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Bokaro Steel Plant: मैनेजर श्रीकांत का शाम तक पोस्टमार्टम, केस उलझा, विभागीय अधिकारियों संग इनसे होगी पूछताछ

Bokaro Steel Plant: मैनेजर श्रीकांत का शाम तक पोस्टमार्टम, केस उलझा, विभागीय अधिकारियों संग इनसे होगी पूछताछ
  • इंस्पेक्टर अमित रत्न ने Suchnaji.com से बातचीत में बताया कि यह मामला काफी उलझा हुआ दिख रहा है। कुछ भी अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है।

अज़मत अली, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority Of India Limited) के बोकारो स्टील प्लांट में कोहराम मचा हुआ है। Bokaro Steel Plant के युवा मैनेजर की लाश कमरे में पाई गई है। मौत का कारण जानने के लिए पुलिस छानबीन कर रही है, लेकिन अब तक कोई ऐसा सुराग हाथ नहीं लगा है।

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मृतक मैनेजर श्रीकांत के भाई और रिश्तेदार दोपहर तक आंध्र प्रदेश से बोकारो पहुंचने वाले हैं। इसके बाद पुलिस पंचनामा कर पोर्स्टमार्टम के लिए ले जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चल सकेगा कि मौत हार्ट फेल से हुई या सुसाइड किया गया। बीएसएल (BSL) के सेक्टर-4 एफ के एक आवास से श्रीकांत के शव को कमरे का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया था।

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इस हादसे को लेकर सेल (SAIL) के सभी स्टील प्लांट में गम का माहौल है। कर्मचारी और अधिकारी शोक व्यक्त कर रहे हैं। इंस्पेक्टर अमित रत्न ने Suchnaji.com से बातचीत में बताया कि यह मामला काफी उलझा हुआ दिख रहा है। कुछ भी अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। दरवाजा तोड़ा गया तो मृतक के हाथ में मोबाइल था और आसपास कुछ भी संदिग्ध चीज नहीं मिली है।

रूम पार्टनर से बयान लिया गया है। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही कुछ और क्लियर हो सकता है। फिलहाल, पुलिस जांच भी जारी है। परिवार वालों, विभागीय अधिकारियों और पड़ोसियों से भी पूछताछ की जाएगी। मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला जाएगा।

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मृतक श्रीकांत की उम्र महज 31 साल ही थी। कम उम्र में इस तरह की घटना को किसी भी सूरत में नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि, पुलिस गंभीरता से मामले की जांच में जुटी है।
2015 बैच के श्रीकांत के साथी बता रहे हैं कि वह काफी शांत रहता था। पढ़ाई-लिखाई और नौकरी के प्रति समर्पित था। बहुत ज्यादा दोस्ती-यारी में नहीं रहता था। स्टेट पीसीएस की तैयारी कर रहे थे। पहला चरण क्लियर हुआ, लेकिन वह कैंसिल हो गया।

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दूसरी तरफ, बोकारो जनरल हॉस्पिटल के डाक्टर भी कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। डाक्टरों ने यह आशंका जताई है कि शव मिलने से करीब चार-पांच घंटे पूर्व ही दम निकल चुका होगा। ऐसा प्रतीत हो रहा था। जब श्रीकांत को लाया गया तो वह मृत थे।