Bhilai Steel Plant रेस्ट रूम का वीडियो वायरल, कर्मचारियों के बच्चों का मूड खराब, देखें Video

Video of Bhilai Steel Plants rest room goes viral
  • बीएसपी प्लेट मिल रेस्ट रूम का वीडियो तेजी से वायरल। यहां की प्लेट नौ सेना में आइएनएस विक्रांत में लगा हुआ है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। महारत्न कम्पनी भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai STeel Plant) के भीतर की स्थिति इतनी भयावह है कि कर्मचारियों के बच्चे अगर देख लें तो कांप उठें। उनके पिता संयंत्र मे किस जगह बैठते-उठते हैं तो वे लोग भी नांक भौं सिकोड़ते नजर आएंगे।

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Rajat Dikshit

बीएसपी प्लेट मिल रेस्ट रूम का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यहां की प्लेट नौ सेना में आइएनएस विक्रांत और हाल ही में मुम्बई में समुंद्र के अंदर ब्रिज बनाने में उपयोग हो रही है। बीएसपी कर्मचारियों का कहना है कि खासकर के गैर कार्यपालकों के रेस्ट रूम और साईट पर उनके बैठने के स्थान की स्थिति बहुत ही दयनीय है।

Vansh Bahadur

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Janta Mazdoor Sangh Bokaro

इस वीडियो को देख कर भी अंदाजा लगाया जा सकता है। यह प्लेट मिल शिपिंग एरिया का रेस्ट रूम कहलाता है। जहां क्रेन आपरेटर्स क्रेन से उतरने के बाद बैठते हैं। एक तरह से क्रेन आपरेटर्स शिपिंग एरिया के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि भारी प्लेट की लोडिंग-अनलोडिंग क्रेन आपरेटर्स के माध्यम से ही कराईं जाती है।

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और रेस्ट रूम कर्मियों के समान रखने की जगह में पानी टपकता है। मच्छरों के मारे कर्मी बैठ नहीं पाते हैं, लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि आइएसओ सर्टिफाइड संयंत्र जो आइएसओ के सभी मापदंड पूरे करता है, जिसमे कि कर्मियो को कार्य स्थल पर प्रदान की जा रही सुविधाएं भी शामिल है।

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तब जाकर आइएसओ सर्टिफिकेशन मिलता है। एक वर्ष पूर्व बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगाए जाते वक्त भी कर्मियों ने आवाज़ उठाई थी कि मूलभूत सुविधाओं का जबरदस्त अभाव है। संयंत्र के भीतर पहले अच्छी सुविधा उपलब्ध कराया जाए, उसके बाद कर्मियों पर बायोमेट्रिक का शिकंजा कसें। लेकिन प्रबंधन ने एक ना सुनी।

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कुछ दिन पूर्व ही लोको डिपो स्थित कैंटीन में सूअर वाशिंग एरिया मे विचरण करते देखे गए थे। सूचनाजी.कॉम में समाचार लगने के बाद आनन-फानन मे कैंटीन की घेराबंदी की गई और कर्मियों ने राहत की सांस ली, जिस से प्रेरणा लेते हुए कुछ कर्मियों ने प्लेट मिल के रेस्ट रूम की दयनीय स्थिति का वर्णन किया है।

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लेकिन ये बात तो तय है कि संयंत्र के भीतर कर्मियों को दोयम दर्जे की सुविधाएं प्रदान की जाती है और बाहर सीएसआर का ढिंढोरा पिटा जाता है, जो अपने कर्मचारियों को कार्य स्थल पर उचित सुविधाएं नहीं उपलब्ध करवा पाता है। वह बाहर दिखावे के लिए क्यों सीएसआर का बजट एलोकेट करता है। बेहतर होगा कि प्रबंधन संयंत्र के भीतर ही समाजिक उत्तरदायित्व का ईमानदारी से निर्वाहन करें।

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