बीएसपी HMS के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र रिटायर, कोल इंडिया के बाद भिलाई स्टील प्लांट में 33 साल नौकरी, पढ़ें कुंडली

BSP HMS General Secretary Pramod Kumar Mishra Retired After Working in Coal India he worked for 33 Years at Bhilai Steel Plant
  • देवरिया (उत्तर प्रदेश) के मूल निवासी प्रमोद कुमार का बचपन भिलाई में बीता।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। HMS महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र का समर्पण, सादगी और संघर्ष से भरे जीवन की कहानी का एक अध्याय 31 अक्टूबर को पूरा हुआ। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के भिलाई स्टील प्लांट (SAIL-BSP) में 33 साल नौकरी के बाद रिटायर हो गए। 31 अक्टूबर शाम तक उनकी सेवा है।

33 वर्षों की लम्बी नौकरी के बाद भी प्रमोद कुमार का चेहरा संतोष और कर्तव्यनिष्ठा की झलक लिए मुस्करा रहा। हॉट शॉप से लेकर रिपेयर शॉप तक प्रमोद कुमार ने हमेशा कर्म को पूजा माना। विवादों से भी सामना हुआ। अपने काम और मजदूर हितों को प्राथमिकता दी। रिटायरमेंट के अवसर पर सीजीएम ने उन्हें बुलाकर सम्मानित किया, जो उनके कर्मठ जीवन की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

उनकी विदाई भी कुछ खास है। घर पर अखंड रामायण पाठ का आयोजन हुआ और शाम को प्रीतिभोज का आयोजन रखकर साथियों ने उनके योगदान को यादगार बना रहे।

ये खबर भी पढ़ें: कोक ओवन-सीसीडी से रिटायर कार्मिकों को मंत्र-अंतिम भुगतान की राशि राष्ट्रीयकृत बैंक में ही करें जमा, मेडिक्लेम सुविधा का लें लाभ

देवरिया (उत्तर प्रदेश) के मूल निवासी प्रमोद कुमार का बचपन भिलाई में बीता। उनके पिता मारकंडे नाथ मिश्र बीएसपी के बीबीएम से रिटायर हुए थे। प्रमोद कुमार मिश्र ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और एलएलबी की डिग्री हासिल की।

उनका करियर 1987 में लोहिया मशीन लिमिटेड, कानपुर से शुरू हुआ। इसके बाद रायपुर एलायड स्टील लिमिटेड से जुड़े। कुछ समय तक यहां नौकरी की। कॅरियर में आगे बढ़ने की ललक लिए प्रमोद कुमार मिश्र ने कोल इंडिया की साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड-एसईसीएल को ज्वाइन किए।

1989 से 1992 तक लक्ष्मण प्रोजेक्ट में सेवाएं दीं। यहीं एचएमएस यूनियन के संपर्क में आए और ट्रेड यूनियन में सक्रिय हो गए। सितंबर 1992 में सेल-भिलाई स्टील प्लांट से जुड़कर एसएमएस-1 में कार्यभार संभाला और अब एसएमएस-3 के रिपेयर शॉप इंचार्ज के रूप में विदा ली।

ये खबर भी पढ़ें: आखिर तक जमीं रहीं जेमिमा, शतक ने भारत को पहुंचाया #CWC25 के फाइनल में, जीत के जश्न में छलका आंखों से आंसू

1996 से 2016 तक वे इंटक से जुड़े रहे

ट्रेड यूनियन की दुनिया में प्रमोद कुमार का नाम समर्पित नेतृत्व के रूप में जाना जाता है। 1996 से 2016 तक वे इंटक से जुड़े रहे। इसके बाद एचएमएस (हिंद मजदूर सभा) से महासचिव बने। चार बार उनका नाम श्रम अवार्ड के लिए भेजा गया, जो उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
पारिवारिक जीवन में भी वे उतने ही संतुलित हैं। उनकी बेटी बैंक ऑफ इंडिया, बिलासपुर में मैनेजर हैं और दामाद भी मैनेजर हैं। बेटा भिलाई सेक्टर-10 में कैफे चला रहा है।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL ने ग्रेच्युटी 25 लाख करने का 29 अक्टूबर को किया प्रावधान, 30 को सर्कुलर जारी, अब पर्क्स पर SEFI ये बोला

प्रमोद कुमार रुकने वाले नहीं

सेवानिवृत्ति के बाद भी प्रमोद कुमार रुकने वाले नहीं। वे कहते हैं, “अब जीवन का अगला अध्याय ठेका मजदूरों के अधिकारों के लिए समर्पित रहेगा।” अब वे एचएमएस के महासचिव पद का कार्यभार किसी योग्य सहयोगी को सौंपने की तैयारी में हैं। 35 साल की यह यात्रा केवल नौकरी नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और संघर्ष की प्रेरक कहानी है।