भिलाई स्टील प्लांट और IIM Raipur में एमओयू साइन, लीन मैन्युफैक्चरिंग पर जोर

MoU signed between Bhilai Steel Plant and IIM Raipur, focus on lean manufacturing
ईडी वर्क्स राकेश कुमार ने परिचालन कुशलता को बढ़ाने तथा दोषों एवं अपशिष्ट में न्यूनता लाने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
  • भिलाई इस्पात संयंत्र एवं आईआईएम रायपुर के मध्य ‘लीन मैन्युफैक्चरिंग’ के माध्यम से परिचालन दक्षता बढ़ाने हेतु समझौता।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। तेजी से बदलते तकनीकी परिवेश, बाजार की अस्थिरता तथा सतत विकास की बढ़ती अनिवार्यता के मद्देनज़र सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL – Bhilai Steel Plant) ने अपनी परिचालन प्रणाली को सुदृढ़ एवं प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक पहल की है।

ये खबर भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमला: रायपुर के स्टील कारोबारी को राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि, सीएम साय ने दिया कंधा

इस कड़ी में बीएसपी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, रायपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य ‘लीन मैन्युफैक्चरिंग’ तकनीकों के माध्यम से वैल्यू स्ट्रीम मैपिंग को लागू कर परिचालन प्रक्रियाओं को सुचारु बनाना है।

ये खबर भी पढ़ें: Bokaro Steel Plant: रंग के आधार पर फटाफट कर रहे अनफिट मकान को फिट और फिट को अनफिट

कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में 24 अप्रैल 2025 को इस्पात भवन, भिलाई में आयोजित एक औपचारिक समारोह में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) प्रवीण निगम, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार, तथा कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) राकेश कुमार भी उपस्थित थे।

ये खबर भी पढ़ें: सेल रिफ्रेक्ट्री यूनिट भिलाई के 5 अधिकारी व 1 कर्मचारी को मिला शाबाश पुरस्कार

यह समझौता ज्ञापन भिलाई इस्पात संयंत्र में प्रक्रिया सुधार को संस्थागत रूप देने एवं परिचालन को सुचारु रूप से संचालित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से बीएसपी में साक्ष्य-आधारित परामर्श प्रणाली के द्वारा अक्षमताओं की पहचान कर उन्हें दूर किया जाएगा, जिससे दीर्घकालिक, मापनीय एवं दोहराए जा सकने योग्य सुधार सुनिश्चित हो सकें।

ये खबर भी पढ़ें: बीएसपी ठेका श्रमिक 25 अप्रैल को करेंगे प्रदर्शन, उत्पादन में 70% योगदान, प्रबंधन नहीं कर रहा समस्या समाधान

बीएसपी की ओर से महाप्रबंधक (बिजनेस एक्सीलेंस) एबी श्रीनिवास तथा आईआईएम रायपुर की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. राजीव ए. ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं आईआईएम रायपुर के फैकल्टी सदस्य भी उपस्थित थे।

ये खबर भी पढ़ें: बोकारो स्टील प्लांट में Green Heaven Garden, DIC-ED के पड़े कदम

इस कंसल्टेंसी फ्रेमवर्क को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। प्रारंभिक चरण में तीन प्रमुख विभागों, सीबीडी, बार एवं रॉड मिल (बीआरएम) तथा सिन्टर प्लांट-3 (एसपी-3) का व्यापक संगठनात्मक मूल्यांकन किया जाएगा। इस मूल्यांकन के अंतर्गत प्रक्रिया की विशेषताओं व ताकतों की पहचान, प्रणालीगत खामियों का विश्लेषण तथा अपशिष्ट को कम कर प्रदर्शन सुधार हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

ये खबर भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमला: प्रेम प्रकाश पांडेय का बड़ा बयान, स्टील कारोबारी की मौत से बड़ा झटका

प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर एक पायलट परियोजना क्रियान्वित की जाएगी, जो संयंत्र में व्यापक परिवर्तन का प्रोटोटाइप होगी। इस पायलट परियोजना से प्राप्त परिणामों को मापनीय बनाया जाएगा, जिनके आधार पर बीएसपी के अन्य उत्पादन इकाइयों में इन्हें लागू किया जा सकेगा, जिससे दक्षता एवं सस्टेनेबिलिटी के नए मानदंड स्थापित होंगे।

ये खबर भी पढ़ें: Rourkela Steel Plant: न्यू प्लेट मिल का नया कमाल, प्रोडक्शन का आंकड़ा पार

अपने वक्तव्य में कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस. मुखोपाध्याय ने भिलाई इस्पात संयंत्र की उत्पादन प्रक्रियाओं का विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत करते हुए ‘लीन मैन्युफैक्चरिंग’ उपकरणों की प्रासंगिकता पर बल दिया। कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा), श्री प्रवीण निगम ने लागत में कमी लाने एवं लाभप्रदता बढ़ाने हेतु कार्यक्षमता आधारित रणनीतियों की आवश्यकता को रेखांकित किया।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL News: सभी प्लांट के सेफ्टी & फायर सर्विस प्रमुखों का भिलाई स्टील प्लांट में जमावड़ा, पढ़ें डिटेल

कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार ने संयंत्र में अनुसंधान एवं नवाचार की निरंतरता की आवश्यकता पर बल दिया, जबकि कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) राकेश कुमार ने परिचालन कुशलता को बढ़ाने तथा दोषों एवं अपशिष्ट में न्यूनता लाने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Steel Plant: सेक्टर 9 हॉस्पिटल को मिली नई सौगात, डीआइसी ने काटा फीता

महाप्रबंधक (बिजनेस एक्सीलेंस) एबी श्रीनिवास ने इस सहयोग पहल के उद्देश्यों एवं संभावित लाभों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए शैक्षणिक विशेषज्ञता को औद्योगिक लाभ में बदलने की संभावनाओं को रेखांकित किया।

ये खबर भी पढ़ें: संविधान बचाओ रैली-सम्मेलन: पूर्व सीएम भूपेश बघेल पहुंचे भिलाई बौद्ध विहार, लिया तैयारियों का जायजा

आईआईएम रायपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. राजीव ए. एवं डॉ. प्रणीत कुमार रॉय सहित अन्य संकाय सदस्यों ने सहयोग की कार्यप्रणाली को विस्तारपूर्वक साझा किया तथा इस भागीदारी से उत्पन्न होने वाले सकारात्मक परिणामों के प्रति आशावाद व्यक्त किया।

ये खबर भी पढ़ें: CG Big News: सीएमएआई के साथ एमओयू साइन, देश का नया टेक्सटाइल हब बनेगा छत्तीसगढ़

इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (सिन्टर प्लांट्स) एके दत्ता, मुख्य महाप्रबंधक (बीआरएम) योगेश शास्त्री, मुख्य महाप्रबंधक (सीबीडी) इंद्रजीत सेनगुप्ता, महाप्रबंधक (बीई) मनोज दुबे, तथा महाप्रबंधक (मानव संसाधन-एल एंड डी) संजीव श्रीवास्तव, सहित भिलाई इस्पात संयंत्र के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 न्यूनतम-हायर पेंशन चाहिए तो भेजिए EPFO, श्रम मंत्री, PMO को लेटर, ये है फॉर्मेट