- मॉडल स्कूल बनाने की मांग को लेकर सीटू प्रतिनिधि मंडल मिला महाप्रबंधक (शिक्षा) शिखा दुबे से। शिक्षण संस्थानों पर मंथन हुआ।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन (Bhilai Steel Plant Management) द्वारा शिक्षा के प्रति उदासीनता के चलते टाउनशिप में निवासरत बीएसपी कर्मचारी और सहयोगी जनसंख्या अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने के लिए बाध्य हो रहे हैं। इसके बावजूद एक बड़े वर्ग का रूझान आज भी बीएसपी द्वारा संचालित स्कूलों में की ओर है। बस, प्रबंधन द्वारा भविष्य में शिक्षा के लिए सार्थक योजना बनाने की आवश्यकता है।
अनेकों स्कूल बंद होते जा रहे
बताया जा रहा है कि एक निश्चित अवधि के बाद सार्वजनिक अथवा निजी बिल्डिंग के लिए मेंटेनेंस जरूरी होता है। इसे समय-समय पर किया जाना चाहिए। किंतु बिल्डिंग की मरम्मत किए बिना बिल्डिंग जर्जर होने की बात कहकर स्कूल को स्थानांतरित कर देना ठीक नहीं है।
महाप्रबंधक शिक्षा शिखा दुबे ने बताया कि भिलाई में पानी टंकी गिरने के बाद सभी सेक्टर की पानी टंकी और सार्वजनिक भवनों स्कूलों को जिस ऐजेंसी द्वारा सर्वे करवाया गया था, उनके अनुसार सेक्टर 5 स्थित मिडिल स्कूल को भी जर्जर और अनफिट घोषित किया गया था। इसके बाद वहां पढ़ने वाले बच्चों को सेक्टर 6 मिडिल स्कूल को माडल स्कूल बना कर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है।
ये खबर भी पढ़ें : ईपीएस 95 हायर पेंशन से वंचित करने की तैयारी, अब कोर्ट जाने की बारी, बड़ा नुकसान
इसके साथ ही सेक्टर 2 भिलाई विद्यालय को भी इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए संधारण किया जाएगा। स्कूलों में पढ़ाने हेतु संविदा शिक्षक लिए जाने की बात कही गई।
65 से अधिक स्कूल संचालित थे
किसी समय भिलाई इस्पात संयंत्र शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों की संख्या 65 से अधिक स्कूल संचालित हुआ करते थे, जिसमें 60000 से ज्यादा बच्चे पढ़ा करते थे। अब धीरे-धीरे बच्चे घटने की बात कहकर स्कूलों को हर साल एक-एक करके बंद कर दिया जा रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि भिलाई के सेक्टरों के अंदर ही दर्जन भर से ज्यादा निजी स्कूल संचालित है। जिसमें हजारों हजार बच्चे मोटी फीस देकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं। अब बीएसपी में गिने चुने स्कूल ही संचालित हो रहे हैं।
बीएसपी में भर्ती हो रहे नए कर्मियों के बच्चो के लिए योजना बना कर माडल स्कूल विकसित करने की आवश्यकता है, जिससे बच्चे आराम से बीएसपी के मॉडल स्कूल में पढ़ सके तथा बड़े-बड़े स्कूलों में मोटी फीस देकर अपने बच्चों को पढ़ने के लिए मजबूर ना हो सके।
ये खबर भी पढ़ें : Bhilai Steel Plant: सेक्टर 9 हॉस्पिटल से बड़ी खबर, मरीजों के लिए ये फैसला
बच्चों की संख्या घटने का बहाना
सीटू महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने बताया कि प्रबंधन लगातार बीएसपी में कार्यरत कर्मियों के बच्चे कम होते जाने की बात कह रही है। इस पर सीटू का दो टूक कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत कर्मियों के बच्चों के अलावा बीएसपी के लिए जो सपोर्टिंग पापुलेशन निवासरत है, उनके बच्चों के शिक्षा को देखना भी बीएसपी की ही जिम्मेदारी है, क्योंकि उन्हें यदि अच्छी शिक्षा नहीं मिली तो समाज पर इसका बुरा असर पड़ेगा।
इसके कारण टाउनशिप ही आने वाले दिनों में खराब होता चला जाएगा। सीटू द्वारा शिक्षा के लिए कार्य योजना बनायें जाने का सुझाव दिया।
ये खबर भी पढ़ें : BJP से सांसद विजय बघेल ने आखिर किया क्या है SAIL BSP कर्मियों के लिए, क्यों दे वोट…