- इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, भिलाई में अभियंता दिवस का आयोजन।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सहयोग से इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), भिलाई लोकल सेंटर द्वारा 56 वां “इंजीनियर्स डे 2023” का संयुक्त रूप से इंजीनियर्स भवन न्यू सिविक सेंटर में किया गया। इस आयोजन की थीम “इंजीनियरिंग इनोवेशन फॉर अ मोर रेसिलिएंट वर्ल्ड” थी। कार्यक्रम का शुभारम्भ, भारत रत्न एम विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।
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इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डायरेक्टर (आईआईटी, भिलाई) डॉ राजीव प्रकाश, विशेष अतिथि और प्रमुख वक्ता के रूप में भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी तथा एक कुशल इंजीनियर अनिर्बान दासगुप्ता उपस्थित थे।
भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता को इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स द्वारा “लाइफ टाइम इंजीनियरिंग एक्सीलेंस अवार्ड” से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप शॉल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
इस अवसर पर भिलाई लोकल सेंटर के पूर्व अध्यक्षों एवं सचिवों का अभिनंदन किया गया। इंजीनियर और संयंत्र के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों एच वी शर्मा, एम डी अग्रवाल, जी वी चाऊजी, ए पी मिश्रा का स्मृति चिन्ह, शॉल तथा श्रीफल से सम्मान किया गया। साथ ही बीआईटी, दुर्ग के प्रोफेसर सुब्रता नागपाल, एसोसिएट प्रोफेसर (सिविल) डाक्टर निशांत यादव, प्रोफेसर (ईटीसी) डाक्टर अरूण साहू, एसोसिएट प्रोफेसर (मेकेनिकल) डाक्टर संतोष कुमार मिश्रा को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस के मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (खदान) बिपिन कुमार गिरी सहित अनेक अभियंता और भिलाई इस्पात संयंत्र के पूर्व अधिकारी, इंजीनियरिंग महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं एवं पालकगण उपस्थित थे।
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मुख्य अतिथि, निदेशक आईआईटी भिलाई डॉ राजीव प्रकाश ने इस अवसर पर सभी अभियंताओं को अभियंता दिवस की शुभकामनाएं देकर सार्थक चर्चा करते हुए कहा कि इंजीनियर्स की क्षमता और शक्ति को आज देष, देख और महसूस कर रहा है। चंद्रयान हो या ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग का ही योगदान। यह इंजीनियरिंग प्रोफेषन के प्रति समाज में एक सम्मान और आकर्षण लाता है।
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उन्होंने श्री अनिर्बान दासगुप्ता का उदाहरण देते हुए कहा कि यह मेरे सीनियर रहे है और मेटलर्जी में इंजीनियरिंग कर चुके हैं। हमने इंजीनियर बनने के पीछे पैकेज को कभी महत्व नहीं दिया, अपने व्यवसाय के प्रति पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य किया है जिसका फल यह है कि आज वे भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रमुख के रूप में हमारे बीच उपस्थित है।
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उन्होंने इंजीनियर बनने वाले विद्यार्थियों और उनके पालकों को विशेष रूप से सम्बोधित करते हुए कहा कि आज मैं देखता हूं कि बच्चों में बहुत प्रेशर बना हुआ है हर कोई आईटी की ओर आकर्षित है। मेरा अनुभव कहता है कि इंजीनियरिंग की सभी ब्रांच में स्कोप है, आप सभी शुरूआत तो करिए।
उन्होंने कहा कि समय बदल रहा है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर चर्चा करते हुए कहा कि समाज, परिवार और देश के प्रति हम सबका एक दायित्व है इसे समझना जरूरी है। यह बच्चों के परिजनों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को प्रारंभ से ही इसका ज्ञान करायें। पैकेज के पीछे भागमभाग न करें।
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कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा कि मेरे लिए गर्व का विषय है कि मैं आज इस समारोह में शामिल हुआ और भिलाई बिरादरी के सदस्यों को सम्बोधित कर रहा हूं। उन्होंने डाक्टर विश्वेश्वरैया की स्मृतियों की चर्चा करते हुए कहा कि उनका योगदान हम सबके लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने अभियंता दिवस पर पूरी भिलाई बिरादरी के अभियंताओं और बच्चों को अपनी शुभकामनाएं प्रदान की।
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अनिर्बान दासगुप्ता ने अपने मुख्य संबोधन में चंद्रयान, मंगलयान और देश की आत्मनिर्भरता की चर्चा करते हुए कहा कि हम सब अभियंताओं को गर्व होता है कि हम इस देश के सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि विगत 100-150 वर्षों में विज्ञान ने बहुत उन्नति की है। तकनीक ने जीवन में बहुत गति लाई है। हम सभी तकनीकी रूप से बहुत आगे बढ़ गये हैं। आज हम अपने सामने प्रकृति, पर्यावरण, प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, नष्ट होती जा रही प्रजातियां और बदलते पर्यावरण को स्पष्ट महसूस कर पा रहे हैं। आज हमारे सामने यह सब एक बड़ी चुनौती के रूप में मौजूद है। इस दिषा में हम इंजीनियर्स को और विज्ञान से जुड़े लोगों को चिंतन करना चाहिए कि हम अपनी प्रकृति को फिर से वैसे ही सुंदर और प्रदूषण मुक्त बना पाएं।
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उन्होंने कहा कि पृथ्वी को जो नुकसान हुआ है उसे अभी भी सुधारा जा सकता है। तकनीक इसमें बहुत मदद कर सकती है। उन्होंने कार्बन डाइऑक्साइड, सौर ऊर्जा, जियो थर्मल एनर्जी, बायो एनर्जी की चर्चा करते हुए कहा कि इससे हम कार्बन डाइऑक्साइड को कम करने में सफल हो सकते है।
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इस दिशा में सभी इंजीनियर्स (Engineers) को विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम की चर्चा करते हुए कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है यह धारणा भारत की महानता और विशेषता को प्रदर्षित करती है। भिलाई (Bhilai) भी एक लघु भारत है मैं आज इस अवसर पर आप सभी को अपनी शुभकामनाएं प्रदान करता हूं।
आईईआई (IEI), बीएलसी (BLC) के अध्यक्ष पीके तिवारी (PK Tiwari) ने स्वागत संबोधन में इंजीनियर्स डे (Engineer’s Day) की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इंजीनियर्स ने जीवन को एक दिशा प्रदान की है। उन्होंने चंद्रयान (Chandrayaan) के सफलता की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें ‘सेल’ का भी बहुत योगदान रहा है। उन्होंने अनिर्बान दासगुप्ता (Anirban Dasgupta) को सम्मानित करने और उनके योगदानों की चर्चा करते हुए कहा कि इस माध्यम से हम भिलाई बिरादरी को सम्मानित कर रहे हैं।
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इस अवसर पर लोकल सेंटर भिलाई (Local Center Bhilai) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेकर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कॉलेज (Engineering and Diploma College) के छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया। साथ ही भिलाई लोकल सेंटर के पूर्व अध्यक्ष एवं सचिव को भी उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
इसके बाद छात्रों को प्रमाणपत्र वितरण के साथ वक्ताओं और निर्णायकों का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में सचिव (आईईआई, बीएलसी) डॉ नागेन्द्र त्रिपाठी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित दिया गया।