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संसद भवन घेराव तैयारी: साल में 25 दिन से ज्यादा नहीं मिल पाएगी मनरेगा में मजदूरी, श्रमिकों का नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन

संसद भवन घेराव तैयारी: साल में 25 दिन से ज्यादा नहीं मिल पाएगी मनरेगा में मजदूरी, श्रमिकों का नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन
  • राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष सुखरंजन नंदी ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। दावा किया जा रहा है कि केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 5 अप्रैल को देशभर के लाखों की संख्या में मजदूर-किसान व खेत मजदूर संसद का घेराव करेंगे। राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष सुखरंजन नंदी ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाया।

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कहा-जहा आज देश में आर्थिक संकट के कारण बेरोजगारी दर ज्यादा है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा वर्ष में 100 दिन ग्रामीण लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का गारंटी प्रदान करता है। वहीं, केन्द्र की भाजपा सरकार ने इस वर्ष के बजट में मनरेगा के आवंटन में भारी भरकम राशि की कटौती कर ग्रामीण जनता के रोजगार के अधिकार से वंचित कर दिया गया है।

उन्होंने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने जो राशि इस मद पर आवंटन किया है, उस राशि में प्रति मजदूर को वर्ष में 25 दिन से अधिक रोजगार नहीं मिल सकता है। सरकार पूरी तरह से मनरेगा को समाप्त कर देना चाहती है, ताकि कार्पोरेट घरानों ठेकेदार और मालिकों के पास सस्ते दरों में श्रमिक अपने श्रम को बेचने को विवश हो जाएं।

सुखरंजन नंदी ने कहा कि देश की बढ़ती बेरोजगारी से निपटने में मनरेगा एक कारगर उपाय हो सकता है। और सरकार को ग्रामीण मजदूरों को साल में 200 दिन काम देने लायक राशि आवंटित करना चाहिए। मजदूर नेता ने कहा कि देश में महंगाई के मद्देनजर मनरेगा का मजदूरी भी अपर्याप्त है। उन्होंने मनरेगा मजदूरी का दैनिक 600 रुपए करने का मांग की है।

श्रमिकों का नहीं हुआ पंजीयन

मजदूर नेता ने कहा कि दुर्ग जिला में भारी संख्या में निर्माण मजदूरों का पंजीयन नहीं हुआ है। और पंजीकृत मजदूरों को योजनाओं का लाभ भी नहीं मिला है। नवीनीकरण की जानकारी के अभाव में अनेक मजदूरो का पंजीयन निरस्त हो रहा है।

यूनियन की ओर से मजदूरों के बीच जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। इसी तारतम्य में उमरपोटी में निर्माण श्रमिकों के बीच पर्चा वितरण और बैठक कर मजदूरों को संगठित होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष का आह्वान किया गया। अभियान में मुख्य रूप से सुखरंजन नंदी, डीवीएस रेड्डी, श्रवण कोसरे, आत्मा राम, हेमलाल यादव, मोना साहू, विद्या साहू, पूर्णिमा गायकवाड़, हेमलता यादव सहित भारी संख्या में श्रमिक उपस्थित थे।