Yogi Adityanath Birthday 2023: घर छोड़े, लोकसभा में रोए, अब यूपी के CM के चेहरे पर मुस्कान, पढ़िए मुख्यमंत्री के बारे में

  • योगी आदित्यनाथ ने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में यहां से दसवीं की परीक्षा पास की।

अज़मत अली, भिलाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बर्थ-डे मनाया जा रहा है। कई राज्यों के मुख्यमंत्री, भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्रियों ने बधाई संदेश दिया है। CM योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के जन्मदिन पर लोकसभा (Lok Sabha) अध्यक्ष और बीजेपी (BJP) सांसद ओम बिड़ला (Om Birla), केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani), राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और नितिन गडकरी (Nitin Gadkari), किरन रिजिजू ने बधाई दिया है।

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योगी आदित्यनाथ मूल रूप से उत्तराखंड के हैं। योगी आदित्यनाथ का मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है। 5 जून 1972 को जन्म हुआ है। योगी को पहचान गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त के रूप में मिली। यहीं से वह यूपी की सियासत में कदम रखा। लोकसभा चुनाव लड़ा और लगातार सांसद रहे। 2017 के यूपी चुनाव में अखिलेश यादव की सरकार दोबारा नहीं बन सकी और योगी आदित्यनाथ को मौका मिल गया। लगातार दूसरी बार वह यूपी के मुख्यमंत्री हैं।

21वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं।

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पौड़ी गढ़वाल से गोरखपुर और सीएम तक

योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में हुआ था। पिता आनन्द सिंह बिष्ट फॉरेस्ट रेंजर थे। अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवें थे एवं इनसे और दो छोटे भाई हैं।

जानिए योगी की पढ़ाई कहां से हुई

योगी आदित्यनाथ ने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में यहां से दसवीं की परीक्षा पास की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े।

1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। कोटद्वार में रहने के दौरान इनके कमरे से सामान चोरी हो गया था जिसमें इनके सनत प्रमाण पत्र भी थे। इस कारण से गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने का इनका प्रयास असफल रह गया।

इसके बाद इन्होंने ऋषिकेश में पुनः विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश तो लिया लेकिन राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर परेशानी से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया।

1993 में गोरखपुर आए, 1994 में सन्यासी बने

1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए। गोरखपुर में अपने चाचा महंत अवैद्यनाथ के शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली। 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया। 12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।

जानिए सियासी सफर

-1998 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और जीत गए।
-1998-99 के सबसे युवा सांसद थे। 1999 में ये गोरखपुर से पुनः सांसद चुने गए।
-अप्रैल 2002 में इन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी।
-2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता।
-2009 में ये 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
-2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए।
-2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा।

-19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया।

सीएम योगी का विवाद से भी नाता

7 सितम्बर 2008 को योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बचे। यह हमला इतना बड़ा था कि सौ से भी अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहूलुहान कर दिया। आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किया गया, जब फायरिंग में एक युवा की जान चली गई।

आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेज दिया गया। मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा। योगी धर्मांतरण के खिलाफ और घर वापसी के लिए काफी चर्चा में रहे। अपने ऊपर लगाए गए मुकदमों को लेकर लोकसभा में खूब रोए थे।