BSP के बैरियर को तोड़ने की कोशिश, टला हादसा, इधर-बोरिया गेट पर जान जोखिम में

  • बोरिया गेट से इस्पात भवन जाने वाले मार्ग पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। इसलिए दोनों छोर पर बैरियर लगाया गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई टाउनशिप में बैरियर तोड़ने की तीसरी घटना सामने आ गई है। दिन के उजाले में ट्रक चालक ने भिलाई स्टील प्लांट के बैरियर को तोड़ने की कोशिश कर दी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। वाहन बैरियर में फंसने की वजह से चालक भाग नहीं सका। पास में ही मौजूद सीआइएसएफ जवानों ने उसे रोक लिया।

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किसी के घायल होने की खबर नहीं है। वहीं, टीआई भट्‌टी थाना एके कुशवाहा ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि पेट्रोलिंग टीम को सूचना मिली थी कि बोरिया गेट के पास कोई घटना हुई है। लेकिन वहां कोई मिला नहीं था।

बोरिया गेट से इस्पात भवन जाने वाले मार्ग पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। इसलिए दोनों छोर पर बैरियर लगाया गया था। जिसे पिछले दिनों किसी भारी वाहन ने तोड़ दिया था। इसके बाद नया बैरियर लगाया गया। यह भी सफल नहीं हो सका। इस वजह से प्रबंधन ने यहां का बैरियर निकालकर फायर ब्रिगेड मुख्यालय के पास दोनों मार्ग पर लगा दिया। ताकि कोई वाहन इस दिशा न ज सके। लगाए गए नए बैरियर को ही तोड़ने की कोशिश की गई।

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इधर-बोरिया गेट पर यातायात व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। संयंत्र प्रबंधन ने कहा था कि बोरिया गेट के सामने पार्किंग स्थल से गाड़ियों को संयंत्र के भीतर प्रवेश के लिए टोकन मिलेगा। टोकन के हिसाब से ही इंट्री होगी। लेकिन आप सुबह या कभी भी देखते हैं ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आएगी। उल्टे नो एंट्री टाइम एवं ड्यूटी आते जाते समय भी एक तरफ गाड़ियों की तीन तीन लाइन लगी रहती है।

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ATM के सामने दूसरी तरफ से फ्लाईओवर बंद होने के बाद भी भट्टी थाने के सामने से भारी वाहनों की आवाजाही लगातार रहती है। नो एंट्री समय में भी भारी वाहन घुस आते हैं, बल्कि गेट के सामने के चौक से रॉन्ग साइड से गाड़ियां निकालने की तस्वीर भी सामने आती है। कई बार कार, और बाइक सवार हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बचते हैं। इतना जरूर है प्रबंधन किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में है।

इसके पहले पार्किंग एरिया के आगे में एक हार्ड बैरियर भी लगा हुआ था। जिसे एक वाहन ने ठोकर मारकर ही तोड़ दिया, जिसे दोबारा बनाया नहीं गया है। इस पूरे मामले को लेकर यूनियन कई बार उच्च प्रबंधन से शिकायत करने के बाद बेहतर व्यवस्था करने की बात प्रबंधन से की थी। लेकिन वर्तमान स्थिति देकर ऐसा लगता है कि यह रास्ता संयंत्र एवं संयंत्र कर्मचारी एवं उनके भारी वाहनों के लिए ना होकर यहां से गुजरने वाले भारी वाहनों के लिए टोल बचाने का एक माध्यम बन गया है। कर्मचारियों की जान हमेशा खतरे में रहती है।