भिलाई स्टील प्लांट में मजदूर की मौत पर जागा प्रबंधन, हटाए गए ठेका मजदूर, नियमित कर्मियों के हवाले क्रेन

  • स्टील मेल्टिंग शॉप-3 में 10 अक्टूबर को ठेका मजदूर की मौत के बाद उच्चाधिकारियों की फटकार का असर।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) (Steel Authority of India Limited-SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel Plant) के स्टील मेल्टिंग शॉप-3 (Steel Melting Shop) में ठेका मजदूर की बलि के बाद प्रबंधन जाग गया है। जिस क्रेन को नियमित कुशल कर्मचारी चला रहे थे। वहां से उन्हें हटाकर ठेका मजदूरों के हवाले क्रेन ऑपरेशन कर दिया गया था, जिसकी वजह से हादसा हुआ और एक मजदूर की जान चली गई थी।

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गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर ईडी वर्क्स की नकेल कसते ही प्रबंधन हरकत में आया और हटाए गए नियमित कर्मचारियों को वापस क्रेन ऑपरेशन में लगा दिया गया है। यहां करीब 15 नियमित कर्मचारी थे। जिनमें से 9 लोगों को हटाकर दूसरे सेक्शन में भेज दिया गया था। इनके स्थान पर ठेका मजदूरों से क्रेन चलवाया जा रहा था। इसकी वजह से हादसा हुआ। अब सभी 9 कर्मचारियों को वापस लाया गया है।

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10 अक्टूबर की सुबह करीब 10.30 बजे SMS-3 के बिलेट यार्ड में पुलपिट नंबर 11 के बाजू में खड़े क्रेन नंबर 28 ( मिडिल बे) को SMS-3 की तरफ से आ रहे 31 नंबर के क्रेन नंबर द्वारा जोर से टक्कर लगी। और क्रेन नंबर 28 का बफर टूट गया था। करीब एक क्विंटल वजन बफर पुलपिट के नीचे काम कर रहे ठेका कर्मी बसंत कुमार कुर्रे के ऊपर गिर गया था। बसंत कुमार कुर्रे की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी।

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ज्ञात हो कि SMS-3 बिलेट यार्ड के सभी क्रेन आपरेशन आउट सोर्सिंग में प्रोटेक्टिव जनरल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित हो रहे थे और वहां कार्यरत स्थाई क्रेन आपरेटरों को एसएमएस-3 के कास्टर सहित अन्य अनुभाग में लगा दिया गया था। फैटल एक्सीडेंट हो जाने के बाद एसएमएस-3 प्रबंधन स्थाई क्रेन आपरेटरों को पुनः यार्ड में क्रेन आपरेशन में तीनों शिफ्ट में 5 स्थाई क्रेन आपरेटर दिया गया है।

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सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी का कहना है कि प्रबंधन का यही फैसला पहले होता तो शायद मजदूर की जान बच जाती। खैर, देर से ही सही, दुरुस्त आए। इससे निश्चित रूप से सुरक्षा की दृष्टि से सही फैसला करार दिया जा सकता है।

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