NMDC का साथ मिलने से दंतेवाड़ा की रमशिला 10वीं बोर्ड परीक्षा में ला सकी 600 में से 587 अंक, अब IIT का ख्वाब

With the support of NMDC, Ramshila from Dantewada was able to score 587 out of 600 marks in 10th board exam in CG, now dreams of IIT
  • छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा में कुल 600 में 587 अंक रामशिला नाग ने हासिल किया।

सूचनाजी न्यूज, दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा जिले के पोंडम गांव की 15 वर्षीया रामशिला नाग ने छत्तीसगढ़ राज्य मैट्रिक परीक्षा में जिला स्तर पर प्रथम स्थान और पूरे राज्य में नौवां स्थान हासिल किया है। अब उसका लक्ष्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा पास कर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), विशेष रूप से IIT मद्रास में प्रवेश लेना है।

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परीक्षा परिणाम पर खुशी जताते हुए रामशिला नाग कहती है- “यह मेरे जीवन की सबसे खुशी का दिन है। अब मैं कक्षा 11वीं में गणित विषय लेकर IIT की तैयारी करना चाहती हूं। NMDC के समर्थन के बिना यह सपना पूरा नहीं हो पाता।”

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Shramik Day

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में कुल 600 में 587 अंक हासिल कर रामशिला नाग ने 97.83 प्रतिशत के साथ शानदार प्रदर्शन किया है। इस वर्ष का ओवरऑल पास परसेंटेज 76.53 प्रतिशत रहा, जिसमें लड़कियों ने लड़कों से बाजी मार ली है। परिणाम बताते हैं कि लड़कियों का पास प्रतिशत 80.70 प्रतिशत रहा जबकि लड़कों का 71.39 प्रतिशत।

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एनएमडीसी का सीएसआर पहल है छू लो आसमान

रामशिला ‘छू लो आसमान’ की छात्रा है, जो एनएमडीसी की सीएसआर पहल के तहत संचालित एक निःशुल्क आवासीय कोचिंग कार्यक्रम है। यह योजना कक्षा 9से 12वी तक के छात्र को नियमित शिक्षा प्रदान करती है और आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग के छात्रों को NEET और JEE Mains जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराती है।

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यह पहल रामशिला जैसी बस्तर रीजन की कई छात्राओं के लिए एक जीवनरेखा साबित हुई है। रामशिला स्वीकार करती है- “ऐसी कोचिंग हमारे जैसे परिवारों के लिए अक्सर पहुंच से बाहर होती है”।

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पिता किसान और मां घर का संभालती कामकाज

रामशिला नाग अत्यंत साधारण परिवार से आती है। उसके पिता किसान हैं और मां घर का कामकाज संभालती ( गृहणी) है। चार बहनों में सबसे छोटी रामशिला गीदम के पास संचालित छू लो आसमान आवासीय विद्यालय में रहकर पढ़ाई करती है।

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मैट्रीक परीक्षा में जिले में टॉप करने पर उसकी खुशी इन शब्दों में व्यक्त हुई-“मैं अपनी इस सफलता को अपने शिक्षकों,वार्डनों, सहपाठियों और सबसे बढ़कर अपने परिवार और एनएमडीसी को समर्पित करती हूं। अब मुझे विश्वास है कि मेरे गांव की दूसरी लड़कियां भी सपने देखने की हिम्मत करेंगी”।

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छू लो आसमान योजना से बदली रामशिला की ज़िंदगी

रामशिला नाग के जीवन में बड़ा बदलाव तब आया, जब उन्होंने NMDC की “छू लो आसमान” योजना में नामांकन लिया। यह विद्यालय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एनएमडीसी की सीएसआर पहल के तहत शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य दूरदराज के आदिवासी इलाके के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।

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रामशिला से भेंट हुई उसी आवासीय विद्यालय में, जहां वो रहती और पढ़ती है। रामशिला कहती है- “जब मैं 9वीं कक्षा में ‘छू लो आसमान’ के लिए चयनित हुई, तभी मुझे लगा कि अब चीज़ें बदलेंगी। हमें यहां सब कुछ मिलता है- किताबें, कोचिंग, यहां तक कि यूनिफॉर्म भी। मेरे शिक्षकों ने पहले दिन से मुझ पर विश्वास किया।”

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अबतक 1000 विद्यार्थी हुए लाभान्वित

जिला प्रशासन के सहयोग से वर्ष 2011 से संचालित छू लो आसमान योजना में हर वर्ष 160 विद्यार्थियों का चयन होता है, जिसमें 80 लड़कियां और 80 लड़के शामिल हैं। उन सभी को आवासीय सुविधा, यूनिफॉर्म, शैक्षणिक सहायता और मेंटरशिप प्रदान की जाती है। इस कार्यक्रम से अबतक 1000 से अधिक छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो चुकी हैं। एनएमडीसी इस योजना पर प्रतिवर्ष लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये का खर्च वहन करती है।

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दंतेवाड़ा जिले की एक अन्य होनहार छात्रा वाणी साहू भी अपनी सफलता का श्रेय इसी योजना को देती हैं, जिससे यह सिद्द होता है कि एनएमडीसी सचमुच छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदल रहा है।

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बोर्ड परीक्षा में स्ट्राईक रेट रहा 100 परसेंट

बताते चले कि इसके अतिरिक्त ‘छू लो आसमान’ पहल के छात्र-छात्राओं ने दसवीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा में सौ फीसदी परिणाम लाकर शानदार उपलब्धि दर्ज की है। गर्व की बात ये है कि जिले के सभी उच्च रैंकिंग हासिल करने वाले छात्र भी इसी विद्यालय से हैं। जैसे आस्था वर्मा और निहारिका पोया ने 95.67 प्रतिशत के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है, जबकि तानू साहू ने 95.67 प्रतिशत के साथ छठा और रेशमा बघेल ने 95.67 प्रतिशत लाकर जिले में सातवां पोजिसन पाया है।

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इसी तरह सरस्वती नाग ने आठवां, तमन्ना मानवी ने नौवां रैंक हासिल किया है। इतना ही नहीं, दसवीं बोर्ड में समाज विज्ञान संकाय के 8 छात्रों ने सौ में सौ अंक लाकर इस कार्यक्रम की अकादमिक श्रेष्ठता को रेखांकित किया है।

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छात्रों के लिए नई सुबह की किरण

एनएमडीसी के महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री पी. श्याम गर्व से कहते हैं- “रामशिला की कहानी सिर्फ शैक्षणिक सफलता भर नहीं है, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि जब अवसर और संकल्प मिलते हैं, तो क्या कुछ संभव हो सकता है”।
वे आगे बताते हैं- “एनएमडीसी की अन्य शैक्षणिक पहलें- जैसे बालिका शिक्षा योजना, आस्था गुरुकुल, सक्षम आदि छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए आशा और उम्मीद की किरण बन चुकी हैं। इन कार्यक्रमों ने कई परिवारों की जिंदगियां संवारी हैं और आगे भी निखारती रहेंगी”।

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