ञान में भारत के नेतृत्व को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों, उद्योग जगत के नेताओं और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करेंगे। साथ ही यह पहल नागरिकों और प्रमुख क्षेत्रों को चरम मौसम की स्थिति और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए बेहतर उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराएगी। इससे समय के साथ समुदायों, पारिस्थितिकी तंत्रों और विभिन्न उद्योगों के मध्य सहयोग बेहतर होने की उम्मीद है।

ये खबर भी पढ़ें: रायपुऱ : चक्रधर समारोह 2024 : कथक और ओडिसी नृत्य ने किया दर्शकों को मंत्रमुग्ध

-जानें कार्यक्रम के मुख्य घटक

कार्यक्रम के मुख्य घटकों में वायुमंडलीय विज्ञान में अनुसंधान का विस्तार करना, मौसम निगरानी, पूर्वानुमान और मॉडलिंग पर ध्यान केन्द्रित करना शामिल है।

मिशन मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता में सुधार करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और उच्च-प्रदर्शन कम्प्यूटिंग जैसी उन्नत तकनीकों को एकीकृत करेगा।

ये खबर भी पढ़ें: Chhattisgarh Breaking : Bhilai में प्रशासन का बहुत बड़ा एक्शन, मजार कैंपस में चला बुलडोजर, जमींदोज हुआ गुंबद, देखिए Video

मिशन मौसम अवलोकन प्रणालियों को बढ़ाने, सटीक और समय पर जानकारी प्रदान करने को प्राथमिकता देगा।

इसके प्रमुख क्षेत्रों में मानसून पूर्वानुमान, वायु गुणवत्ता अलर्ट और कोहरा, ओलावृष्टि और भारी वर्षा जैसी चरम मौसम की घटनाओं के लिए चेतावनी शामिल हैं।

ये खबर भी पढ़ें: पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की पत्नी का निधन, रायपुर में ली अंतिम सांस

वास्तविक समय के डेटा प्रसार के लिए एक GIS-आधारित स्वचालित निर्णय समर्थन प्रणाली (Automated Decision Support System) भी विकसित की जाएगी।

यह अगली पीढ़ी के रडार, उन्नत उपग्रह प्रणाली और उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कम्प्यूटर जैसी अत्याधुनिक तकनीक मिशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

ये खबर भी पढ़ें: Big News : छत्तीसगढ़ के हर जिले में कांग्रेस का प्रदर्शन, सड़कों पर उतरेंगे दिग्गज नेताओं से लेकर पार्टी के कार्यकर्ता

-मिशन मौसम से लाभान्वित होने वाले क्षेत्र

मिशन मौसम से कई क्षेत्रों को लाभ होगा। इसमें कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, विमानन, जल संसाधन, बिजली, पर्यटन और स्वास्थ्य प्रमुख रूप से शामिल है।

यह पहल शहरी नियोजन, परिवहन, अपतटीय परिचालन और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में डेटा संचालित निर्णय लेने सहायता करेगी।

ये खबर भी पढ़ें: ‘तीजा-पोरा महतारी वंदन तिहार मनाकर सीधे दुर्ग आएंगे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, जानें पूरा शेड्यूल

-भारत में मौसम पूर्वानुमान की चुनौतियां

1)मौसम की घटनाओं में अधिक परिवर्तनशीलता।
2)हाइपर-लोकैलिटी की चुनौतियां।
3)मौसम पूर्वानुमान में अंतर्निहित अनिश्चितताएं।
4)डेटा एसिमिलेशन और मॉडलिंग की कमी।
5)पुरानी और अपर्याप्त अवलोकन संबंधी अवसंरचना।
6)पड़ोसी देशों के साथ सहयोग प्रमुख रूप से शामिल है।

ये खबर भी पढ़ें: Big Breaking : भिलाई DPS का मामला फिर उछला, ‘दो डॉक्टर्स की रिपोर्ट में बच्ची के निजी अंगों में चोट के निशान, फिर भी दबा रही पुलिस

AD DESCRIPTION RO: 12822/ 117